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Wedding Card: वकील ने बनवाया सबसे अलग वेडिंग कार्ड , Wedding Card में ही बता डाला विवाह अधिनियम और संविधान की धाराएं

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हम में से हर कोई अपनी शादी को बहुत ही खास और यादगार बनाना चाहता है और इसके लिए हम तरह-तरह के हथकंडे भी अपनाते है। खासतौर पर हम में से हर कोई अपनी शादी के कार्ड में बहुत ज्यादा ही क्रिएटिविटी दिखाने की कोशिश करते हैं। हम में से कुछ लोग कार्ड पर अनोखा संदेश लिखवाते हैं तो कुछ लोग शादी के कार्ड को बहुत डेकोरेटिव बनवाते हैं, जिससे कि वो अलग और सबसे खास नजर आए। इसका एक जिवंत उदाहरण है अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव की तस्वीरों के साथ समाजवादी पार्टी के रंगों में छपे उत्तर प्रदेश में हुई एक शादी का कार्ड और मदुरै के एक जोड़े की शादी का कार्ड जिसपर उन्होंने क्यूआर कोड प्रिंट किया हुआ था जो जमकर वायरल हुआ था। सोशल मीडिया पर आए दिन ऐसे ही कुछ दिलचस्प शादी के कार्ड अक्सर सामने आते रहते हैं।

वकील ने छपवाया संविधान-थीम वाला शादी का कार्ड

ऐसे ही कुछ अनोखे वेडिंग कार्डस की लिस्ट में गुवाहाटी, असम के एक वकील का वेडिंग कार्ड भी शामिल हो गया है। इस कपल ने अपने खास दिन के लिए एक संविधान-थीम वाला शादी का कार्ड छपवाया है। कार्ड में जिंदगी के तराजू में समानता का प्रतिनिधित्व करने के लिए न्याय के तराजू में दोनों ओर दूल्हा और दुल्हन के नाम लिखे गए हैं। शादी के निमंत्रण में भारतीय विवाहों को नियंत्रित करने वाले कानूनों और अधिकारों का भी उल्लेख किया गया है।

वकील का वेडिंग कार्ड

वकील कपल के कार्ड में लिखा है, “विवाह का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक घटक है। इसलिए, मेरे लिए इस मौलिक अधिकार का उपयोग करने का समय रविवार 28 नवंबर 2021 को है।” इस वेडिंग कार्ड निमंत्रण में आगे यह कहा गया है, “जब वकीलों की शादी होती है, तो वे ‘हां’ नहीं कहते हैं, वे कहते हैं -‘हम नियम और शर्तों को स्वीकार करते हैं। ‘

युजर्स ने किए मिलते-जुलते कमेंट्स

संविधान पर आधारित शादी का कार्ड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जमकर वायरल रहा है। जबकि कुछ युजर्स ने मजाक में यह कहा कि उन्होंने निमंत्रण पढ़ने के बाद CLAT पाठ्यक्रम का आधा सिलेबस पूरा कर लिया, कुछ ने सोचा कि क्या इस कपल की शादी कोर्ट-थीम वाली होगी। एक यूजर ने कहा, ‘यह कोर्ट के समन की तरह है। दूसरे ने कहा, “वह शख्स अभी भी अपने नाम के आगे ‘एडवोकेट’ लगाने से चूक गया है।”

तीसरे यूजर ने मजाक में कहा, “इसका आमंत्रण पढ़के क्लैट का आधा सिलेबस तो कवर हो ही गया” किसी युजर ने सुझाव दिया, “पंडित की जगह जज को बैठा लो।” वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, “सजावट के बारे में सोच रहा हूं… कोर्ट थीम।”

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