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रक्षाबंधन में ड्राई फ्रूट्स की मांग अधिक रहती है। ऐसे में अब लोगों की जेब ढीली हो रही है। प्रमुख ड्राई फूड् आयातक सेठी इंस्पेक्टर के संचालक संजीव सेठी ने बताया कि अमेरिका में बदाम की फसल नष्ट होने से बाजार में इसकी शार्टेज आ रही है। और कीमतें बढ़ रही हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान में स्थिरता का असर वहां से आने वाले मेवो पर हो रहा है। उनका कहना है कि यह सब जो हो रहा है अस्थाई है। जबकि कुछ ही माह में स्थितियां सामान्य होंगी। तब ड्राई फ्रूट्स की कीमतें सामान्य स्तर पर आ जाएंगी।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का असर भारत में ड्राई फ्रूट्स के बाजार पर पड़ना अभी से शुरू हो गया है। बादाम, काजू, किसमिस और अंजीर की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। बीते कुछ समय पहले से ही बदाम की कीमत में 100 से 150 रुपए प्रति किलो की वृद्धि हो चुकी है। जबकि मुनक्का की कीमत में भी 100 रुपए से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही साथ अंजीर, किशमिश और मुनक्का की कमी बनी हुई है। जिसकी वजह से रेट बढ़ रहे हैं।
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तालिबान ने जैसे ही अफगानिस्तान पर अपना कब्जा जमाया वैसे ही पुरानी दिल्ली के खारी बवाली मार्केट में इसका असर दिखना शुरू हो गया।एशिया की सबसे बड़ी ड्राई फूट्स और मसालों की मार्केट खारी बवाली में अफगान से आने वाली तमाम ड्राई फूड्स के दाम आसमान छूने लगे हैं। होलसेल के इतने बड़े मार्केट में तमाम कारोबारी इस चिंता में है कि इसके कारण उनका व्यापार न खत्म हो जाए। ऐसे हालात को देखते हुए ड्राई फूड्स का कारोबार करने वाले कई कारोबारी ने दाम बढ़ाने भी शुरू कर दिए हैं। अगर हमारे तो आने वाले दिनों में ड्राई फ्रूट्स के दाम लोगों को इससे दूर कर देंगे।
कारोबारियों का कहना है कि अफगानिस्तान में स्थिति सामान्य होने के बाद में मेवो की कीमतों में भी स्थिरता आ सकती है। हालांकि इसमें कुछ वक्त लग सकता है। भारत के कश्मीर में थोड़ा बहुत बादाम पैदा किया जा रहा है। चूंकि वह हरा ही बाजार में बिक जाता है। इसके अलावा गुरबंदी बादाम की गिरी अफगानिस्तान से आयात की जा रही है। बदाम गिरी को ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से आयात किया जाता है। फिलहाल उद्यमियों का कहना है कि मांग का करीब नब्बे फ़ीसदी तक का बदाम अमेरिका से ही आता है।