Islamic Summit On Israel Hamas War: इजरायल और हमास (Israel Hamas War) के बीच जारी संघर्ष ने पूरी दुनिया को दो हिला कर रख दिया है। इसी बीच इस्लामिक-अरब शिखर समिट में मुस्लिम देश भी इस मामले पर दो हिस्सों में बंटे हुए नजर आए हैं।
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दुनियाभर के मुस्लिम देश लगातार हमास और फिलिस्तीन के लोगों के लिए अपनी सहानुभूति जता रहे हैं। दुसरी ओर इजरायल को लेकर उनके रुख में बदलाव नजर आया है। इस्लामिक अरब शिखर सम्मेलन में इजरायल की निंदा की गई है लेकिन उसके बहिष्कार का समर्थन नहीं किया गया। सऊदी-UAE के अलावा 7 मुस्लिम देशों ने इजरायल के साथ आर्थिक संबंध खत्म करने के प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया है। इस वजह से इजरायल के संपूर्ण बहिष्कार का प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है। फिलहाल 40 दिनों से ज्यादा वक्त से इजरायल और हमास (Israel Air Strikes) के बीच संघर्ष चल रहा है और बेंजामिन नेतन्याहू ने सीजफायर से इनकार किया है।
इजरायल के संपूर्ण बहिष्कार के प्रस्ताव का विरोध सऊदी अरब, UAE, जॉर्डन, मोरक्को, मिस्र, सूडान, बहरीन ने पास नहीं होने दिया। यह दावा अरब मामलों के विश्लेषक एहुद यारी के हवाले से किया जा रहा है। इसके अलावा एक मीडिया ग्रुप ने भी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस्लामिक अरब शिखर सम्मेलन में प्रस्ताव लाया गया था कि मुस्लिम देश इजरायल (Israel-Gaza Conflict) पर सीजफायर के लिए दबाव बनाएं और इसके लिए तैयार नहीं होने पर तेल की सप्लाई पूरी तरह से बंद की जाए। हालांकि, यह प्रस्ताव पास नहीं हो पाया।
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फिलहाल, शिखर सम्मेलन को लेकर ऑर्गेनाइजेशन ने कोई भी ऑफीशियली स्टेटमेंट नहीं दिया है। हालांकि इस समिट में हिस्सा लेने वाले दो प्रतिनिधियों के हवाले से इंटरनेशनल मीडिया में यह खबर पहुंची है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स में रिलीज हुई रिपोर्ट के मुताबिक, अल्जीरिया ने इजरायल (Israel and Palestine) के साथ सभी रिश्ते खत्म करने की मांग करते हुए प्रस्ताव पेश किया था। इसी सिलसिले में सऊदी अरब, UAE समेत 7 मुस्लिम देशों ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहां की वर्तमान संजोगों को देखते हुए इजरायल के साथ बात करना बहुत जरूरी है।
Israel Hamas War, समिट में हिस्सा लेने से पहले मीडिया संघ बातचीत करते हुए सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि फिलिस्तीनी (Israel Attack on Gaza) लोगों के खिलाफ जुल्म हो रहे हैं और हम इस वक्त उनके साथ से खड़े हुए हैं। इस जुल्म के लिए इजरायल जिम्मेदार है और हालात बेहतर करने के लिए अब तत्काल युद्धविराम जरूरी है। वहीं, इजरायल ने युद्ध विराम की किसी भी तरह संभावना से साफ इनकार कर दिया और कहा कि हमास के खात्मे तक ये संघर्ष जारी रहेगा और हम इससे पीछे नहीं हटेंगे।