Surrogacy Act 2021: अब नहीं हो सकेगा किराये की कोख़ का कारोबार, नए कानून को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी.

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Surrogacy कानून को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

Surrogacy Act 2021 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किराए की कोख या फिर सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम 2021 को अब मंजूरी दे दी है। शनिवार को राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दी तथा गजट प्रकाशन के साथ ही ये कानून लागू भी हो गया है। इस कानून में सरोगेसी को वैधानिक मान्यता देने तथा इसके व्यवसायिकरण को गैरकानूनी बनाने का भी प्रावधान इसमें है। सरोगेसी के वाणिज्यिक पैमाने पर दुरुपयोग पर इस कानून से अंकुश लगेगा। केवल इसके जरिए मातृत्व प्राप्त करने के लिए सरोगेसी की अनुमति मिलेगी। जिसमें सरोगेट मां को गर्व की अवधि के दौरान ही चिकित्सा खर्च तथा बीमा कवरेज के अलावा कोई और भी बिकती मुआवजा नहीं मिलेगा।

असल में व्यवसाय के स्तर पर सरोगेसी का आर्थिक लाभ और कोई अन्य लाभ के लिए इसका उपयोग किया जाता था। सरोगेसी की अनुमत उस समय दी जाती है जब संतान का इच्छुक जोड़ा चिकित्सा के आधार पर प्रमाणित बांझपन से ही प्रभावित हो। इसी कानून के जरिए बच्चे पैदा करके उसे बेचने, वेश्यावृत्ति कराने तथा किसी अन्य प्रकार के शोषण पर पूरी तरह से रोक लगेगी।

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क्या है Surrogacy Act 2021

Surrogacy एक प्रकार की ऐसी विधि जिसमें कोई महिला संतान की इच्छुक किसी जोड़े के बच्चे को अपने गर्भ में पालती है तथा जन्म के बाद ही वह उस बच्चे को जोड़ें को सौंप देती है। उस जोड़ी के शुक्राणु तथा अंडाणु को इससे पहले प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है तथा जब ये एक भ्रूण के रूप में आ जाता है। तब इसे उस महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। कानून के प्रावधान के अनुसार 25 से 30 साल की उम्र की महिलाएं ही सरोगेसी का रास्ता चुन सकती हैं। सरोगेट मां बनने के लिए पहले महिला को विवाहित होना चाहिए।

पहले ही मिल चुकी थी इसे मंजूरी संसद से

17 दिसंबर 2019 को सरोगेसी (विनियमन) विधेयक को राज्यसभा में पारित करा लिया गया था। सदन ने इसे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। पहले ही यह लोकसभा में पारित हो चुका था। लेकिन राज्यसभा में आने के बाद से इस को प्रवर समिति को भेजा गया था।


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