UP: मां का मंगलसूत्र बेचकर चालान भरने पहुंचे युवक का एआरटीओ ने भरा चालान, पेश की मानवता की मिसाल

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UP: कहते हैं यदि आप किसी का भला करते हैं तो किसी न किसी रास्ते से भलाई आप तक लौट कर आती है । जो निस्वार्थ भाव से किसी की मदद करते हैं प्रकृति उनकी मदद किसी न किसी माध्यम से लौटा देती है । इंसान का मानवीय चेहरा समय समय पर सामने आता ही रहता है । हर रोज कितनी ही ऐसे लोगों की कहानियां सुनने को मिलती हैं जिन्होंने मानवता की मिसाल पेश करते हुए किसी की जिंदगी आसान बनाई ।

कुछ ऐसा ही वाकया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर से सामने आया है । यहां के महराजगंज जिले में एक व्यक्ति के ऑटो का चालान खुद उप संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) ने अपनी जेब से भरा। मामला जब से सामने आया है तभी से एआरटीओ की हर कहीं से तारीफ की जा रही है । 

UP का क्या है पूरा मामला

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मानवता की मिसाल पेश करते हुए यह मामला महराजगंज जिले के सिंहपुर ताल्ही गांव से जुड़ा है । यहां के रहने वाले विजय कुमार बुधवार को करीब 2 बजे एआरटीओ ऑफिस पहुंचे । विजय सिंहपुर ताल्ही गांव के रहने वाले हैं । वह अपना ऑटो का चालान भरने आये हुए थे । एआरटीओ ऑफिस में काफी देर तक वह परेशान इधर उधर घूमते रहे । इसी बीच उप संभागीय परिवहन अधिकारी आरसी भारती की नजर विजय पर पड़ी ।

उन्होंने उसे पास बुलाकर परेशान होने का कारण पूछा तो मालूम हुआ कि उसके पिता का ऑटो का चालान 8 जून को हो गया था जिसका चालान भरने वह यहां आया है। उसने बताया कि चालान भरने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे इसलिए वह अपनी माँ का मंगलसूत्र बेचकर चालान भरने आया है हालांकि तब भी पैसे कम पड़ रहे हैं । सिंहपुर ताल्ही के रहने वाले विजय ने मायूसी से कहा कि उसके ऑटो का चालान 24, 500 रुपये का कटा था ।

इतने पैसे उसके पास नहीं थे इसलिए मां का मंगलसूत्र 13 हजार रुपये में वह बेचकर यहां चालान राशि भरने आया है लेकिन तब भी चालान भरने के लिए रुपये कम पड़ रहे हैं । विजय ने आगे बताया कि वह इस उम्मीद में यहां आया था कि 13 हजार रुपये देकर उसका ऑटो छूट जाएगा लेकिन यहां उसकी मदद करने वाला कोई नहीं है । इतना कहकर विजय रोने लगा जिससे एआरटीओ आरसी भारती का दिल पसीज गया । 

एआरटीओ ने अपनी जेब से भरा पूरा चालान, आगे भी मदद का दिया आश्वासन

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UP के इस एआरटीओ में आर सी भारती ने युवक विजय कुमार की बातें सुनकर उसका चालान खुद के पैसों से भरने का निर्णय लिया और बाबू से चालान की 24,500 रुपए की रसीद कटवाई। ए आर टी ओ ने विजय के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह मजदूरी करता है जबकि उसके पिता ऑटो चलाकर किसी तरह से घर का खर्च चला रहे हैं ।

विजय ने बताया कि तंगहाली के चलते वह हाई स्कूल में फेल होने के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पाया और मजदूरी करने लगा। इस पर उप संभागीय परिवहन अधिकारी आर सी भारती ने उसे आगे पढ़ाई करने को प्रेरित करते हुए कहा कि वह उसकी आगे की पढ़ाई के लिए मदद करते रहेंगे ।

बेहद गरीब परिवार से है ऑटो चालक

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सिंहपुर ताल्ही गांव के रहने वाले विजय कुमार ने बताया कि 6 भाई-बहनों में वह अकेला भाई है । 5 बहनें हैं जिनमे एक की शादी हो चुकी है । विजय ने बताया कि पिता राजकुमार ऑटो चलाकर किसी तरह से घर का खर्च चला रहे हैं । उसने बताया कि उसके पिता की एक आंख खराब है । वह भी पिता के साथ घर का खर्च चलाने में मजदूरी करके मदद करता है । उसने बताया कि उसके पास चालान के 24 500 रुपये नहीं थे इसलिए वह मां का मंगलसूत्र 13 हजार में बेचकर ए आर टी ओ ऑफिस अपना ऑटो छुड़ाने आया था ।

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एआरटीओ ने ऑटो का इंश्योरेंस भी अपने पैसे से करवाया

एआरटीओ आरसी भारती ने गरीब युवक का चालान अपने पैसे से तो भरा ही साथ मे ऑटो का इंश्योरेंस भी करवाया । उप संभागीय परिवहन अधिकारी ने मीडिया से ज्यादा बात नहीं की । उन्होंने बस इतना कहा कि उस लड़के की बातें सुनकर मुझे उनमें सच्चाई लगी और मैंने मदद कर दी । उन्होंने कहा कि अगर वह आगे अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहेगा तो पढ़ाई में उसकी मदद करेंगे ।

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