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Amul Butter Shortage: कई हफ्तों से गायब था Amul मक्खन, MD ने बताई भारी कमी की असली वजह

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Amul Butter Shortage Explained: पिछले कई हफ्तों से बाजार में अमूल मक्खन गायब है। सभी लोग यह जानने के लिए बेचैन है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि कंपनी को भी अमूल मक्खन के गायब होने का कारण बताना पड़ा है।
इस सिलसिले में आर एस सोढ़ी जो गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं उन्होंने कहा कि आने वाले करीब 10 से 15 दिनों में ही मार्केट में अमूल बटर की उपलब्धता आसान हो जाएगी। वही स्पोक्स पर्सन ऑफ मदर डेयरी ने दी जानकारी के मुताबिक अब प्रोडक्शन को भी बढ़ाया गया है और सप्लाई भी तेजी से शुरू हो जाएगी।

इस महीने तक दूर हो जाएगी अमूल बटर की शॉर्टेज

दरअसल के करीब पिछले 2 महीने पहले गायों में लंपी वायरस के फैलाव के बाद दूध की उपलब्धता में भी बहुत बड़ी कमी हुई थी। इसका सीधा असर बटर के प्रोडक्शन भी देखने को मिला था। बटर का उत्पादन काफी कम होने लगा था और यही वजह थी कि मार्केट में बटर की भी शॉर्टेज होने लगी थी। लेकिन अब अमूल डेयरी और मदर डेयरी जैसी बड़ी बड़ी कंपनियों ने अब फिर बार बटर के प्रोडक्शन को बढ़ाने के प्रयास शुरू किए हैं। इन दोनों कंपनी की कोशिश है कि इसी महीने में बटन की किल्लत को कम से कम कर दिया जाए।

आखिर क्यों हुई किल्लत?

Amul Butter Shortage

Amul Butter Shortage, पिछले कुछ समय से देशभर में बटर की किल्लत होने की मुख्य वजह दूध की आपूर्ति की कमी ही रही है। इसके अलावा जुलाई और अक्टूबर महीने में दूध की डिमांड भी तेजी से बढ़ गई थी। लंपी वायरस के अटैक के बाद गायों के दूध की भी शॉर्टेज होने लगी थी। वही चारे के दामों में बढ़ोतरी और किसानों का डेरी का बिजनेस छोड़ देना भी बटर की किल्लत की वजह रही है।

देशभर में बटर की किल्लत होने का प्रमुख कारण

इन सब में सबसे प्रमुख कारण मवेशियों में लंपी वायरस का अटैक होना ही रहा है। इस बीमारी के कारण ही मवेशी बुरी तरह कमजोर हुए और इसका सीधा प्रभाव उनके दूध की क्वालिटी (Quality) और क्वांटिटी (Quantity) दोनों पर देखने को मिला है।

यही वजह थी कि दूध के उत्पादन में इस साल पिछले साल की तुलना में 6% की गिरावट दर्ज हुई है। इतना ही नहीं बड़े-बड़े सप्लायर्स भी यह फैसला कर चुके है कि पहले दूध के उत्पादन और सप्लाई को सक्षम बना लेंगे उस बाद ही डेरी प्रोडक्ट की सप्लाई पर भी जोर देंगे।

26,500 करोड़ रुपये का बटर और घी का मार्केट

इस सिलसिले में CRISIL मार्केट इंटेलिजेंस और एनालिटिक्स के रिसर्च डायरेक्टर पुश्न शर्मा कहते हैं कि भारत में बटर और घी का बाजार करीब 26,500 करोड़ रुपये का है। यहां फेस्टिव सीजन में यानी कि दिवाली पर एक्यूट शॉर्टेज महसूस हुई थी। देश में मासिक औसत बटर की खपत करीब 500,000 टन है।

Amul Butter ShortageAmul Butter Shortage

डिसटीब्यूटर्स ने भी महसूस की अमूल बटर की कमी

Amul Butter Shortage, लंपी वायरस के दौरान हुई परेशानियों के समय डिसटीब्यूटर्स ने दूध के बजाय सबसे ज्यादा अमूल बटर की कमी महसूस की थी। एक डिस्ट्रीब्यूटर के अनुसार उन्हें अन्य दिनों में 100 ग्राम अमूल बटर की बिक्री के लिए करीब 1000 से आसपास बॉक्सेस के ऑर्डर मिला करते थे। लेकिन लंपी वायरस के बाद हुई किल्लत के कारण यह संख्या आधी होकर सिर्फ 500 बॉक्स पर ही सिमट कर रह गई थी। अमूल बटर के एक बॉक्स में करीब बटर की 30 यूनिट शामिल होते हैं। अब कंपनी डिस्ट्रीब्यूटर को भी इस बात के लिए एश्योर कर दिया है कि इसी महीने तक बटर की सप्लाई नॉर्मल हो जाएगी।

Amul Butter Shortage, सोढी के अनुसार पिछले साल की तुलना में सेल भी काफी ज्यादा बढ़ चुका है। जिसके मुताबिक अब प्रोडक्शन को मैच करने की भी पूरी कोशिश की जा रही है और अब जल्द ही सप्लाई भी ठीक हो जाएगी।

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कोविड के बाद बढ़ी मांग

Amul Butter Shortage Amul Butter Shortage

गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के एमडी सोढ़ी के अनुसार,

“कोविड 19 से उभरने के बाद ही लोगों में डेयरी प्रोडक्ट की डिमांड तेजी महसूस की गई है। इसके अलावा फेस्टिव सीजन और दिवाली के समय भी डिमांड रही थी। इसी बात से यह अंदाजा लगाया गया है कि अगले साल भी सप्लाई टाइट रहने की उम्मीद है। लेकिन हम भी कीमतों को कम रखने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।”

वहीं मदर डेयरी के स्पोक्सपर्सन ने कहा कि,

” फेस्टिव सीजन में मिल्क और मिल्क से बने प्रोडक्ट्स की डिमांड देखी गई। साथ ही डोमेस्टिक और कमर्शियल यूज में बटर की डिमांड भी तेजी से बढ़ी। इस लिए अब तक जो टेंपरेरी शॉर्टेज हुई थी उस पर कंट्रोल कर लिया जाएगा। हमारे देश में प्रति वर्ष 210 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है। देश में मवेशियों की संख्या भी करीब 200 मिलियन तक है।

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