Shivraj Singh Chouhan
Shivraj Singh Chouhan: Home minister Amit Shah देश में पहली बार Madhya Pradesh में हिन्दी में MBBS course की शुरुआत रविवार को कर रहे हैं। इसके पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ख़ास बातचीत में यह बताया कि बचपन से देखा था कि ग्रामीण गरीब बच्चे प्रतिभाशाली होते हुए भी अंग्रेजी ना जानने के कारण से अपने प्रतिभा को प्रकट नहीं कर पाते थे एवं कुंठित हो जाते थे। Medical में Admission मूल प्रेरणा पीएम नरेंद्र मोदी की है।
सीएम Shivraj Singh Chouhan ने यह कहा कि मातृभाषा में Medical & Engineering की पढ़ाई होनी चाहिए। MP Government ने उस संकल्प को पूरा करने की कोशिश की है। अंग्रेजी का ज्ञान ना होना उनको Medical की पढ़ाई छोड़ने का कारण बन गया। मन में एक कसक उठती थी। लेकिन, हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी अद्भुत हैं, जिन्होंने देश का मानस बदलने का काम किया। उन्होंने संकल्प लिया कि Medical & Engineering की पढ़ाई भी मातृभाषा में होनी चाहिए। नई शिक्षा नीति में ये कहा। प्रधानमंत्री के इस संकल्प को हमने सिद्दि में बदलने का प्रण किया। तय किया कि Madhya Pradesh इसकी शुरुआत करेगा।
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सीएम Shivraj Singh Chouhan ने बातचीत में यह कहा कि पहले जब ये बात सोची तो लगा कि यह असंभव है। ये हो ही नहीं सकता। लेकिन, फिर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग जी की अध्यक्षता में हमने Team बनाई। वॉर रूम बना जिसको मंदार नाम दिया गया। मंदार समुद्र मंथन के वक्त का मदुराचल पर्वत है, जिसे मथनी की तरह उपयोग किया गया एवं अमृत निकला था। अब हिन्दी में जो पढ़ाई MBBS की होगी यह अमृत है। जो लोग सोचते थे नहीं हो सकता वह भी हो गया।
उन्होंने यह कहा कि हम आग्रही नहीं है कि कोई कठिन शब्द भी लाओ। हमने यह तय किया कि भाषा देवनागरी हो, जो प्रचलित शब्द हैं उनको देवनागरी में लिखेंगे। लीवर को यकृत लिखने की जिद नहीं करनी चाहिये। किताबें बनकर तैयार हैं। वह लाखों बच्चे जिन्हें अंग्रेज़ी मार देती थी। वह अब प्रतिभाशाली है तो सफल होंगे। हिन्दी में पढ़ाई के कारण। Doctor अपने पर्चे पर Rx की जगह श्री हरि भी लिख सकते हैं। दवाई का नाम क्रोसिन लिखना है तो क्रोसिन हिंदी में लिखा जा सकता है।
उसमें भला क्या दिक्कत है? ऊपर श्री हरी लिखो एवं क्रोसिन लिख दो। यहां पर गांव-गांव में डॉक्टर की जरूरत है, हिंदी में लिखेंगे इसमें क्या दिक्कत है? हमारे यहां पर शुरूआत ऐसे ही करते हैं कि श्री गणेशाय नमः या फिर श्री हरि…
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CM Shivraj Singh Chouhan ने चैन्नई में हिन्दी भाषा के विरोध पर कहा कि मातृभाषा में शिक्षा की बात प्रधानमंत्री ने कही है। यहां मातृभाषा हिन्दी है, जहां मातृभाषा तमिल है, वहां तमिल में पढ़ाई हो, जहां तेलूगू है वहां तेलूगू में, जहां पर कन्नड़ है वहां कन्नड़ में, इसमें दिक्कत क्या है? हम यह नहीं कह रहे हैं कि वहां भी हिन्दी पढ़ाओ। हम हिन्दी को थोप नहीं रहे हैं। लेकिन सोचिये कि Doctor की ज़रूरत गांवों में भी है, कस्बों में भी है।
उसको हिन्दी आयेगी व हिन्दी लिखेगा तो बेहतर इलाज भी कर पायेगा एवं मरीज़ बेहतर तरीके से समझ भी पायेगा, इसमें क्या दिक्कत है?
सीएम Shivraj Singh Chouhan ने कहा कि किताबें MBBS 2nd year की भी तैयार हो रही हैं। पीजी की भी तैयार होंगी। यह ज़बरदस्ती मुट्ठी भर लोगों ने थोप दिया। चीन में कौन सी मेडिकल की पढ़ाई English में होती है। जर्मनी, जापान, फ्रांस जैसे देशों में कहां English में पढ़ाई होती है। वहां अपनी मातृभाषा में पढ़कर बच्चे इतिहास रच देते हैं।
कई मामलों में वह इन्हीं विषयों में नंबर वन या फिर टू आते हैं तो हमारा देश क्यों नहीं कर सकता है। सभी कोर्स चाहे वो तकनीकि शिक्षा के हों या फिर Engineering की पढ़ाई हो या कोई और सभी हिन्दी भाषा में उपलब्ध रहेगी। English की बाध्यता समाप्त हो जायेगी।
CM Shivraj Singh Chouhan ने कहा कि एक शुरुआत हुई है। मुझे पूरा भरोसा है कि धीरे धीरे IIT, IIM में भी हिन्दी में भी पढ़ाई शूरू होगी एवं होना भी चाहिये। केवल English में नहीं। हम भाषा के रूप में English के विरोधी नहीं है। लेकिन English हमारे लिये बाध्यता क्यों हो अगर हम English नहीं जानते हैं तो। यह मानसिकता बन गई है कि English के चार शब्द बोल दो तो बड़ा Impression पड़ता है। इस मानसिकता से निजात पाना है।
यह गुलामी की मानसिकता है, जिसको English में पढ़ना है पढ़े उसकी मनाही नहीं है। यह अनिवार्य नहीं है। लेकिन जिसे English में नहीं पढ़ना जिसकी मातृभाषा हिन्दी है वह अपनी प्रतिभा को हिन्दी में जाहिर करें।