Qutub Minar: गलियों, सड़कों,रेलवे स्टेशनों, शहरों के नाम बदलने के बाद अब देश की चर्चित ऐतिहासिक धरोहरों के नाम बदलने की मांग उठने लगी है । दिल्ली की ऐतिहासिक कुतुबमीनार का नाम बदलने को लेकर एक संगठन धरने पर बैठ गया है। महाकाल मानव सेवा नामक संगठन के सदस्यों ने मंगलवार को कुतुबमीनार के पास ही धरने पर बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ी और विरोध प्रदर्शन करते हुए इस ऐतिहासिक धरोहर का नाम बदलकर विष्णु स्तम्भ करने की मांग की है ।
समाचार एजेंसी ANI ने धरने पर बैठे हुए महाकाल मानव सेवा के सदस्यों का वीडियो पोस्ट किया है। हालांकि इस संगठन के सदस्यों को पुलिस ने मीनार के पास नहीं जाने दिया । संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष जयभगवान गोयल को हिरासत में ले लिया है।
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बात करें दिल्ली स्थित Qutub Minar की तो इतिहास के अनुसार यह मीनार 3 शासकों के कार्यकाल में जाकर पूर्ण हुई । भारत मे प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1193 में इस मीनार को बनवाना शुरू किया। अफगानिस्तान स्थित जाम की मीनार से प्रेरित एवं प्रतिस्पर्धी रूप से उससे आगे निकलने की चाह में ऐबक ने इस मीनार का काम शुरू कराया हालांकि वह अपने शासन काल मे इस मीनार का सिर्फ आधार ही बनवा सका।
उसके बाद दिल्ली सल्तनत पे काबिज हुआ कुतुबुद्दीन ऐबक का दामाद इल्तुतमिश ने इसकी 3 मंजिलें बनवाईं परन्तु वह भी अपने शासन काल मे इस मीनार को पूरा नहीं बनवा सका । इसके बाद 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने इसकी पांचवीं और अंतिम मंजिल का निर्माण कराकर इसे पूर्ण किया । कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा इस मीनार के निर्माण की शुरुआत कराए जाने की वजह से इसका नाम कुतुबमीनार पड़ा। बता दें कि कुतुबमीनार यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित है ।
13 वीं शताब्दी में बनकर तैयार हुई यह Qutub Minar भारत की सबसे ऊंची मीनार है । लाल बलुआ पत्थर से बनाई गई इस मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर( 237.86 फीट) है जबकि आधार व्यास 14.32 मीटर है । शीर्ष के पास इसकी ऊंचाई 2.75 मीटर है । कुतुबमीनार में 379 सीढियां हैं। इस मीनार में कुरान की आयतों की लिखी नक्काशी की गई है साथ ही फूल बेलों की महीन नक्काशी भी है । इतिहास के अनुसार यह मीनार नमाज अदा करने की पुकार लगाने के लिए बनाई गई थी। बता दें कि यूनेस्को ने भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित इस मीनार को विश्व धरोहर के रूप में शामिल किया है ।
हिन्दू संगठन महाकाल मानव सेवा के सदस्यों ने मंगलवार को Qutub Minar में हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था जिसके चलते मीनार के पास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था । हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं का दावा है कि कुतुबमीनार का असली नाम विष्णु स्तम्भ है । उन्होनें इस मीनार का नाम बदलकर विष्णु स्तम्भ करने की मांग करते हुए परिसर में पूजा करने की इजाजत मांगी हालांकि पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया।
बता दें कि हिन्दू संगठनों का दावा है कि इस Qutub Minar को कुतुबुद्दीन ऐबक ने नहीं बल्कि सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक खगोलशास्त्री वराहमिहिर ने बनवाया था। उन्होंने इसका वास्तविक नाम कुतुबमीनार नहीं बल्कि विष्णु स्तम्भ करने की मांग की।
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PDP अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ऐतिहासिक स्थलों के नाम बदलने पर हमला बोलते हुए इसे साजिश और राजनीति करार दिया है ।
महबूबा मुफ़्ती ने अनन्तनाग में पत्रकारों से कहा-
“मुगलों के वक़्त जो चीज़ें बनी हुई हैं जैसे, ताजमहल, मस्जिदें, किले ये उन्हें बिगाड़ना चाहते हैं, उनके पीछे पड़े हुए हैं। इससे कुछ हासिल नहीं होगा। अगर इनमें दम है तो ताजमहल, लाल किले को मंदिर बनाकर दिखाएं फिर देखते हैं कि कितने लोग इस देश को देखने के लिए यहां आएंगे।”
बता दें कि Qutub Minar का नाम बदलकर विष्णु स्तम्भ करने की मांग लगातार तेज होती जा रही है ।