Pollution: हवा, पानी या जमीन प्रदूषण कोई भी हो लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में दुनिया भर के दिग्गजों के लिए ये एक सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। प्रदूषण की रोकथाम के लिए दुनियाभर में बात हो रही है। हमारी राजधानी दिल्ली का शुमार भी दुनिया के सबसे प्रदूषित 10 शहरों में होता है। वैसे भी हमारे देश के 3 शहर ऐसे हैं जिनका शुमार प्रदूषित शहरों कि लिस्ट में सबसे पहले दर्जे पर है लेकिन, आज हम ” भारत एक नई सोच” में देश को Pollution मुक्त बनाने की मंशा से दुनिया के उन देशों की बात करेंगे जिन्होंने प्रदूषण को नियंत्रित करने में बहुत ही बड़ी सफलता हासिल कर, प्रदूषण को कम कर दिखाया है।
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पेरिस की आबादी करीब 21 लाख है। इस देश में सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए एक अनोखा किंतु सराहनीय फैसला किया। यहां पर वीकेंड पर कार इस्तेमाल करने संपूर्ण रोक लगा दी गई है। वहीं, सरकार ने देशवासियों को असुविधाजनक परिस्थितियों का सामना न करना पड़े इस उद्देश्य से वीकेंड के दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट को फ्री कर दिया है। साथ ही यहां पर कार और बाइक शेयरिंग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इस फैसले का असर लोगों की जेब पर भी हुआ है क्योंकि वीकेंड पर कार प्रतिबंध और अन्य दिनों में वाहनों की शेयरिंग के कारण पेट्रोल की बचत भी होने लगी है।
नीदरलैंड्स ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए साइकिल को ट्रेंड में लाया। यहां पर अब ज्यादातर लोग ट्रैवल करने के लिए साइकिल का ही इस्तेमाल करते हैं। इससे कुछ ही समय में यहां की राजधानी एम्सटर्डम की हवा में साफ फर्क नजर आया है। वहां की सरकार का यह प्रयास है कि 2030 तक पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों पर भी रोक लग जाएं।
बीजिंग में भी एक दौर था जब Pollution ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया था। लेकिन, साल 2013 में वहां नेशनल एयर क्वालिटी एक्शन प्लान अमल में आया और बीजिंग के आसपास के कारखानों में ताले लगा दिए गए। स्टील और एल्यूमिनियम उत्पाद को बहुत ही कम कर दिया गया। इसके अलावा वहां पर प्रदूषण फैला रहे वाहनों को भी हटा दिया गया। वन और हरित क्षेत्र के आस पास निर्माण पर कानून बनाकर रोक लगा दी गई।
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दुनिया भर के लिए Pollution एक बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ है। लोग शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोग किसी ना किसी तरह से इस समस्या की गिरफ्त में आए जा रहे हैं। प्रदूषण के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। अब हाल ही में सामने आई एक स्टडी में हैरान करने वाले खुलासा हुआ हैं। इस स्टडी की रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोगो के मानसिक विकास पर असर होता है और वे क्राइम करने लगते हैं।
पर्यावरण के एक्स्पर्ट ने यह दावा भी किया है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोगों के अंदर बेचैनी पैदा होती है और उनके व्यवहार में भी बदलाव आता है। इस रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई कि जिन जगहों पर अधिक प्रदूषण होता है, वहां क्राइम रेट भी भी अधिक होता है।