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उल्टी के बारे में सुनकर घिन आती है और यदि कोई उल्टियां कर रहा हो तो उस तरफ से मुंह मोड़ लेते हैं और दूसरी तरफ देखने लगते हैं। लेकिन एक और उल्टी जिसके लिए लोग गैर कानूनी काम भी कर जाते हैं। जी हां इधर बात कर रहे हैं व्हेल की उल्टी की। व्हेल मछली की उल्टी को फ्लोटिंग गोल्ड कहते हैं और इसे समुद्र का सोना भी कहा जाता है क्योंकि इसकी कीमत बहुत अधिक है। सोने की कितनी कीमत होती है व्हेल की उल्टी की कीमत उससे भी कहीं अधिक होती है।व्हेल की उल्टी तस्कर तस्करी करके विदेश भेज देते हैं और यह कानूनी तौर पर अवैध है। प्रत्येक देश के कानूनों में नियम बनाए गए हैं कि व्हेल की उल्टी को कोई रख नहीं सकता कोई भेज नहीं सकता यदि कोई मनुष्य ऐसा करता है तो वह अपराधी है। व्हेल मछली की उल्टी का नाम एम्बरग्रीस होता है।
एम्बरग्रीस का उपयोग दवाओं के रूप में, मसालों के रूप में तथा सौंदर्य प्रसाधन और परफ्यूम के लिए उपयोग किया जाता है । पश्चिमी देशों में इसका इस्तेमाल सुगंध को बनाने और लंबे समय तक बनाए रखने के लिए एम्बरग्रीस का प्रयोग किया जाता है ।एम्बरग्रीस व्हेल के पाचन तंत्र में ही पाया जाता है। रासायनिक रूप रूप से एम्बरग्रीस में एल्कलॉइट एसिड और एबरीन नामक एक विशिष्ट यौगिक होता है । जो कोलेस्ट्रोल की तरह होता है । ताजा निकला हुआ एम्बरग्रीस इसके पीले रंग का होता है । एम्बरग्रीस बसायुक्तखं भी होता है लेकिन जैसे ही स्पर्म व्हेल की उम्र बढ़ती है तो यह मॉम के जैसा या व्यक्ति के साथ लाल रंग का होता है । कभी-कभी भूरे और काले रंग के रंगों के साथ हल्की मिट्टी की सुगंध होती है लेकिन हल्की समुद्री सुगंध होती है ।
एम्बरग्रीस जापान, चीन, अफ्रीका, अमेरिका के तटों पर जैसे उष्णकटिबंधीय तटों पर पाया जाता है। यह है इतना कीमती होता है कि इसे पाने के लिए व्हेल मछलियों का शिकार बड़े पैमाने पर किया जा रहा है । और इसकी तस्करी भारत से सऊदी अरब और उसके आसपास के देशों में किया जा रहा है। इसके शिकार को रोकने के लिए तमाम देशों में एम्बरग्रीस संग्रह और बिक्री को रोकने के लिए कानून भी बनाए गए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देशों में इसका व्यापार करना कानूनन अपराध है। इसलिए इसकी किसी भी उत्पाद को रखना या बिक्री करना अपराध है।
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