मकड़ी के जाल की ‘चादर’ से ढका ! ऑस्ट्रेलिया में मकड़ियों  ने कई किलोमीटर बड़ा जाल का निर्माण क्यों किया ? ब्लूनिंग क्रिया क्या है ?

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ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स और विक्टोरिया के दक्षिण पूरब में सर्वाधिक जनघनत्व पाया जाता है

( मकड़ी के जाल की ‘चादर’ से ढका ) ऑस्ट्रेलिया में जलवायु परिवर्तन के कारण आती आपदाएं :-

( मकड़ी के जाल की ‘चादर’ से ढका ) ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में  सर्वाधिक जनघनत्व न्यू साउथ वेल्स और विक्टोरिया का दक्षिणी पूर्वी भाग में पाया जाता है और यही क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित होता है अभी हाल ही में यहां कुछ ही समय में वर्षा के इतनी अधिक बारिश हुई कि बाढ़ आ गई । 900 मिलीमीटर तक की वर्षा कुछ ही देर में रिकॉर्ड की गई नदियों में पानी की मात्रा एवं गति इतनी ज्यादा थी कि कई क्षेत्रों की सड़के  कट गई। बाढ़ के कारण जलभराव की स्थिति बन गई और यह कोई सामान्य बाढ़ नहीं थी पिछले 50 सालों में इस प्रकार की बाढ़ आई थी बाढ़ और जलभराव के कारण यहां के 2.5 करोड़ लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा और हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरे स्थान पर जाना पड़ा।

मकड़ियों ने पेड़ों को जाल से ढक दिया

( मकड़ी के जाल की ‘चादर’ से ढका ) मकड़ियों की ब्लूनिंग क्रिया:-

( मकड़ी के जाल की ‘चादर’ से ढका ) ऑस्ट्रेलिया प्राकृतिक आपदाओं के कारण सदैव प्रभावित होता रहता है कभी जंगलों में आग लग जाती है तो कभी बाढ़ आ जाती है लेकिन प्राकृतिक आपदाओं से भी कुछ आपदाएं निकल कर आती हैं जो जनमानस को हैरान व परेशान कर देते हैं। ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत  के गिफ्सलैण्ड  क्षेत्र में कई इलाकों को मकड़ियों ने अपने जाल से ढक दिया है और यह जाल कई के किलोमीटर तक फैला हुआ है। बाढ़ और वर्षा के कारण नमी होने से मकड़ियों की संख्या में वृद्धि हो गई है लेकिन मकड़ियों को भी अपने जीवन को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। दरअसल बाढ़ और जल स्तर में वृद्धि के कारण मकड़ियों ने खुद को बचाने के लिए ऊंचाई की ओर जाल का निर्माण किया है इस क्रिया को ” ब्लूनिंग ” कहते हैं। मकड़ी के जाल की जब जल स्तर ऊंचा उठेगा तो मकड़िया तो खुद को बचाने के  लिए ऊंचे स्थान पर जाएंगे और मकड़ियों को कोई भी आधार मिलेगा जैसे कि पेड़ खम्मा कुछ भी हो वह उसके ऊपर जाएंगी या जाने की कोशिश करेंगी। ए मकड़िया इतनी हल्की होते  है कि हवा द्वारा  एक स्थान से दूसरे ऊंचे स्थान पर चली जाती हैं और जाल जरूर बनाती जाती हैं । इस प्रकार उनका कई किलोमीटर तक जाल का निर्माण हो जाता है ।

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कई किलोमीटर फैला मकड़ियों का जाल

( मकड़ी के जाल की ‘चादर’ से ढका ) इंसानों को नहीं है इन मकड़ियों से खतरा :-

( मकड़ी के जाल की ‘चादर’ से ढका ) इन  मकड़ियों से इंसानों को कोई खतरा नहीं है यह मकड़िया इंसानो  की खाल में छेद करके नहीं घुसती हैं इन मकड़ियों के काट लेने से इंसानों को थोड़ी खुजली की समस्या हो जाती है।

( मकड़ी के जाल की ‘चादर’ से ढका ) बैलूनिंग की यह घटना इससे पहले 2018 मे ग्रीस के एटोलिको में देखने मिली थी। ऑस्ट्रेलिया के नदी तालाब आद्र भूमि क्षेत्रों में बैलूनिंग की घटना देखने को मिल रही है।

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( मकड़ी के जाल की ‘चादर’ से ढका ) ऑस्ट्रेलिया में भले ही जनसंख्या घनत्व कम है लेकिन यहां जलवायु परिवर्तन की समस्या साफ-साफ दृष्टिगोचर होती है जैसे आग लगना चूहों की संख्या में वृद्धि समय-समय पर बढ़ाना और अब यह हालिया घटना मकड़ियों का जाल बना देना।

जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही है यह घटनाएं

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