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बाबा रामदेव जो योग के जन्मदाता तो नहीं है, लेकिन योग के पुत्र कहे जा सकते हैं। भारत मे और दुनिया के अलग-अलग देशों में बाबा रामदेव को योग गुरु कहते हैं। बाबा रामदेव ने सभी को योग का महत्व बताया है और आयुर्वेद से ज्यादा तो नहीं है बाबा रामदेव लेकिन देश दुनिया के लोगों का ध्यान आपका आयुर्वेद की ओर आकर्षित करने वाले बाबा रामदेव ही हैं। वैसे तो बाबा रामदेव को योग गुरु और आयुर्वेदाचार्य के रूप में सुर्खियों में बने रहते हैं लेकिन बाबा रामदेव अपनी गलत बयानी से भी सुर्खियों में बने रहते हैं ।पिछले दिनों से बाबा रामदेव अपने विवादित बयान बाजी से सुर्खियों में है।
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यह कोई पहली बार नहीं है जब बाबा ने एलोपैथिक डॉक्टर या एलोपैथिक दवाइयों पर निशाना साधा हो पहले भी बाबा एलोपैथिक डॉक्टर दवाइयों पर या अन्य विषयों पर विवादित बयान कर चुके हैं। लेकिन इस बार जब देश बड़े ही संकट सेगुजर रहा है घर परिवार को छोड़कर मरीजों की सेवा करने में लगे हुए हैं और अपने इसी कर्तव्य को निभाते निभाते 1200 से अधिक डॉक्टर वीरगति को प्राप्त हो गए हैं प्रधानमंत्री जिन्हें कोरोना वॉरियर्स कहते हैं उनका मजाक बनाया जा रहा है तो एलोपैथिक डॉक्टर और देश की जनता कैसे चुप रह सकते हैं।
बाबा आयुर्वेद अच्छा है यह अच्छी बात है लेकिन एलोपैथिक दवा( allopathic medicine )को तुच्छ नहीं कह सकते हैं। आयुर्वेद भारत देश का प्राचीन विज्ञान है तो क्या हम एलोपैथिक मेडिसिन भारत देश का नवीन विज्ञान को नजरअंदाज कर सकते हैं ?। यहां तक कि स्वयं बाबा एलोपैथिक दवा और एलोपैथिक डॉक्टर (Allopathic doctors) नीचा दिखा कर भी ,मजाक उड़ा कर भी एलोपैथिक नवीन विज्ञान को नजरअंदाज नहीं कर सकते क्योंकि जरूरत पड़ने पर वह भी एलोपैथिक ट्रीटमेंट ( allopathic treatment) लेते हैं और ले चुके हैं।
बाबा ने जून 2020 में कोरोनिल को कोरोना की दवाई बताइ और दबा के जानकारों ने कोरोनिल को कोरोना की दवा मानने से इंकार कर दिया और दवा को इम्यूनिटी बूस्टर बताया बाबा रामदेव ने 19 फरवरी 2021 को कोरोनिल को पुन लांच किया जिसमें केंद्र सरकार के दो मंत्री नितिन गडकरी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी मौजूद थे इस दौरान पतंजलि की तरफ से कहा गया कि आयुष मंत्रालय ने स्वीकृति प्राप्त कोरोना की सपोर्टिंग दवा के रूप में कोरोनेल को इस्तेमाल कर सकते हैं।
सरकार से कोरोनल दवा को स्वीकृति मिल गई। लेकिन विवाद जब बढ़ता है जब बाबा रामदेव कोरोना की दूसरी लहर में जब देश बड़े संकट से गुजर रहा होता है अस्पतालों में मारामारी मची होती है श्मशान में जगह नहीं होती है नदियों में ला से उतर आते हैं और अपनों को घर से अस्पताल और अस्पताल से श्मशान घाट और फिर अस्पताल से श्मशान तक के इसी सफर में खुद कोरोना पॉजिटिव हो जाना और ऑक्सीजन ना मिलना जैसे देश में हालात हो जाए और फिर अपनी दवा को चमकाने के लिए इन्हीं अस्पतालों इन्हीं डॉक्टरों और इन्हीं दवाइयों का मजाक बनाना बड़ा ही असंवेदनशील और अनैतिक है।
पिछले दिनों बाबा ने विवादित बयान दिया कि ऑक्सीजन की कमी पड़ रही है अरे भगवान ने सारे ब्रह्मांड मैं भर रखी है ऑक्सीजन, अरे ले तो ले बावले तूने अपने अंदर दो सिलेंडर लगाए रखे हैं भर तो ले। फिर नाक की ओर इशारा करते हुए कहा ए सिलेंडर हैं भर ।तंज कसते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि सिलेंडर कम पड़ गए हैं
बाबा ने कहा ऐसे लोग जिनका ऑक्सीजन लेवल 70-80 पहुंच गया था मैंने कपालभाति और अनुलोम विलोम करवाकर 99 से 100 तक उनका ऑक्सीजन लेबल पहुंचा दिया।
बाबा ने अपने एक विवादित बयान में कहा कि
1000 डॉक्टर व्यक्ति लगाने के बाद भी मर गए खुद को ना बचा पाए तो कैसा डॉक्टर, डॉक्टर बनना है तो बाबा जैसा बन जिसके पास ना डिग्री है लेकिन सबका डॉक्टर हैं। और बाबा रामदेव के व्यंग करते हुए कहते हैं कि डॉक्टर बनना है डॉक्टर टर्र …..टर्र…..
रामदेव के विवादित बयान तो बहुत हैं जिसमें तुलसी पत्र रेडिएशन, पुत्रजीवक बीज जैसे विवादों में बाबा घिरे रहे हैं। फिलहाल आईएमए ने दिल्ली के आईपी एस्टेट थाने में शिकायत दर्ज करा दी है। लेकिन इंसान होने के नाते इस प्रकार के असंवेदनशील और अनैतिक बयान नहीं देना चाहिए। और फिर इसके बाद यह कहना कि गिरफ्तार तो किसी का बाप भी नहीं कर सकता बाबा रामदेव को बहुत ही अनैतिक पर बात है।