Happy Republic Day: भारत गुरुवार को अपना 74 वाँ गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है । प्रत्येक वर्ष की भांति इस साल भी देश के गणतांत्रिक होने के उपलक्ष्य में इस राष्ट्रीय पर्व को शानदार तरीके से मनाया जायेगा। जैसा कि आप जानते ही हैं कि 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से मिली आजादी के उपलक्ष्य में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है तो वहीं प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को समूचा राष्ट्र गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है ।
जहां स्वतंत्रता दिवस को देश के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से ध्वजारोहण करते हैं तो वहीं 26 जनवरी को राष्ट्रपति राजपथ से तिरंगा फहराते हैं । ऐसे में क्या आपको पता है कि 26 जनवरी को हमारे देश के पीएम झंडा क्यों नहीं फहराते हैं ? आइए जानते हैं–
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15 अगस्त 1947 को भारत लंबे समय तक दासता के बाद आजाद हुआ था । इसी दिन आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आजादी मिलने पर ऐतिहासिक लालकिले से भारत की आन बान और शान तिरंगा ध्वजारोहण किया था । बता दें कि भारत सरकार को आजादी सौंपते हुए ब्रिटिश शासन ने अपना ध्वज उतारकर भारतीय ध्वज तिरंगा को उपर चढ़ाया था । इस दिन के बाद से प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है । देश को आजादी मिलने के बाद जब 26 जनवरी 1950 को पहली बार भारत गणतंत्र बना तब इस अवसर पर देश के प्रथम राष्ट्रपति डा राजेंद्र प्रसाद ने राजपथ से तिरंगा फहराया था । बता दें कि 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान देश में लागू किया गया था । भारतीय संविधान 2 साल 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था । संविधान लागू होने की वजह से 26 जनवरी 1950 से देश गणतंत्र हुआ था जिसके उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है ।
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चूंकि स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं तो वहीं गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के प्रथम नागरिक यानी महामहिम राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं । ऐसे में यदि यह सोचते हों कि ऐसा कोई नियम आजादी के वक्त बना था तो ऐसा बिलकुल नहीं है । आपको बता दें कि जब भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी तब भारत के राष्ट्रपति के रूप में किसी को चुना नहीं गया था ।
ऐसे में आजादी मिलने पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लालकिले की प्राचीर से तिरंगे का ध्वजारोहण किया था जबकि 24 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद चुन लिए गए थे इसलिए 26 जनवरी 1950 को पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राष्ट्रपति ने तिरंगा फहराया था । तब से लेकर आजतक यह नियम चला आ रहा है ।
Happy Republic Day, जहां प्रत्येक वर्ष के15 अगस्त को प्रधानमंत्री लालकिले से ध्वजारोहण करते हैं तो वहीं 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा फहराया जाता है । बता दें कि 26 जनवरी को तिरंगा को ऊपर बांधा जाता है और वहीं से इसे फहराया जाता है । वहीं 15 अगस्त को आजादी मिलने की वजह से तिरंगे को ऊपर की तरफ खींचा जाता है और उसके बाद तिरंगा फहराया जाता है । यही वजह है कि गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण नहीं बल्कि देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को फहराते हैं ।