Akshay Kumar और नितिन गडकरी (Akshay Kumar-Nitin Gadkari) का छह एयरबैग (Six Airbag) की वकालत करने वाला सरकारी ऐड आया है। आखिर ऐसा क्या है इस विज्ञापन में जो यह ऐड आलोचना के घेरे में है। चलिए जानते हैं विस्तार से,
इस पोस्ट में
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari 6 airbags Ad) ने ट्विटर पर शुक्रवार को 6 एयरबैग के समर्थन में एक वीडियो शेयर किया था। उन्होंने लिखा,
‘6 एयरबैग वाले वाहन में सफर करें और जीवन को सुरक्षित बनाएं।
जैसे ही उन्होंने वीडियो शेयर किया वह विपक्ष और अन्य लोगों के निशाने पर आ गए हैं। हालांकि, यह विज्ञापन वीडियो सड़क सुरक्षा अभियान से जुड़ा, लेकिन इसे दहेज प्रथा से जोड़कर देखा जा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री दहेज प्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं. वही सोशल मीडिया पर यूजर्स भी नितिन गडकरी और अक्षय कुमार (6 airbags Ad Akshay Kumar Nitin Gadkari) को जमकर ट्रोल कर रहे हैं। ( दहेज लेना या देना भारत में दंडनीय अपराध है)।
हालांकि वीडियो (6 airbags Ad Akshay Kumar Nitin Gadkari) में ‘दहेज’ शब्द का इस्तेमाल भी नहीं हुआ है, और न ही वीडियो में कोई ऐसी का इस्तेमाल किया गया है। वीडियो में एक लड़की के विदाई सीन को दिखाया गया है जिसमें अक्षय कुमार (Akshay Kumar 6 airbags Ad) कहते हैं,
‘ऐसी गाड़ी में बेटी को विदा करोगे तो रोना तो आएगा ही।’
उस बाद पिता गाड़ी की खूबियां गिनाते हैं, लेकिन अक्षय 6 एयरबैग के बारे में पूछते हैं और वीडियो के अंत में कार बदल दी जाती है।
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शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा,
‘यह समस्या से भरा हुआ एड है। ऐसे क्रिएटिव्स को कौन पास करता है? क्या सरकार सेफ्टी को बढ़ावा देने के लिए पैसा खर्च कर रही है या फिर इस एड के जरिए दहेज को बढ़ावा दे रहे हैं।’
वहीं तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहते कि,
” सरकार को आधिकारिक रूप से दहेज प्रथा को बढ़ावा देते हुए देखना बहुत ही बुरा है।
एक आम चलन की बात करें तो जिस गाड़ी में दुल्हन विदा होती है, वो अमूमन लड़के वाले ही सजवा कर लाते हैं। तो फिर यहां यहां लड़की के पिता से कार की डीटेल्स क्यों बता रहे हैं? यदि इसकी मंशा ‘लड़की के पिता ने कार दी’ दिखाने की नहीं है, अगर नहीं तो उससे सवाल क्यों?
वैसे तो कोई भी लिखित नियम नहीं है लेकिन अलिखित और बेहूदा चलन ये है कि अगर विदाई लड़की के घर वालों की दी कार में हो रही है तो उसे कैसे भी घुमा कर कहें लेकिन वह तो दहेज़ ही कहा जाएग।
यह साल 2022 चल रहा है। पिछली सीटों में सीट बेल्ट लगाना ज़रूरी है। गाड़ियों में छह एयरबैग (6 airbags Ad Akshay Kumar Nitin Gadkari) आम करने की कोशिश भी हो रही है। साइंस और टेक्नोलॉजी के तरक्की के इस दौर में अक्षय कुमार एक सरकारी ऐड में बेटी के पिता से कहते हैं,
‘घर की गुड़िया, पापा की परी जा रही है’
जो सालों चल रहा है, बेटी गुड़िया नहीं है या खेल की चीज नहीं है। इस गुड़िया शब्द के साथ जितनी भी पैट्रिआर्की घिरी चली आई है, उससे कहीं आगे निकलने का समय भी निकल चुका है। यहां सरकारी एड चल रहा है जिसमें छह एयरबैग के साथ आप एक्सीडेंट्स में बच सकते हैं लेकिन सतह के नीचे बह रही दहेज़लोलुपता और सरकारी ऐड में लीचड़ स्क्रिप्ट्स से बिल्कुल भी नहीं।