( पिछली सदी में कौन थे ) दुनिया में पिछली सदी के दुनिया के प्रथम परोपकारी व्यक्तियों में जमशेदजी टाटा का प्रथम स्थान :-

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जमशेदजी टाटा को वैश्विक परोपकारी व्यक्तियों की सूची में मिला प्रथम स्थान

( पिछली सदी में कौन थे ) जमशेद टाटा पिछली सदी के दुनिया के शीर्ष परोपकारी व्यक्ति माने गए हैं बीते दिनों हरुन रिसर्च एंड एडेलगिव फाउंडेशन द्वारा सदी के 50 वैश्विक परोपकारी लोगों की सूची निकाली गई है । इस सूची में टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी नसरवान जी टाटा को पहले नंबर पर रखा गया है। जमशेदजी एन टाटा $ 102.4 बिलियन के दान के साथ पिछली सदी के दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी व्यक्ति हैं। टाटा ने 1892 में अपने Endowments की शुरुआत की थी । ( पिछली सदी में कौन थे ) इसमें मुख्य रूप से टाटा संस की आय से स्वास्थ्य और शिक्षा की जरूरतों के लिए दान दिया जाता है ।

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( पिछली सदी में कौन थे )

( पिछली सदी में कौन थे ) टाटा समूह का कुल परोपकारी मूल्य टाटा संस का 66 परसेंट है जो कि लगभग 100 बिलियन डॉलर है। सूची में $ 72.6 विलियन के दान के साथ दूसरे स्थान पर बिल और मेलिंडा गेट्स का नाम है। इसके बाद हेनरी वेलकम ( $ 56.7 बिलियन), हॉवर्ड ह्यूजेस ($ 38.6 बिलियन ) वारेन बफेट ($ 37.4 बिलियन) क्रमशः तीसरे , चौथे और पांचवें स्थान पर हैं। इस सूची में विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी को लगभग $ 22 बिलियन के दान के साथ 12वें स्थान पर रखा गया है।

जमशेदजी की दूरदृष्टि ने भारत के औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया

जमशेदजी टाटा का जन्म 1839 में मुंबई के एक छोटे का सर्वे नवसारी में हुआ था। ( पिछली सदी में कौन थे ) जमशेद जी का जन्म में पादरी परिवार में हुआ था। अपने पिता के साथ जमशेदजी 14 साल की उम्र में ही व्यवसाय में हाथ बटाने लगे थे । जमशेदजी 1858 में स्नातक हुए और अपने पिता के व्यवसाय में पूरी तरह जुड़ गए। ( पिछली सदी में कौन थे ) जमशेद जी ऐसे भविष्य दृष्टया थे जिन्होंने ना सिर्फ है देश में औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया बल्कि अपने कारखाने में आने वाले श्रमिकों के कल्याण का भी बहुत ख्याल रखा।

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( पिछली सदी में कौन थे ) जमशेदजी कल्याणकारी कामों और देश को एक बड़ी ताकत बनाने के लिए सबसे आगे रहते थे बेंगलुरु में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की स्थापना के लिए उन्होंने अपनी आधी से अधिक संपत्ति जिनमें 14 बिल्डिंग और मुंबई की 4 संपत्तियां थी दान कर दी थी। 2011 में इक्वटीमास्टर के एक सर्वे में 61 परसेंट लोगों ने टाटा को सबसे विश्वसनीय कंपनी घोषित किया। बहुत दुर्लभ है कि कोई समूह सबसे धनवान भी हो और विश्वसनीय भी, लेकिन यही तो टाटा की पहचान है।

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