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Subrata Roy Sahara का मुंबई में निधन, युपी के इस शहर में होगा अंतिम संस्कार

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Subrata Roy Sahara Last Rites Live: सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक सुब्रत राय सहारा का मुंबई में मंगलवार देर निधन हो गया। सहारा श्री के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय 75 साल के थे। उनका पार्थिव शरीर बुधवार को लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा और यहीं उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि भी दी जाएगी।

कौन थे Subrata Roy Sahara

Subrata Roy Sahara

सुब्रत राय सहारा भारतीय वित्त समृद्धि और निधि समृद्धि के क्षेत्र में कार्यरत भारतीय उद्यमी थे, जिन्होंने सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की थी। सहारा ग्रुप विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार करता है, जैसे कि वित्त, बीमा, रियल एस्टेट, मीडिया, और इंफ्रास्ट्रक्चर।

उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार करके एक बड़े वित्तीय समृद्धि का सृजन किया है, जिसमें वित्त, बीमा, रियल एस्टेट, मीडिया, और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। उनका योगदान भारतीय व्यापार समुदाय में महत्वपूर्ण है।

उनका (Subrata Roy Passes Away) मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। आज बुधवार को उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा। लखनऊ में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। सुब्रत रॉय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को हुआ था। वे देश के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक थे।

कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण हुआ निधन

Subrata Roy Sahara

सुब्रत राय का निधन 14 नवंबर को रात 10.30 बजे मेटास्टैटिक घातकता, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से उत्पन्न जटिलताओं के साथ लंबी लड़ाई के बाद कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण हुआ है। उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में एडमिट किया गया था लेकिन बढ़ती जा रही प्रॉब्लम्स के कारण 12 नवंबर को उन्‍हें मुंबई के मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (केडीएएच) में भर्ती किया गया था। उनकी मौत पर सहारा ग्रुप ने कहा, ‘उनकी कमी पूरे सहारा इंडिया परिवार को गहराई से महसूस होगी। 

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अखिलेश यादव ने भी जतलाया दुख

Subrata Roy Sahara

सहारा चीफ के निधन पर समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करके दुख जताया है।

लौटाने थे 24 हजार करोड़ रुपये

Subrata Roy Sahara

SEBI ने 2011 में सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को निवेशकों से जुटाए गए पैसे को वापस करने का आदेश दिया था। नियामक ने फैसला सुनाया था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों को तोड कर धन इकट्ठा था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखते हुए दोनों कंपनियों को निवेशकों का पैसा 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने हुक्म दिया था।

अंततः सहारा को निवेशकों को रिफंड के लिए सेबी के पास अंदाजतन 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया था। दुसरी तरफ सहारा ग्रुप ने हमेशा कहा कि यह ‘दोहरा भुगतान’ है, क्योंकि वह पहले ही 95 फीसदी से अधिक निवेशकों को रकम लौटा चुका है।

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