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खबर जम्मू कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर की है । जहां भगदड़ के कारण 12 लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह घटना पहाड़ों पर त्रिकुटा के गर्भ गृह के बाहर हुई। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों का झगड़ा होने के कारण भगदड़ मच गई । जहां 12 लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यह घटना 2:45 पर हुई है जो लोग मारे गए हैं वह हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और जम्मू कश्मीर के बताए जा रहे हैं और जो लोग घायल हुए उनका स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है। लगभग 1:00 बजे भीड़ अनियंत्रित हुई थी लेकिन भीड़ पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और एक बड़ी भीड़ सकरी रास्ते में आगे बढ़ती रहीं जिसके कारण थोड़ी देर में यह घटना हो गई। यदि तभी सचेत होकर भीड़ को रोक दिया गया होता तो शायद यह घटना नहीं होती। बताया जा रहा है कि यह कुछ देर पहले भीड़ अनियंत्रित हुई थी लेकिन कुछ ऐसा नहीं हुआ था और रास्ता संकरा होने के कारण भीड़ ज्यादा होने लगी और दोनों तरफ के श्रद्धालुओं ने सोचा कि पहले हम निकल जाए तो यह भगदड़ मचने लगी।
भीड़ के सबसे आगे निकलने की जद्दोजहद में यह हादसा हो गया । गोरखपुर के एक व्यक्ति ने बताया कि वह अपने परिवार और साथियों के साथ माता जी के दर्शन करने आए थे । जिस समय हादसा हुआ तब वह कैंटीन के पास बैठे थे। भगदड़ के बाद जब उन्होंने अपने साथियों ढूंढा तो उनके साथियों का कोई पता नहीं चला। फिर वह अस्पताल में गए तो पता चला कि उनके साथी की मौत हो गई। जब कोई खुशियों का मौका या फिर कोई त्यौहार आता है तुम लोग घूमने के लिए निकल जाते हैं। और नया साल तो देश दुनिया में सबसे अधिक मनाया जाता है क्योंकि यह दुनिया में सभी जाति धर्म द्वारा मनाया जाता है इसलिए लोग बड़ी तादाद में अपने घरों से बाहर निकलते हैं इसलिए इन त्योहारों पर इस प्रकार के हादसे अधिकतर सुनने में आते हैं। यदि यह लोग नई साल पर नहीं जाते तो इनकी मौत नहीं होती। कोरोना की तीसरी लहर देश में आ गई है अब लोगों को किसी त्योहार को धूम-धड़ाके से मनाने या फिर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए क्योंकि यदि जिंदगी रहेगी तो ऐसे बहुत साल आएंगे। ऐसा ना हो कि हम आपकी लापरवाही से यह हम सबके लिए आखरी साल बन जाए और हमारी वजह से और किसी का भी आखरी साल बन जाए।
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