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Shihab Chottur: 370 दिन और 8600 किमी दूरी, आखिरकार पैदल चल मक्का-मदीना पहुंचें शिहाब

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Shihab Chottur: जब गर्मियों में धूप की तपिश से बचने के लिए हम घर से बाहर निकलना इग्नोर करते हैं ऐसे हालातों में भी केरल के एक शख्स ने अपनी धार्मिक आस्था की एक बहुत बड़ी मिसाल पेश की है। पिछले साल से ही Shihab Chottur का नाम काफी सुर्खियों में था। केरल राज्य के मल्लपुरम जिले के वेलंचेरी में रहने वाले शिहाब ने मक्का और मदीना जी से पवित्र शहरों की यात्रा को करीब 370 दिन और 8600 किमी पैदल चल कर खत्म की है।

नेक और मजबूत इरादा लेकर हज के लिए निकले शिहाब ने काफी कठिनाइयों का डटकर सामना किया और आखिरकार अपनी मंजिल पर पहुंच गए।

इन मुल्कों के रास्ते पहुंचे सऊदी अरब

Shihab Chottur

शिहाब अपने देश का सफर खत्म करने के बाद पाकिस्तान के रास्ते ईरान, इराक, कुवैत और अंत में अपनी मंजिल यानी पवित्र शहर सऊदी अरब पहुंचे। शिहाब कहते हैं कि, सऊदी अरब में प्रवेश करने के बाद वह इस्लाम धर्म के महत्वपूर्ण इस्लामिक तीर्थों में से एक मदीना शहर पहुंचे, जहां पर उन्होंने मक्का मुअज्जमा जाने से पहले 21 दिन बिताए। शिहाब ने सऊदी अरेबिया चलकर भी पैदल ही सफर किया और मदीना और मक्का के बीच की 440 किलोमीटर की दूरी भी महज नौ दिनों में तय की थी। अब यह नौजवान अपनी मां जैनबा के केरल से आने के बाद अपना हज करेंगे।

सऊदी के अफसरों ने भी की मुलाकात

Shihab Chottur

Shihab Chottur अपना खुद का यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं और यूट्यूब के जरिए ही अपने दर्शकों को पूरी यात्रा के बारे में जानकारी भी देते रहे हैं। जब शिहाब मक्का मदीना पहुंचे तो वहां भी बड़ी गर्मजोशी से उनका स्वागत हुआ। इतना ही सऊदी के अफसरों ने भी उनकी मुलाकात की थी।

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आसान नहीं रही शिहाब की हज यात्रा

Shihab Chottur

आजकल पैदल चलते हुए जानना शिहाब के लिए आसान नहीं रहा है। केरल के इस नौजवान ने ऐसा कारनामा किया है जिस पर पूरे हिंदुस्तान को गर्व महसूस हो रहा है। शिहाब ने अपने वतन का रास्ता तो बड़े ही आसानी से तय कर लिया लेकिन जब वह वाघा-अटारी बॉर्डर पर पहुंचे तो उनके पास पाकिस्तान में एंट्री के लिए वीजा नहीं होने पर उन्होंने ट्रांजिट वीजा के लिए अप्लाई किया था।

इसी प्रोसेस में उन्हें कई महीनों वाघा बॉर्डर पर बने हुए एक स्कूल में रहना पड़ा था। किंतु जब उन्हें पाकिस्तान में ट्रांजिट वीजा के लिए मंजूरी मिल गई तो उन्होंने फरवरी 2023 में दोबारा से अपनी यात्रा शुरू कर दी और महज 4 महीनों के समय में ही वह अपने गंतव्य तक पहुंच गए।

कौन है Shihab Chottur

देश के आखरी छोर केरल के मलप्पुरम जिले के कोट्टक्कल के पास अठावनाड नामक इलाके के रहने वाले है Shihab Chittur । शिहाब जोखिम और तकलीफों से भरे लेकिन इस रूहानी सफर पर ऐसे दौर में निकले थे जब सारी दुनिया में चहलपहल मची हुई थी।
फिर भी केरल के शिहाब छोत्तूर अल्लाह के घर को देखने के लिए अकेले ही पैदल चलकर 8,600 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर ली थीं।

21 वीं सदी में भारत से पैदल हज यात्रा करने वाले पहले इंसान हैं Shihab Chottur

हज के लिए निकले शिहाब का कई जगहों पर हीरो की तरह स्वागत किया गया था। वह केरल से निकलकर जिस जिस जगह से चलते हुए गए थे वहां पर सैकड़ों लोग उनके इस्तकबाल के लिए जमा हो गए थे। कई व्लॉगर्स भी उनकी इस यात्रा का प्रचार करते रहे  क्योंकि शिहाब 21 वीं सदी में भारत से पैदल हज यात्रा करने वाले पहले ही इंसान हैं।

इस्लाम धर्म में हर उस व्यक्ति को में हज यात्रा अनिवार्य की गई है जो शारीरिक और आर्थिक रूप से संपन्न है।

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