Tax Haven Countries: यहां ब्लॅक मनी भी हो जाती हैं व्हाईट, जानिए कैसे?

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कल ED ने ऐश्वर्या राय बच्चन से मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में करीब साढ़े 6 घंटे तक पूछताछ की थी। अब सभी के मन में तो यहीं सवाल उठता है कि आखिर क्यों की गई पूछताछ? कल जब ऐश्वर्या राय बच्चन ED के आफिस जाने के लिए रास्ते में होंगी, उसी वक़्त ससुर जी अमिताभ बच्चन ने एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि भरोसे के टूटने की गूंज जिंदगी भर सुनाई देती है। इसके अलावा कल सपा सांसद जया बच्चन भी संसद में काफ़ी बिगड़े हुए तेवर में नज़र आईं थीं। तो चलिए अब हम यह सिक्रेट खोल ही देते हैं कि भी आखिर कौन है वो जिसने बच्चन परिवार का भरोसा किसने तोड़ उन्हें सदमा पहुंचाया है।

जांच एजेंसी के पास ठोस सबूत

कल बाॅलीवुड अभिनेत्री और भूतपूर्व मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय बच्चन से ED के दफ़्तर में साढ़े 6 घंटे तक पूछताछ हुई थी। मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में धंटो के धंटो भर पूछताछ तभी होती है, जब जांच एजेंसी के पास ठोस सबूत मौजूद हों। इसलिए इस पूछताछ ने इस मामले के फैलने से ही बच्चन परिवार की चिंता को मी बढ़ा दिया है।

आखिर कौनसा फितूर है पनामा पेपर्स लीक ?

बच्चन बहू ऐश्वर्या राय से ये पूछताछ पनामा पेपर्स लीक सिलसिले में की गई है। इसलिए पहले हम आपको ये बता देते हैं कि आखिर ये पनामा पेपर्स लीक क्या है?

साल 2013 में लीक हुआ था यह डेटा


दुनिया के नक्शे में पनामा मध्य अमेरिका का एक छोटा सा देश है। आप दुनिया का नक्शा टटोलने पर इस देश को देख भी सकते हैं। इस देश में एक लॉ फर्म मौजूद है, जिसका नाम है ” मोज़ैक फोंसेकआ ” (Mossack Fonseca)‌। साल 2013 में किसी हैकर्स ने इस फर्म के सर्वर को हैक कर लिया था और इसका सारा डेटा चोरी हो गया था। उस बाद जब अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों के एक ग्रुप की महिनें और के घंटों तक इस कम्पनी के डेटा का अध्ययन किया तब यह जानकारी सामने आई कि इस फर्म ने दुनिया के कई नामी-गिरामी और प्रतिष्ठित सेलेब्रिटीज के टैक्स को बचाने में और ब्लैक मनी को व्हाइट बनाने में मदद की थी।

हुए थे 1 करोड़ 15 लाख दस्तावेज़ों के सनीसनीखेज  खुलासे


उस वक्त दुनिया भर के 70 देशों के 370 पत्रकारों ने टैक्स चोरी से संबंधित करीब 1 करोड़ 15 लाख दस्तावेज़ों का एक-एक कर के सनीसनीखेज खुलासा किया था। अब क्योंकि ये सारे ही दस्तावेज पनामा देश की एक लॉ फर्म के थे, इसलिए इस लिए ही खुलासे को पनामा पेपर्स लीक का नाम दिया गया था। उस समय इन खुलासों में यह भी बताया गया था कि ये कंपनी दुनिया के 42 देशों में सफलतापूर्वक एक्टिव है। और जिन देशों को टैक्स हैवेन (Tax Haven) कहा जाता है, वहां ब्लेक मनी को व्हाइट में बदल दिया जाता है।

ये हैं दुनिया के Tax Haven देश

दुनिया के टैक्स हैवेन के देशों की लिस्ट में सबसे पहले धरती के स्वर्ग के नाम से जानेवाले Switzerland, British Virgin Island,Cyprus, Hong Kong और फिर पनामा। अब आपके मन यह सवाल उठना भी लाजमी है कि इन देशों को Tax Haven क्यों कहा जाता हैं और इन देशों में वो कौन सा खुमार है जो कि दुनिया के बड़े बड़े लोग इनके पास खींचते ही चले आते हैं। तो ऐसा होने की तीन वजह है।

आइडेंटिटी रहती है सिक्रेट


पहला तो यह है कि जब भी कोई व्यक्ति इन देशों में निवेश करता है या फिर कोई कम्पनी शुरू करता है तो उसे अपना कोई भी Source of Revnue नहीं जाहिर करना होता। उसे ये भी नहीं बताना होता है कि उसके पास पैसा कहां से आता रहा है, या फिर कौन से देश से आ रहा है। दूसरी बात यह कि इन कम्पनियों के जो भी मालिक होते हैं, उनकी पहचान ये देश पूरी तरह से सिक्रेट ही रखते हैं। सूरत हाल चाहे कोई भी हो मगर ये देश दूसरे देशों को ये बिल्कुल ही नहीं बताते कि किस भी कम्पनी का डायरेक्टर और इन्वेस्टर्स कौन है। और तीसरी बात यह है कि इन देशों में टैक्स भी बहुत ही कम अमाउंट में चुकाने होता है। इस तरह यहां से ब्लेक मनी को घुमा फिरा कर व्हाइट बनाकर भारत और दूसरे देशों में लाना आसान हो जाता है। हम आपको एक्जामपल देकर समझाते हैं कि किसी भी व्यक्ति ने भारत में टैक्स चोरी के पैसों से पनामा में एक फर्जी कम्पनी बना ली थी। उस बाद इस कम्पनी के सालाना रेवन्यू पर वहां बहुत ही कम टैक्स लगेगा। उस बाद ये पैसा निवेश और दूसरे तरीके में भारत आ जाएगा। इस तरह यही मुख्य वजह है कि भारत के ज्यादातर सेलेब्रिटी इन देशों में अपना ब्लेक मनी व्हाइट बनाने के लिए जाते हैं।

लिस्ट में 500 इन्डियन सेलेब्रिटीज के नाम


साल 2016 में जब पनामा पेपर्स लीक का खुलासा हुआ था, तो उस वक्त इसमें 500 इंडियन सेलेब्रिटी के नाम होने की बात भी सामने आई थी। इस लिस्ट में कई दिग्गज नेता, कुछ पूर्व मुख्यमंत्री थे और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के भी नाम भी शामिल थे। हमारे देश की बच्चन फेमेली भी इन्हीं में से एक है।

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