Azim Premji
Azim Premji: देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में विप्रो के चेयरमैन अजीम हसन प्रेमजी 77 साल के हो गए। उनका जन्म 24 जुलाई 1945 को हुआ था। अजीम प्रेमजी देश के टॉप रईसों की लिस्ट में गौतम अडानी और मुकेश अडानी के बाद तीसरे नंबर पर है। लेकिन दान देने के मामले में वो देश में नंबर वन पर है। बीते साल उन्होंने 9,713 करोड़ रुपए का दान किया व भारत के सबसे बड़े दानवीर बने। ये अजीम प्रेमजी का ही कमाल था कि उन्होंने साबुन एवं वेजिटेबल ऑयल का कारोबार करने वाली कंपनी को दुनिया की जानी-मानी IT company बना दिया।
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Azim Premji के पिता हाशिम प्रेमजी एक जाने माने बिजनेस मैन थे। वर्ष 1966 में अजीम प्रेमजी अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे। 21 वर्ष की उम्र में उन्हें तब अचानक से लौटना पड़ा जब उनके पिता का निधन हो गया। इस छोटी सी उम्र में उन्होंने न केवल अपने पिता की विरासत को संभाला बल्कि उसे कामयाबी के ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। उनकी कंपनी शुरुआत में साबुन और वेजिटेबल ऑयल के कारोबार में थी।
लेकिन अAzim Premji ने वर्ष 1970 के दशक में अमेरिकन कंपनी सेंटिनल कंप्यूटर कार्पोरेशन के साथ हाथ मिलाया एवं उसके बाद से विप्रो ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कंपनी ने कंज्यूमर केयर, इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग फॉर्म, लाइटिंग और हेल्थ केयर में भी अपना कारोबार बढ़ाया।
अजीम प्रेमजी ने सन् 1980 में विप्रो को आईटी कंपनी के तौर पर पहचान दिलाई। कंपनी पर्सनल कंप्यूटर बनाने के साथ ही साथ सॉफ्टवेयर सर्विसेज भी देने लगी। इसके बाद से कंपनी का नाम बदलकर विप्रो किया गया। वर्ष 2000 में विप्रो ने एक अरब डॉलर की आमदनी के साथ न्यूयाॅर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हुई। आज इस कंपनी में 2.40 लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं एवं इसका कारोबार दुनियाभर में फैला हुआ है।
लगभग 53 साल तक कंपनी की कमान संभालने के बाद से अजीम प्रेमजी जुलाई 2019 में एग्जीक्यूटिव चेयरमैन की भूमिका से हट गए। फिलहाल अभी उनकी बेटे रिशद प्रेमजी कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन है।
ब्लूमबर्ग के अनुसार अAzim Premji ने बीते वर्ष 1.3 अरब डॉलर का दान दिया। ये दान उन्होंने अपनी चैरिटी संस्था अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के जरिए दिया। पिछले वर्ष वो दान देने के मामले में भारत एवं एशिया में पहले नंबर पर रहे। वो अब तक कुल 21 अरब डॉलर का दान दे चुके हैं। इसमें से 7.5 अरब डॉलर से ज्यादा दान उन्होंने एजुकेशन सेक्टर को दिया है। 2011 में उन्हें पद्मभूषण प्रदान से सम्मानित किया गया। जो भारत सरकार का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है।
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ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार Azim Premji 25.6 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ भारत के तीसरे एवं दुनिया की 48वें सबसे बड़े रईस हैं। इस वर्ष उनके नेटवर्थ में 15.7 अरब डॉलर की गिरावट आई है। इस लिस्ट में भारत के गौतम अडानी 112 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया में चौथे एवं मुकेश अंबानी 88.7 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ 11वें नंबर पर हैं। गौतम अडानी एशिया में पहले एवं मुकेश अंबानी दूसरे नंबर पर है।
वर्ष 1966 में वह अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे। 21 वर्ष की उम्र में उन्हें तब अचानक से लौटना पड़ा जब उनके पिता का निधन हो गया। लेकिन पढ़ाई के प्रति उनकी इच्छा लगातार बनी हुई थी। 30 वर्ष बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। अजीम प्रेमजी के पिता मोहम्मद हाशिम प्रेमजी को पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना से पाकिस्तान आने का निमंत्रण मिला था। लेकिन इस निमंत्रण को उनके पिता ने ठुकरा दिया था एवं वह पूरी जिंदगी भारत में ही रहे।