Shravan Yadav: आपने तमाम समाज सुधारकों को देखा और सुना होगा जो अपने-अपने तरीके से समाजोपयोगी कार्यों में लगे रहते हैं और समाज को एक नई दिशा प्रदान करते हैं ऐसे ही लोगों में से एक हैं श्रवण यादव, जिन्होंने केंचुआ खाद बनाकर अपनी तथा अपने साथ हजारों लोगों की ज़िदगी को बदल डाला… आपको भी इस शख्स व इस केंचुआ खाद के बारे में जरूर जानना चाहिये।
इस पोस्ट में
सबसे पहले आपको यह बताते हैं कि केंचुआ खाद होती क्या है तो आपको बता दें कि केंचुआ खाद गोबर व सड़ने योग्य पदार्थों को केंचुये की मदद से सड़ाकर बनाई जाती है, उसने पहले केंचुआ इन चीजों को खा लेता है और फिर लेट्रिन करता है,यही अवशिष्ट खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है।
केंचुआ खाद से क्रांति लाने की तरफ अग्रसर श्रवण यादव के बारे में जानना भी आज बहुत लोगों की लालसा बनी हुई है अतः हम आपको श्रवण यादव के बारे में भी विस्तार से बतायेंगे,आपको बता दें कि श्रवण यादव राजस्थान के जयपुर स्थित सुदरपुरा गांव के निवासी हैं जिन्होंने केंचुआ खाद के जरिये कृषि क्षेत्र में परिवर्तन लाने का अभियान छेड़ रखा है।
आपको श्रवण यादव की शिक्षा के बारे में जानकर निश्चित तौर पर हैरानी होगी,आपको बता दें की श्रवण यादव ने पहले तो कृषि विज्ञान में पढ़ाई की और फिर UGC द्वारा कराये जाने वाले NET/JRF को भी क्वालीफाई किया तथा पीएफडी की,पीएफडी करने के बाद भी श्रवण यादव को केंचुआ खाद बनाने का कार्य करना पड़ा ,ऐसा क्यों यह जानना भी दिलचस्प होगा।
आपको बता दें कि श्रवण यादव ने केंचुआ खाद बनाना शुरू किया इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि इन्होंने ने सरकारी नौकरी के लिये 11 बार इंटरव्यू दिया और असफ़ल हो गये…. लिखित परीक्षा में शीर्ष 5 स्थान में आने पर भी साक्षात्कार में चयनित न होने पर श्रवण यादव ने कुछ अलग करने की सोंची और अपने अभियान में लग गये।
आपको बता दें कि Shravan Yadav ने वर्ष 2020 में 4 लाख रुपये इन्वेस्ट करके वर्मी कम्पोस्ट बनाना शुरू किया और शुरुवाती चरण में 90 क्विएंटल कम्पोस्ट बनाई जिसकी सीमा बढ़कर अब 300 कविंटल हो गयी है।
Shravan Yadav अपने एक साक्षात्कार में बताते हैं कि जब उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट की यूनिट लगाई तो घर परिवार से लेकर अन्य सभी लोगों ने हमे ताने दिये और कहा नाम के आगे डॉक्टर और हाथ मे गोबर,लेकिन वह पूरी शिद्दत से लगे रहे और सफल हुये, आज वही लोग श्रवण यादव से सलाह माँगने आते हैं जो कल तक उन्हें ताने मारते थे।
Shravan Yadav एक साक्षात्कार में बताया कि आज उनके वर्मी कम्पोस्ट यूनिट में अनेकों लोगों को रोज़गार मिला है,और देश के कई राज्यों में उनकी कम्पोस्ट की माँग होती है और प्रयोग की जाती है,बता दें कि वर्मी कम्पोस्ट 6 से 8 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बेंची जाती है।
आपको बता दें कि Shravan Yadav सिर्फ खाद बनाकर बेचने का कार्य नहीं कर रहे बल्कि वह स्थानीय किसानों के लिये प्रशिक्षण शिविर भी चलाते हैं,आपको बता दें कि महीने की 25 तारीख को श्रवण यादव किसानो को खाद बनाने का गुर सिखाते हैं तथा जैविक कृषि से किसानों को अवगत कराते हैं,इस प्रकार आज श्रवण यादव आस-पास के लोगों के लिये मसीहा बने हुये हैं।