Antarctica Long Night: अंटार्कटिका (Antarctica Long Night) में बीते रात में 13 मई को इस ऋतु का आखरी सूर्यास्त देखा गया। जिसके बाद से चार महीने लंबी चलने वाली अंधेरी रात शुरू हो गई है. वैसे तो यह समय अंटार्कटिका संबंधी किसी भी शोधकार्य के लिए उपयुक्त नहीं हैं.यह समय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों, खास तौर से अंतरिक्ष यात्रियों के लिए विशेष होता है. यूरोपीय स्पेस एजेंसी छेत्र (European Space Agency) का अंतरिक्ष यात्रियों का एक समूह अंटार्कटिका में स्थित कॉन्कॉर्डिया स्टेशन ले जाया गया है ।जिससे वे कई महीनों के अलगाव और अन्य चरम चिलचिलाती धूप,गर्म हवाओं वाली धूप के वातावरण में रहने की तैयारी कर सकें.
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यह समय उनके लिए आदर्श समय होता है क्यों कि अंटार्कटिका ऐसे समय में लंबे अंतरिक्ष अभियानों पर जाने से पहले अंतरिक्ष यात्री खुद को चरम स्थितियों में रहने का अभ्यास करसकते हैं.{12} सदस्यीय दल का प्रशिक्षण अंटार्कटिका में कॉन्कॉर्डिया का संचलान यूरोपीय स्पेस एजेंसी करती है. इस सूर्यास्त के बाद से ही 12 सदस्यीय क्रू का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया जो पूरी सर्दियों भर यहीं रहेंगे.
दो विशाल सिलेंडर के आकारनुमान इमारत में रहने और काम करने की जगह है जबकि तीसरे इमारत में तकनीक उपकरण हैं जिसमें इलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट और बॉयलर कमरा भी शामिल है. यही बेस है जहां अंटार्कटिका में साल भर लोगों उपस्थिति रहती है.उस बेस का प्रबंधन और वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे. इन प्रयोगों में कठिन परिश्रम से वातावरण का इंसानों पर प्रभाव का अध्ययन करना प्रमुख लक्ष्य होगा.
तीन इमारतों वाला बेस इस बेस में अंटार्कटिका की सर्दियों के दौरान 16 सदस्यों का क्रू रह सकता है.ऐसे में रक्षा व्यय में वृद्धि की संभावना बनी हुई है। आंकड़े दर्शाते हैं कि वैश्विक एवं राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों के रक्षा व्यय में वृद्धि का सिलसिला जारी है, और इसके दीर्घकाल तक जारी रहने के स्पष्ट संकेत नजर आ रहे हैं।
यह अच्छी स्थिति नहीं है कि किससे जन्नती से जुड़े विकास का ग्राफ निश्चित रूप से नीचे आएगा जिसके दूरगामी दुष्परिणाम संभव हैं। विकास के मध्य में अपेक्षाकृत अधिक खर्च किया जाना चाहिए लेकिन सैन्य खर्च में वृद्धि के चलते वैश्विक आर्थिक विकास को प्रभावित हो रहा है । वैसे विशेषज्ञों की विशाल बहूसंख्या का मत है कि वर्तमान स्थिति में किसी बुनियादी स्तर के अंतर की संभावना नहीं के बराबर है।
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क्योंकि विश्व के अधिकांश देशों का खर्च बढ़ता ही जा रहा है । विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति में बुनियादी परिवर्तन के संकेत नहीं मिल रहे हैं ऐसे में यह सुरक्षित होगा कि भविष्य में भी वृद्धि का सिलसिला जारी रहेगा । विश्व में तनाव के ढेर सारे स्थल हैं इतना ही नहीं तनाव अस्तित्व में आया और विकसित हो रहे हैं।यह तब तक बरकरार रहेगा जब तक बुनियादी नीतिगत परिवर्तन नहीं होते और ऐसे परिवर्तनों के दूर-दूर तक कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं ।
विशेषज्ञ की मानें तो इस स्थिति में फिलहाल किसी बुनियादी परिवर्तन की संभावना नजर नहीं आ रही है ।जो लोग परिवर्तन की संभावना देख रहे हैं ऐसे लोगों की कभी भी कमी नहीं रही है वैसे इधर ऐसे तत्वों के शिकार लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है.पूरी दुनिया से 9 महीनों तक अलग इन प्रयोगों में कुछ बायोमेडिकल प्रयोग भी शामिल होंगे जो क्रू के सदस्य खुद पर ही आजामाएंगे और यह जानने का प्रयासकरेंगे कि इंसान चरम एकांत हालात में कैसे जी सकता है.ईसा की वेबसाइट में बताया गया कि इन कार्यों में नींद का अध्ययन से पेट तक के मापन का स्वास्थ्य शामिल हैं.