Sanjay Malhotra: डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (Department of Finance Services) के पूर्व सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने रेवेन्यू सेक्रेटरी के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने तरुण बजाज की जगह ली है। उन्होंने रेवेन्यू डिपार्टमेंट को ऐसे समय में संभाला है जब बजट-2023 की तैयारी जोश के साथ चल रही है। संजय मल्होत्रा 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं जो राजस्थान काडर के हैं। इन्होंने IIT कानपुर से BTech किया है, जिसके बाद से प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर Degree हासिल की। सरकार ने अक्टूबर में 16 मंत्रालय एवं डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी में बदलाव का ऐलान किया था।
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दरअसल राजस्व सचिव के पद के नियुक्त होने के बाद से Sanjay Malhotra पर डायरेक्ट एवं इनडायरेक्ट टैक्स के कलेक्शन बढ़ाने के साथ टैक्स कानून के सरलीकरण की जिम्मेदारी होगी। वैसे प्री-बजट मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से स्टेकहोल्डर्स की ओर से इनकम टैक्स को युक्तिसंगत बनाने की मांग की गई है। माना यह जा रहा है कि सरकार आने वाले बजट में Direct tax में नए इनकम टैक्स रिजिम को लोकप्रिय बनाने के लिए बड़े बदलाव कर सकती है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में भी बदलाव संभव है। इसके अलावा टैक्स बेस बढ़ाने के साथ ही indirect tax policy के जरिए महंगाई से राहत दिलाने की भी कोशिश होगी।
बता दें कि एक फरवरी 2023 को मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण Budget पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री ने पूर्व में कहा है कि साल 2023 में पेश किये जाने वाले आम Budget को इस प्रकार तैयार किया जाएगा। जिससे देश की आर्थिक विकास की गति भी बरकरार रहे। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने यह कहा कि बजट के जरिए महंगाई पर अंकुश लगाने की कोशिश की जाएगी।
अगर सरकार की राजकोषीय हालत की बात करें तो बुधवार को दूसरी तिमाही के लिए GDP के आंकड़े जारी किए गए। चालू वित्त वर्ष यानी कि साल 2022-23 के बीच अप्रैल से अक्टूबर के बीच सरकार का राजकोषीय घाटा बढ़कर अब 7.58 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। ये बजट 2022 के टारगेट का 45.6 प्रतिशत है। हालांकि सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रेवेन्यू डेफिसिट का लक्ष्य 16.61 लाख करोड़ या फिर GDP का 6.4 फीसदी रखा है।
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CAG (Comptroller and Auditor General of India) के आंकड़ों के अनुसार 11.71 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध tax रेवेन्यू 2022-23 के budget अनुमान का 60.5 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि के दौरान ये उस वर्ष के बजट अनुमान का 68.1 प्रतिशत था। अप्रैल-अक्टूबर के दौरान केंद्र सरकार का टोटल एक्सपेंडिचर 2022-23 के बजट अनुमान का 54.3 प्रतिशत है। जो एक वर्ष पहले समान अवधि में 52.4 प्रतिशत था।
ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने यह कहा कि अप्रैल-अक्टूबर 2022-23 में भारत सरकार का नेट टैक्स रेवेन्यू 11 प्रतिशत की दर से बढ़ा। नॉन-टैक्स रेवेन्यू में 14 प्रतिशत की कमी आई। जबकि रेवेन्यू एक्सपेंडिचर 10 प्रतिशत बढ़ा। इस दौरान कैपिटल एक्सपेंडिचर 62 प्रतिशत बढ़ा।