Anand Mahindra: उद्योगपति आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। ट्विटर पर अपने दिलचस्प ट्वीट एवं कमेंट से लगातार छाए रहते हैं। आनंद महिंद्रा विभिन्न चीजों को लेकर ट्वीट करते हैं तथा उस पर अपनी राय भी रखते हैं। उनके कई सारे ट्वीट काफी मोटिवेशनल होते हैं तो कई बहुत ही मजेदार। ताजा ट्वीट में आनंद महिंद्रा ने एक हाथी का वीडियो शेयर किया है। जिसमें लोग हाथी का बर्थडे मना रहे हैं। लोग हाथी को घेर कर खड़े हैं एवं हैप्पी बर्थडे का शोर सुनाई दे रहा है।
इस पोस्ट में
Anand Mahindra ने ट्वीट करते हुए यह लिखा कि मुझे बताया गया है कि यह क्लिप तिरुवनाइकवल मंदिर यानी कि तमिलनाडु का है। जहां अकिला नाम के हाथी का बर्थडे मनाया गया। यह वीडियो हाथी के जन्मदिन के समारोह का है। मुझे उस का ठेठ देसी अंदाज एवं उसका सिर हिलाना पसंद आया। ये देखने के लिए एक अच्छी क्लिप है। आप अगर भी कभी खुश रहना चाहते हैं।
महिंद्रा द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो में हाथी के सामने फलों से भरा एक थाल रखा है। इसमें से हाथी एक-एक कर फलों को अपनी सूंड से उठा कर खा रहा है। यह देखकर आसपास खड़े लोग जोर-जोर से हैप्पी बर्थडे टू यू बोल रहे हैं। हाथी को खूबसूरत तरीके से सजाया गया है एवं लोगों के शोर पर भी वह धीरे-धीरे अपना सिर हिला रही है। हाथी का धीरे-धीरे सिर हिलाना महिंद्रा को खूब पसंद आया। जिसका जिक्र उन्होंने अपने ट्वीट में किया है।
Anand Mahindra के ट्वीट पर एक योजन ने कमेंट कर यह लिखा कि मैं तिरुवनाइकोविल (त्रिची) से हूं। हाल ही में हुए अकिला के बर्थडे सेलिब्रेशन का वीडियो है। दक्षिण भारत के मंदिरों में अक्सर ही हाथी देखने को मिलते हैं। खासकर वहां पर हाथियों को बहुत ही खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है।
अभी हाल ही में Anand Mahindra ने एक देसी जुगाड़ का वीडियो शेयर किया था। जिसमें एक शख्स बोतल, रस्सी से फल तोड़ने की देसी मशीन बना देता है। महिंद्रा ने जुगाड़ी चीज को बनाने वाले युवक की जमकर तारीफ की थी। वीडियो में एक शख्स प्लास्टिक की बोतल, एक पाइप तथा रस्सी का उपयोग कर एक शानदार जुगाड़ का मशीन बना देता है। जुगाड़ से बनी मशीन की मदद से पेड़ पर लगे फलों को आसानी से तोड़ा जा सकता है।
जब हमारे प्लेन को करानी पड़ी इमरजेंसी लैडिंग
फिनोलॉजी के अनुसार Anand Mahindra के सामने सबसे बड़ी चुनौती में से एक थी जब उन्हें वर्ष 1991 में एमएंडएम की कांदिवली फैक्ट्री का काम सौंपा गया था। उस वक्त कर्मचारी हड़ताल पर थे तथा सब ने उनके ऑफिस को घेर लिया। जिसके बाद से सब को लगा कि आनंद महिंद्रा ने उनकी मांग पूरी की होगी। लेकिन आनंद महिंद्रा ने दूसरा तरीका अपनाया तथा कहा कि अगर कर्मचारी काम पर नहीं लौटे तो उन्हें दिवाली बोनस नहीं दिया जाएगा और हड़ताल रुक गई। किसने सोचा होगा कि इस तरह हड़ताल खत्म हो सकती है। बाद में उनके नेतृत्व में कंपनी की प्रोडक्टिविटी 50 फ़ीसदी से बढ़कर 150 फ़ीसदी हो गई।