कहते हैं स्वास्थ्य ही धन है परंतु अब इस धन में लगातार सेंध लगती हुई नजर आ रही है और लगातार अलग अलग तरह की बीमारियां निकल कर सामने आ रही हैं,इसी बीच एक बड़ी और दुःखद खबर यह है कि पिछले कुछ समय से गाल ब्लैडर कैंसर के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं अतः यह आवश्यक है कि समय रहते इसके बारे में जान कर इससे बचने का प्रयास किया जाये। आज हम आपको इस बीमारी के बारे में विस्तार से बताने वाले है ,ध्यान से पढ़ें।
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हो सकता है कुछ लोगों को गाल ब्लैडर शब्द समझ न आ रहा हो तो उनके लिये मैं इसे सरल शब्दों में स्पष्ट कर देता हूँ,गाल ब्लैडर कैंसर का अर्थ है आपके पित्त की थैली में होने वाला कैंसर अतः हम जिस कैंसर की बात कर रहे हैं वह आपके पित्त से सम्बंधित है अतः अपने पित्त के बचाव हेतु आपको इस बारे में विस्तृत जानकारी होनी चाहिये।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जनपद में कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल के नाम से क्षेत्रीय कैंसर केंद्र है इस केंद्र द्वारा प्राप्त हो रही सूचना के मुताबिक प्रतिवर्ष लगभग 1600 मरीज ऐसे आ रहे है जो गाल ब्लैडर कैंसर से ग्रसित हैं, यह एक बड़ी संख्या है,और चिंता का विषय भी।
कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल के रेडिएशन अकोनॉजिस्ट डॉ राधारानी घोष बताती हैं कि प्रतिवर्ष अस्पताल में लगभग 10 हजार मरीज आते है जिनमे से 14 से 16 प्रतिशत मरीज गाल ब्लैडर कैंसर के शिकार होते हैं।
डॉ घोष ने इस तरह की बढ़ती हुई संख्या को चिंता जनक बताया है और इससे बचने के कई उपायों का भी जिक्र किया है।
आंकड़ो से आगे बढ़कर अब यह जानना भी जरूरी है कि आखिर यह आंकड़ा इतना बढ़ क्यों रहा है तो आपको बता दें कि गाल ब्लैडर कैंसर बढ़ने की तमाम वजहों में से एक वजह है तेल….एक ही तेल में कई बार भोजन बनाने से उस तेल का कार्बन पित्त तक पहुंच जाता है और गाल ब्लैडर कैंसत का कारण बन जाता है इसके अतिरिक्त मस्टर्ड आयल का अधिक प्रयोग व प्रदूषण भी इसका कारण है अतः बेहतर होगा कि समय रहते इन चीजों से दूरी बनायी जाये।
आम तौर पर हम लोग खाने से पहले यह विचार नहीं करते हैं कि हम क्या खा रहे हैं जो कुछ भी हमारी जुबान को अच्छा लगता है वह हम खाते रहते हैं परंतु सावधान, आपकी जुबान आपके लिये खतरनाक साबित हो सकती है अतः ध्यान रहे कि आप फ़ास्ट फ़ूड,तले हुए खाद्य पदार्थ तथा जले हुये भोजन का सेवन न करें।
एक और महत्वपूर्ण बात यहाँ पर है और वह यह कि गाल ब्लैडर कैंसर से सर्वाधिक खतरा महिलाओं को है आपको बता दें कि पुरुषों को इससे 8 प्रतिशत खतरा है तो वहीं महिलाओं को 20 प्रतिशत,अतः यह जरूरी है कि महिलाएं इस विषय पर खास ध्यान रखें और स्वयं को गाल ब्लैडर कैंसर की चपेट में आने से बचाये।