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बिजली क्यों गिरती है ? दुनिया में बिजली से सबसे ज्यादा मौतें भारत में ही क्यों होती हैं ?

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आसमानी बिजली गिरने से हर साल हो जाती है हजारों लोगों की मौत

बिजली क्यों गिरती है हर साल बिजली से दुनिया भर में कई हजार लोग मर जाते हैं और लोग ही नहीं कई मवेशी भी बिजली गिरने का शिकार हो जाते हैं। दुनिया भर में बिजली गिरने से लोगों की मौत हो जाते हैं लेकिन भारत में बिजली गिरने से अधिक लोगों की मौत होती हैं। कई लोग बिजली गिरने को एक दैवीय आपदा मानते हैं लेकिन बिजली गिरने के पीछे भी साइंस काम करती है।

बिजली क्यों गिरती है ? दुनिया के हर एक चीज का निर्माण कहां से हुआ है और सबसे छोटे कणों को अनु अनु कहा जाता है सभी चीजें अणुओं से मिलकर बने होंगे लेकिन अनु तीन चीजों से मिलकर बना है प्रोटॉन न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन । प्रोटॉन के पास (+) धनात्मक , इलेक्ट्रॉन के पास (-) ऋणात्मक चार्ज होता है जबकि न्यूट्रॉन चार्ज रहित  उदासीन होता है।

( बिजली क्यों गिरती है ) आसमानी बिजली का गिरना :-

और यदि कुछ पदार्थ या वस्तु को लेकर उसमें घर्षण करें तो इलेक्ट्रॉन एक पदार्थ से दूसरे पदार्थ में स्थानांतरित हो जाता है । इलेक्ट्रॉन जिस पदार्थ में से स्थानांतरित हो उसमें कम हो जाएगा और जिस पदार्थ में जाएगा उसमें ज्यादा हो जाएगा । बिजली क्यों गिरती है ? इस बात को एक प्रसिद्ध उदाहरण से समझ सकते हैं जैसे कंघी का घर्षण यदि बालों पर किया जाए तो कंघी का इलेक्ट्रॉन चार्ज बालों में चला जाएगा और कंघी के पास प्रोटोन (+) चार्ज बचा रह जाएगा । ( बिजली क्यों गिरती है ) इसके बाद यदि कंघी को कुछ कागज के टुकड़ों के पास लाया जाएगा तो कागज के उदासीन कणों को अपनी ओर खींच लेता है।

जब कंघी को बालों में रगड़ा जाता है तो फिर इसके बाद कंघी कागज के उदासीन टुकड़ों को भी अपने और खींच लेते हैं

इसी प्रकार बादलों के बीच घर्षण की क्रिया होती है तो स्टैटिक ऊर्जा जनरेट होती है। ( बिजली क्यों गिरती है ) और इस तरह धरती पर बिजली गिर जाती है । इस प्रक्रिया को शुरू से समझते हैं जब समुद्र का पानी अधिक तापमान के कारण गर्म होकर वाष्प बन कर उड़ जाता है और ऊपर जाकर कम तापमान हो जाने के कारण बादलों का निर्माण हो जाता है बादलों के ऊपरी हिस्से में पानी की बूंद भर में बदल जाती हैं और जब ए बादल हवा के कारण एक दूसरे से टकरा जाते हैं तो स्टैटिक चार्ज उत्पन्न होता है तो वह अपने से नेगेटिव एनर्जी को खींचते हैं । जहां भी पृथ्वी पर उसे अपने से ऑपोजिट एनर्जी मिलेगी वहीं बिजली गिर जाएगी। पृथ्वी के हर कण में नेगेटिव और पॉजिटिव चार्ज होते हैं जब ए पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज बादलों से  क्रिया करते हैं तो बिजली गिरती है।

बादलों का पॉजिटिव चार्ज ऊपर और नेगेटिव चार्ज नीचे के भाग में रह जाता है और फिर जहां कहीं भी पृथ्वी के धरातल पर पॉजिटिव चार्ज मिलता है तो नेगेटिव चार्ज की पॉजिटिव चार्ज के साथ क्रिया हो जाती हो और बिजली गिर जाती है ।

( बिजली क्यों गिरती है ) बिजली के कड़कने से संबंधित शोध अभी भी जारी हैं इसके अध्ययन की शाखा को फलि्मंगोलॉजी कहते हैं। धरातल पर गिरने के लिए जिस रास्ते से बिजली आती है उसे स्टेप लीडर कहा जाता है जब स्टेप लीडर जमीन के निकट आती है तो उसका प्रकाश मंद  होता है लेकिन भूमि के निकट पहुंचते ही एक और स्टेप लीडर भूमि के अंदर से आसमान की ओर निकल जाती है और जब स्टेप लीडर आपस में मिलती है तो एक हाई वोल्टेज करंट उत्पन्न होता है और वापस जमीन की ओर बहता है जब दोनों स्टैप लीडर मिल जाते हैं तो उनसे आने वाली आंखें चौंधयाने वाली रोशनी उत्पन्न होती है और इसे देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि यह नीचे जा रही है लेकिन वाकई में ऊपर आसमान में जा रही होती है।

बिजली में तड़तड़ाहट की आवाज आवाज क्यों आती है:-

जब बिजली आसमान से धरातल पर गिरती है तो एक तड़तडाहट की आवाज आती है। ( बिजली क्यों गिरती है ) ? क्योंकि भूमि पर गिरने वाली बिजली का तापमान 27000 सेंटीग्रेड से  30000 सेंटीग्रेड तक होता है। बिजली के तापमान की अधिकता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि सूर्य की सतह का तापमान 6000 डिग्री सेंटीग्रेड होता है। और बिजली आसमान से भूमि पर वायुमंडल से होकर आती है बिजली बड़ी तीव्र गति से आती है तो वायुमंडल को एकदम चीरती हुई आती है जिस प्रकार लोहे की गर्म रोड को पानी में डालने पर आवाज आती है उसी प्रकार अधिक तापमान वाली बिजली को वायुमंडल को एकदम फाड़ते हुए धरातल पर आती है इसलिए  तड़तड़ाहट की आवाज आती है।

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आसमानी बिजली में 10 करोड़  बोल्ट होता है इसकी  भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि घरों में आने वाली बिजली 220 वोल्ट की होती है। फिर भी लोग इसके संपर्क में आकर मर जाते हैं तो आसमानी बिजली तो इससे कई गुना अधिक बोल्ट की है।

( बिजली क्यों गिरती है ) आसमानी बिजली के प्रकार :-

तीन प्रकार की बिजली होती है-

(1) – Intra cloud – यह  बिजली केवल बादलों के अंदर ही एक कण से दूसरे कण के घर्षण से उत्पन्न होती है ।और बादल के अंदर ही अंदर चमकती रहती है इससे बिजली में आवाज भी नहीं आती है।

(2) – Cloud to cloud – यह बिजली एक बादल से दूसरे बादल के घर्षण से उत्पन्न होती है इसमें जो बिजली उत्पन्न होती है उसमें तेज तड़तड़ाहट होती है। और  यह  बिजली बादलों में तेज आवाज के साथ ऊपर ही ऊपर चमकती रहती है ।

(3) -Cloud to Ground – इस बिजली में तेज तड़तड़ाहट  होती है । और इसका संपर्क पृथ्वी के धरातल तक हो जाता है । यह बिजली इंसानों और मवेशियों के लिए घातक है इस बिजली से हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है।

बिजली क्यों गिरती है और कहां पर अधिक गिरती है :-

* आसमानी बिजली  वृक्षों पर अधिक गिरती है जब बिजली आसमान से धरातल पर गिरने आती है तो उन्हें पेड़ एक अच्छी सुविधा के रूप में मिल जाते हैं जिनका सीधा कांटेक्ट जमीन से होता है और जिस में पानी होता है इसलिए सबसे अधिक बिजली पेड़ों पर गिरती है। इसलिए अपनी सुरक्षा के लिए बरसात में पेड़ों के नीचे कभी नहीं खड़े होना चाहिए।

अधिकतर पेड़ों पर गिरती है बिजली

* कभी पढ़ा होगा या कहीं पर सुना होगा कि जब बरसात हो रही हो और बिजली चमक रही हो तो मोबाइल फोन को बंद कर देना चाहिए और मोबाइल से दूरी बनाकर रखने चाहिए ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मोबाइल फोन का कनेक्शन टावर से होता है और टावर पर तड़ीचालक लगा होता है जो बिजली को अपनी ओर खींच कर ग्राउंड में भेज देता है लेकिन यदि उस बिजली को मोबाइल में खींच लिया तो चलाने वाले की जान भी जा सकती है। ( बिजली क्यों गिरती है ) जब बिजली चमक रही हो तो टावर से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

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* खाली मैदान में भी बिजली गिरती है क्योंकि खाली मैदान में हवाएं बेरोकटोक अपनी गति से चलती है जिससे घर्षण होता है और पॉजिटिव चार्ज उत्पन्न होता है और बादल पॉजिटिव चार्ज को खोज रहे होते हैं जहां उन्हें पॉजिटिव चार्ज मिलता है वहीं पर बिजली गिर जाती है।

* बरसात में जब बिजली चमक रही होती है तो किसी भी लोहे की रॉड या खंभे से दूर रहना चाहिए । यहां तक कि जो साधारणतया व्यक्ति छाता लगाए हुए रहते हैं उसमें लोहे का रोड लगा होता है जो तड़ी चालक का काम करता है और जिससे बिजली गिरने का भय रहता है।

* नदी तालाबों में अभी बिजली अधिक गिरती है क्योंकि उनमें घर्षण होता है और स्टेटिक पॉजिटिव चार्ज उत्पन्न होता रहता है जिससे बिजली गिरने के लिए दशाएं अच्छी बन जाती हैं।

टावर में लगे तड़ित चालक आसमानी बिजली को अपनी ओर खींच लेता है और तड़ित चालक के जरिए आसमानी बिजली को ग्राउंड में भेज दिया जाता है

दुनिया के देशों की अपेक्षा भारत में बिजली गिरने से अधिक मौतें क्यों होती हैं :-

( बिजली क्यों गिरती है ) दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा भारत में आसमानी बिजली गिरने से अधिक लोगों की मौत होती है हर साल लगभग 25000 लोगों की मौत हो जाती है जबकि अमेरिका में 35 से 40 लोगों की ही मौत होती है। आसमानी बिजली गिरने से भारत के मध्य प्रदेश राज्य में सर्वाधिक मौतें होती हैं इसके बाद महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश ,बिहार ,पश्चिम बंगाल और झारखंड में बिजली गिरने से मौत होती हैं । भारत में बिजली गिरने से अधिक मौतों के निम्न कारण हैं –

:- भारत में चेतावनी प्रणाली मजबूत और प्रभावी नहीं है इसलिए बादलों की दिशा और पूर्वानुमान का सटीक पता नहीं लगाया जा सकता जिससे लोगों को चेतावनी दी जा सके कि सब लोग अपने घर पर रहे इस कारण भारत में बिजली से मरने वालों की संख्या अधिक है।

:- भारत में लोग अशिक्षित है इसलिए अधिकतर लोग बिजली क्यों गिरती है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है इसके बारे में नहीं जानते हैं । और बरसात में बिजली की चपेट में आकर मर जाते हैं।

:- भारत का मानसून अनिश्चित है इसलिए बादलों का आसमान पर छा जाना और उसकी दिशा भी सही से ज्ञात नहीं हो पाती है जिससे उसका किसी तरह पूर्वानुमान भी नहीं लगाया जा सकता और समय रहते लोगों को इसलिए चेतावनी भी नहीं दे सकते और लोग समय-असमय घर से बाहर होते हैं और उन पर बिजली गिर जाती है।

:- जब मानसून का समय होता है तो किसान भाई अपने अपने खेतों पर काम करते हैं वही समय बरसात और बिजली गिरने का होता है और वही समय किसानों के काम करने का होता है इसलिए किसान अधिकतर अपने खेतों पर ही होते हैं और ऐसे खराब मौसम में उन पर बिजली गिर जाती है।

:- हमारे देश में डॉप्लर रडार की संख्या बेहद कम है इसलिए बादलों की दिशा और दशा का निश्चित अनुमान लगाने में असमर्थ होते हैं। और लोगों को चेतावनी नहीं दे पाते वह अपने घर से बाहर सुरक्षित स्थान पर नहीं होते हैं इसलिए उन पर बिजली गिर जाती है और वह मृत्यु को प्राप्त होते हैं।

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