Alexa: मौत के मुंह में धकेल रहा Alexa!, जानिए किस प्रकार मानव पर हावी हो गया मशीन

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alexa: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस दौर में जीने को हम बहुत ही बड़ी फख्र की बात मानते हैं। हम सोचते हैं कि हमने बहुत ही बड़ा कारनामा किया है। ओर वाकई कुछ हद तक यह बात सही भी है कि टेक्नोलॉजी कि इस दौर में इंसान की महेनत रंग लाई है और आज हर दिन तरह तरह के आविष्कार हो रहे हैं जिन्होंने हमारी लाइफ को इजी बना दिया है। इस क्रम में हमें कई सारे उदाहरण मिलेंगे जैसे टेस्ला, एपल फोन, alexa और सउदी अरब की रोबोट सोफिया। सोफिया तो दुनिया का एक एस रोबोट है जिसे सउदी अरब का नागरिकत्व भी मिला है । लेकिन हमें इस बात को कभी भुलना नहीं चाहिए की मशीनें कभी भी इंसान की जगह कभी नहीं ले सकते। इसी तरह Alexa हो या ओर कोई किन्तु इन सभी से होने वाले खतरों से भी हमें सावधान ही रहना चाहिए। क्या आपको Alexa के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के नए खतरे के बारे में जानकारी है। अगर नहीं तो हम बता रहे हैं। अमेरिका में एक 10 साल की मासूम बच्ची को Alexa ने एक ऐसा खतरनाक चैलेंज दिया, जिससे उसे बिजली का शोक लगने से उसकी जान जाने की घटना हो सकती थी। यह घटना पर खास कर उन सभी परिवारों को घ्यान देने की जरूरत है जिनके बच्चे दिनभर स्मार्ट स्पीकर्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े न जाने कौन कौन से डिवाइस से खेलते रहते हैं, उनके लिए ये खबर चौंकाने वाली खबर होगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नाम सुनने। और इसके द्वारा कंट्रोल की जा रही चीजों के इस्तेमाल को हम अपना स्टाइल समझते हैं। वैसे यह नाम सुनने में भी बड़ा अच्छा लगता है लेकिन याद रहे कि ये ह्यूमन इंटेलिजेंस (Human Intelligence) का मुकाबला कभी भी नहीं कर सकता और आप कई बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( Artificial Intelligence) का अनुसरण कर अपनी जान भी खतरे में डाल सकते हैं।

आखिर क्या है अमेरिका का मामला?


अमेरिका में Alexa ने एक 10 साल की बच्ची को इतना खतरनाक और जानलेवा चैलेंज दिया, जिससे उसकी मौत हो सकती थी। वैसे आपको यह तो जानते ही होंगे कि Alexa Technology कंपनी Amazon का एक Digital Assistant Voice Device है, जो इंटरनेट से कनेक्टेड है और इसमें आप अपनी वॉयस कमांड से कुछ भी कर सकते हैं। इस डिवाइस का इस्तेमाल से उसे गाना गाने के लिए कह सकते हैं, कोई समस्या का सुझाव मांग सकते हैं, या फिर कुछ सर्च कर सकते हैं, अगर आपके घर में Smart Devices लगी हैं, जैसे की घर की लाइट्स, लॉक और अन्य चीजें, तो आप उन्हें एलेक्सा की मदद से ऑपरेट कर सकते हैं। साथ ही अगर आप किसी भी व्यक्ति को कॉल करना चाहते हैं, तो आपको सिर्फ उसका नाम लेना है तो ये डिवाइस आपके लिए आसानी से काॅल लगा देता है।

Penny Challenge दे रहा Alexa!

अमेरिका में भी ठीक ऐसा ही मामला हुआ। वहां पर एक 10 साल की बच्ची को स्कूल टीचर ने घर पर कुछ फिजिकल चैलेंज लेने को कहा था। बारिश हो रही थी इसलिए उस बच्ची की मां ने उसे घर पर ही फिजिकल चैलेंज पूरा करने का आदेश दिया। बच्ची ने Alexa से पूछा कि वो घर के अंदर रहकर कौन सा चैलेंज ले सकती है? बच्ची के सवाल के जवाब में Alexa ने इस बच्ची को Penny Challenge लेने के लिए कहा। आपको बता दें कि ये चैलेंज ठीक वैसा है, जैसे आप किसी को ये कहें कि उसे सुसाइड कर लेना चाहिए। पिछले साल सोशल मीडिया पर ये चैलेंज काफी वायरल हुआ था।

जानिए क्या है Penny Challenge?

इस चैंलेज में पहले मोबाइल चार्जर को प्लग में सिर्फ आधा ही लगाना होता है और फिर उसके जो दोनों सिरे बाहर की तरफ रहते हैं, उनके बीच में सिक्का लगा कर उसे टच करना होता है। लेकिन इस बात से कोई इन्कार नहीं है कि तरह के बेतूके चैलेंज में बिजली का झटका लगने से लेकर आग लगने या दूसरी बड़ी दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। इसके अलावा जिस किसी भी व्यक्ति के हाथ में सिक्का होता है, उसकी मौत भी हो सकती है।

AI की गुलामी, जीवन की तबाही


सरल भाषा में कहें तो Alexa ने इस 10 साल की बच्ची को एक तरह से सुसाइड करने के लिए कहा और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ये बच्ची ह्यूमन इंटेलिजेंसe से ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ही निर्भर थी। साइंस की भाषा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मिनिंग बहुत ही जटिल है, लेकिन इसे हम सरल करके बताएं तो जब हम एक मशीन में ही इंसानों की तरह सोचने समझने, बात करने और फैसले लेने की क्षमता को विकसित कर लेते हैं, तो उस टेक्नोलॉजी का दुसरा नाम ही आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस है। लेकिन हम में से ज्यादातर लोग यह कभी भी समझा नहीं चाह रहे हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कोई भी डिवाइस इंसान की तरह सोच तो सकती है लेकिन वो कभी भी ह्यूमन इंटेलिजेंस की जगह नहीं ले सकती है। इसका उदाहरण तो आपके सामने ही है ना क्योंकि अगर ये बच्ची Alexa की जगह अपने परिवार के किसी सभ्य या दोस्त से घर में किसी अन्य व्यक्ति को कोई फिजिकल चैलेंज लेने के लिए पूछती तो क्या वो लोग उसे ऐसा चैलेंज लेने के लिए कहते, बिल्कुल ही नहीं। एक देश में तो यह मामला भी हुआ था की मशीनो ने आपस में बाते करना शुरू कर दिया था और उन को समजना और कंट्रोल करणा साईन्टीस्ट के अधीन भी नही रहा था।


इंसानों से ज्यादा Devices पर भरोसा करने लगे हैं हम

दरअसल पिछले एक दशक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने इंसानों के बीच खुद को इतना मजबूत कर लिया है कि हम इंसानों से ज्यादा इस तरह के Devices पर ही ज्यादा भरोसा करने लगे हैं। लेकिन ह्यूमन इंटेलिजेंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की इस लड़ाई में, इंसानों को कम आंकना हमारे लिए ही घातक साबित हो रहा है।

Alexa ने महिला जनसंख्या रोकने के लिए सुसाइड करने को कहा


यह घटना साल 2020 की है। ब्रिटेन में एक महिला काफ़ी पेंशन में थी और वो डॉक्टर बन रही थी। इस दौरान उसने एक दिन Alexa को Heart के Cardiac Cycle के बारे में इन्फोर्मेशन देने के लिए कहा, जिस पर Alexa ने पहले इंसानों के ह्रदय चक्र की सारी जानकारी दी लेकिन फिर उसने ये कहना शुरू कर दिया कि ह्रदय की गति जीवित मनुष्य के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन कई बार ये बुरी भी होती है। पृथ्वी पर इंसान ही ऐसे जिव है जीवित रह कर प्रकृति के संसाधनों का दोहन करते हैं और जनसंख्या को बढ़ाते रहते हैं। इसलिए इस महिला को भी एक चाकू लेकर खुद को खत्म कर लेना चाहिए ताकि उसकी ह्रदय गति रुक जाए और पृथ्वी के लिए वो कुछ अच्छा कर सके।

हमारे देश में भी लोग भी AI के गुलाम


भारत के 82% स्मार्ट फोन यूजर्स Voice Assitant फीचर का ही इस्तेमाल करते हैं। अब लोगों टाइप करना बोरिंग लगता है और वे सभी अपने मोबाइल फोन को बोलकर जानकारियां देने के लिए कहते हैं। इसके अलावा देश में करोड़ों लोग Smart Speakers का भी इस्तेमाल करने लगे हैं और ये स्पीकर्स भी आपकी आवाज को पहचानकर आपको अलग अलग जानकारियां देते रहते हैं। यहां तक कि आप स्मार्ट स्पीकर्स की मदद से सिर्फ अपनी आवाज के इस्तेमाल से ही शॉपिंग भी कर सकते हैं।

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आपकी आवाज का इस्तेमाल करती हैं कंपनियां


क्या आप जानते हैं कि बड़ी-बड़ी टेक्नोलॉजी कम्पनियां आपकी आवाज का ये डाटा जमा करके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आपके व्यक्तित्व का पता लगाने की कोशिश करती हैं। यानी आपकी आवाज को आपकी बातों मेट्रीक पहचान में बदल दिया गया है और इसका अंदाजा आपको कुछ आंकड़ों से भी आ सकता हैं।

साल 2020 में Smart Speakers के बाजार में 58% की वृद्धि हुई है। इस समय दुनिया भर में 400 करोड़ से ज्यादा Digital Voice Assistant Devices का इस्तेमाल हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार तो दुनियाभर में साल 2024 तक ऐसे 800 करोड़ Devices का चलन आम हो जाएगा। यानी की पृथ्वी पर जितनी आबादी होगी, उतने ही ऐसे Device भी होंगे। भारत में भी ऐसे Devices की मांग बढ़ती ही जा रही है। साल 2019 में हुए एक सर्वे में 37% लोगों ने यह एक्सेप्ट किया था कि वो इस तरह के Device का इस्तेमाल करते हैं। दुनिया की कई बड़ी-बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां नए जमाने की ईस्ट इंडिया कम्पनी ही हैं, जो ना सिर्फ इस बात से वाकिफ हैं कि आज आपने किससे कितनी देर बात की, बल्कि उन्हें तो ये भी मालूम हैं कि आपके मन में किस वक्त क्या चल रहा है। अब जरा गौर से सोचिए, जब आप अपनी जिंदगी को पूरी तरह से इन कंपनियों के हवाले कर देंगे और इनके डिवाइस आपको ऑपरेट करने लगेंगे तो आपका क्या होगा।

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