आप सभी को पता होगा कि कुछ समय पहले तक हम सभी के घर में मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाया जाता था और वह भोजन कई मायने में हम सभी के लिए लाभप्रद होता था, लेकिन जैसे-जैसे हम विकास की दौड़ में आगे बढ़ते गए हमने अपने पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करना बंद कर दिया।
उसका नतीजा यह है कि हम तमाम तरीके की बीमारियों से पीड़ित है अतः एक बार आवश्यक हो जाता है, यह जानना, कि आखिर मिट्टी के बर्तन हमारे लिए क्यों जरूरी है?तो आज हम आपको बताते हैं कि क्या महत्व है मिट्टी के बर्तनों का आप ध्यान से पढ़ें और इस अहम जानकारी का लाभ लें।
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आपको पता है कि शरीर के भरण पोषण और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आयरन, फास्फोरस ,कैल्शियम ,मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है जब हम किसी धातु के बने बर्तन में भोजन पकाते हैं तो प्रायः पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं ,परंतु मिट्टी के बर्तनों की खासियत यह है कि उसमें भोजन को पकाने पर भोजन में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे आयरन फास्फोरस कैलशियम मैग्निशियम आदि भरपूर भरपूर मात्रा में संरक्षित रहते हैं जिनका लाभ हमारे शरीर को मिलता है। अतः भोजन में व्याप्त पोषक तत्वों के संरक्षण और फिर शरीर तक उन्हें पहुंचाने के लिए आवश्यक है कि हम भोजन मिट्टी के बर्तनों में करें और मिट्टी के ही बर्तनों में पकाएं।
अभी आपको मैंने बताया कि मिट्टी के बर्तनों में भोजन पकाने पर सभी पोषक तत्व संरक्षित रहते हैं तो सवाल यह भी उठता है, कि आखिर ऐसा होता कैसे है? तो आपको बता दें कि मिट्टी के बने बर्तनों में प्राकृतिक लेकिन अदृश्य छोटे-छोटे छिद्र होते हैं और यह क्षेत्र तापमान और नमी के बीच संतुलन बनाकर रखते हैं ,और इसी संतुलन की वजह से भोजन के पोषक तत्व पूरी तरीके से सुरक्षित रहते हैं और हमारा भोजन पोषण युक्त रहता है।
आपको पता होगा कि आज कल होने वाली तमाम बीमारियों में बहुत सारी बीमारियां अधिक मात्रा में तेल के प्रयोग की वजह से होती है लेकिन क्या आपको पता है कि जब मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाया जाता है तो उसमें तेल या अन्य चिकनी चीजों की आवश्यकता बहुत ही कम मात्रा में पढ़ती है ,अतः जब मिट्टी के बर्तनों में भोजन पकाया जाता है तो उसमें चिकने पदार्थों का कम प्रयोग होने की वजह से वह भोजन हमें नुकसान कम करता है अतः इस लिहाज से भी आवश्यक है कि भोजन को पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों में पकाने की प्रथा पुनः डालनी चाहिए।
अगर आपने कभी भी मिट्टी के बर्तनों में भोजन किया है तो आप इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि वह भोजन किसी धातु के बर्तन में बने भोजन से बहुत अलग होता है, धीमी और मध्यम आंच पर पकने के कारण भोजन के प्राकृतिक पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं और एक कुदरती तथा मनभावन खुशबू भोजन में अपनी मौजूदगी का अहसास दिलाती है और उसका स्वाद बहुत ही लाजवाब होता है।
आपको पता है आयुर्वेद में दाल चावल एवं अन्य भोजन पकाने के लिए मिट्टी के बर्तनों को ही सबसे बेहतर बर्तन माना जाता है आपको बता दें कि मिट्टी के बर्तनों में बना भोजन सुपाच्य होता है डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है इसलिए इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति उत्तम रहती है मिट्टी के बर्तनों का भोजन एसिडिटी गैस और पेट के भारीपन जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में काफी ज्यादा मददगार होता है अतः आवश्यक है कि आज फिर से मिट्टी के बर्तनों से दोस्ती की जाये।