Technology
Technology वैसे तो इस दुनिया में हर चीज अस्थाई ही है। बात हो अगर technology की तो इस मामले में तो यह और भी अधिक सही है। हमारा बीता साल कुछ ऐसा रहा कि जिसमें हमने अद्भुत नवाचार देखे। कोविड के दौरान भी बाहरी दुनिया से जोड़ कर रखने में उन सभी का योगदान था। लेकिन पहले से उपलब्ध कुछ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अब हम नहीं कर पाएंगे क्योंकि कुछ आविश्कार को इस साल बंद कर दिया गया है। तो चलिए जानते हैं उन technology के बारे में जो 2021 में अलविदा हो गईं…
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गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट ने भी इस साल की शुरुआत में ही अपने लून प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगा दिया था। इस प्रोजेक्ट का हेतु दुनिया के दूरदराज के इलाकों में लोगों को इंटरनेट की सुविधा मुहैया पहुंचाना था। गूगल कंपनी द्वारा एक दशक पहले शुरू की गई इस योजना के बंद हो जाने की मुख्य वजह थी उच्च लागत और अस्थिर व्यवसाय माडल । गूगल की दून योजना सेल्फ-ड्राइविंग वेमो के बाद सबसे चर्चित परियोजनाओं में से एक थी। लून योजना से उन सभी क्षेत्रों में सेलुलर कनेक्टिविटी लाने के प्रयास हो रहे थे , जहां एक पारंपरिक नेटवर्क बनाना असंभव था। लून ने जगह जगह इंटरनेट पहुंचाने के लिए विशाल गुब्बारों का इस्तेमाल किया था।
एलजी यह मोबाईल वर्ल्ड और स्मार्टफोन के बाजार में एक बड़ा बहुत बडा नाम था, लेकिन इस साल आरंभ में ही कंपनी ने मोबाइल बिजनेस को अलविदा कह दिया था। इस बहुराष्ट्रीय दक्षिण कोरियाई दिग्गज फर्म ने एलजी विंग सहित कई इनोवेटिव स्मार्टफोन माडल लाॅंच किए थे, लेकिन इन माडल को वह मकाम कभी मिला ही नहीं जिसके वे हकदार थे। कुछ लोगों मुताबिक एलजी ने अपने प्रयासों में थोड़ी देर कर दी। हकीकत में तो एलजी ने 2013 में दुनिया में तीसरे सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता का ओहदा भी हासिल कर लिया था, लेकिन Technology वर्तमान वर्षों में उसे एपल और सैमसंग के साथ काॅम्पिटिशन करने के लिए बहुत ही संघर्ष करना पड़ा और अंत में नतीजा यह हुआ कि कंपनी इस बिजनेस से ही बाहर हो गई।
यह उस दौर की बात है जब बहुत सारे मैसेजिंग प्लेटफार्म बाजार में लाॅंच हो रहे थे, लेकिन उसी दौर में भारतीय मैसेजिंग एप हाइक पर पर्दा डाल दिया गया। हाइक एप को 2012 में कविन भारती मित्तल ने वाट्सएप के ओप्शन के रूप में लांच किया था। वैसे तो 2015 तक सब कुछ सलामत ही था और इस सेवा के करीब सात करोड़ यूजर्स थे। लेकिन इस साल की शुरुआत में ही इस मैसेजिंग एप को भी बंद करना पड़ गया।यह एप एक ऐसा ऐप था जिसका संचालन गूगल जैसी दिग्गज कंपनी के लिए भी सर दर्द साबित हुआ था।
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ट्विटर सेंडल का लाइव-स्ट्रीमिंग एप पेरिस्कोप भी इस साल की शुरुआत में ही आफलाइन हो गया था। वैसे जब पेरिस्कोप एप को लाॅंच किया गया था, तब एक सनसनी मच गई थी। लेकिन उस बाद टिकटाक और इंस्टाग्राम जैसे एप्स के आ जाने से इस एप ने अपना जादू खो दिया। वैसे पेरिस्कोप एप की सभी मुख्य विशेषताएं पहले से ही ट्विटर लाइव के तौर पर इंटीग्रेटेड हैं। ट्विटर के मुताबिक, इस एप को एक्टिव रखने की लागत बहुत ही ज्यादा हो गई है, जबकि यूजर इस प्लेटफार्म को छोड़ रहे थे। इसी एप की तरह ही हाउसपार्टी एप भी इस साल ही बंद हो गया। वैसे महामारी के समय में यह इंटरनेट वीडियो एप युजर्स की पहली पसंद बन गया था। इसे एप को भी अक्टूबर महीने में ही बंद कर दिया गया है। हाउसपार्टी वीडियो चैट को 2016 में लांच किया गया था और यह एक चैट सुविधा थी। साल 2019 में एपिक गेम्स द्वारा इसे अधिग्रहित किया गया था।