AIIMS Delhi: 61 साल के ब्रेन डेड शख्स ने 4 लोगों को दी ज़िंदगी, डोनेट कर गया अपने सारे अंग

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AIIMS Delhi: यह वाक्या है राजधानी दिल्ली के एम्स ट्रॉमा सेंटर का, जहां बुधवार रात को एक ब्रेन डेड शख्स ने चार लोगों को जिवन दान दिया है। इस वृद्ध आदमी ने मरते हुए कई लोगों के जिवन मे रौशनी की नई उम्मीद जगा दी है।

AIIMS Delhi में ट्रांसप्लांट किए किडनी, लीवर और दो कॉर्निया

दरअसल दिल्ली के एम्स ट्रॉमा सेंटर में एक 61 वर्षीय ब्रेन डेड शख्स मरते मरते भी चार लोगों को नई ज़िंदगी दे गया। इस शख्स द्वारा डोनेट किए गए दो किडनी, लीवर और दो कॉर्निया को अलग-अलग चार लोगों में ट्रांसप्लांट किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह डोनर हृदय संबंधी बीमारी से पीड़ित था। डॉक्टर की तमाम कोशिशों के बावजूद वह स्वस्थ और नोर्मल नहीं हो पाया और उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था।

क्या होती है ब्रेन डेड अवस्था

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‘ब्रेन डेड’ होने पर किसी भी इंसान का दिमाग कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देता है। हमारी आंखों की पुतलियों के रेस्पॉन्स से लेकर बॉडी का मूवमेंट सब बिल्कुल ही निश्चेतन और बंद हो जाते हैं। ब्रेन डेड डायग्नोसिस के लिए तीन स्थितियों की उपस्थिति की जरूरत होती है जैसे कि, सांस लेने की क्षमता की कमी, लगातार कोमा, और ब्रेनस्टेम रिफ्लेक्सिस की गेरहाजीरी।

किस अवस्था में होती है ब्रेन डेड की स्थिति

Uk की (NHS) नेशनल हेल्थ सर्विस की वेबसाइट के अनुसार ब्रेन स्टेम डेथ के तौर पर भी जाना जाता है। यह अवस्था तब होती है जब किसी भी इंसान का दिमाग काम नहीं करता है। ऐसा इंसान होश में आएगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं होती है और वह बिना मेडिकल मशीन (वेंटिलेटर) के सहारे सांस भी नहीं ले पाएगा।

ब्रेन डेड इंसान की कानूनी रुप से भी मृत के रूप में ही पुष्टि की जाती है। वे ठीक भी नहीं हो सकते क्योंकि उनका शरीर वेंटीलेटर के सपोर्ट के बिना जीवित रहने में समर्थ नहीं होता है।

चार लोगों की जिंदगी देने वाला यह शख्स इसी स्थिति से गुजर रहा था, लेकिन उसने पहले से ही अपने अंग दान कर देने की बात कही थी।

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दिल और फेफड़ा ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त नहीं था

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AIIMS Delhi ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो सर्जरी के प्रोफ़ेसर दीपक गुप्ता के अनुसार इस व्यक्ति का दिल और फेफड़ा ट्रांसप्लांट के लिए योग्य नहीं था, अन्यथा उन्हें भी अन्य लोगों की तरह ट्रांसप्लांट किया जा सकता था। डॉक्टर्स को इस बात पर गर्व है कि जाते-जाते भी यह शख्स कइ लोगों को जिंदगी जीने की नई राह दे गया।

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