PM Modi ने CM Yogi Adityanath की सराहना करते हुए यह कहा है कि अगर सभी के लिए एक जैसा कानून ना होता तो योगी सरकार लाउडस्पीकर उतरवाने में सफल ना हो पाती। इसकी सफलता का यही मंत्र था कि कानून के नजरिए में सब एक समान है।
सूत्रों के अनुसार ये नसीहत PM Modi ने सोमवार को देर रात योगी मंत्रिमंडल के साथ हुई बैठक में दी। उन्होंने एक पूर्व डीजीपी के ट्वीट का जिक्र करते हुए यह कहा कि वो उन्हें 30 सालों से जानते हैं। वो ऐसे अधिकारी नहीं है कि किसी सरकार के कहने पर कोई सराहनीय बातें लिख दें। उन्होंने यह सही ही लिखा है कि योगी सरकार लाउडस्पीकर उतरवाने में इसलिए सफल हुई है क्योंकि कानून ने सबको एक नजरिए से देखा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों को नसीहत दी है कि वह ट्रांसफर पोस्टिंग में कतई रुचि ना लें। ये न खत्म होने वाला काम है। उन्होंने मंत्रियों को मितव्ययता का सुझाव देते हुए यह कहा है कि दिखावे से बचना होगा। अनावश्यक खर्चे से भी बचें। उन्होंने सीएम की सराहना करते हुए यह कहा है कि योगी जी ने तो आप लोगों को इतनी छूट दे रखी है, मैं तो वो नहीं देता। हालांकि मंत्री जनता के बीच में जन सेवक के रूप में काम करें।
इस पोस्ट में
PM Modi social media की अहमियत को आगे रखते हुए यह कहा है कि जब भारत में थाॅमस कब जीता तो देश के लिए भी बहुत बड़ी उपलब्धि थी। आप में से कितने लोगों ने ट्वीट कर खिलाड़ियों को बधाई दी। अधिकतम निरुत्तर रहे। कई प्रसंगों पर पीएम ने चर्चा कर मंत्रियों का मार्गदर्शन भी किया। इसी प्रकार के आयोजन से मंत्री भी काफी प्रसन्न न दिखे।
PM Modi ने मंत्रियों से पूछा कि आप में से कितने लोग रोजाना व्यायाम करते हैं। पीएम मोदी के इस सवाल पर कई मंत्रियों ने हाथ उठा दिए। लेकिन कुछ नहीं नहीं उठाया। पीएम ने बयान तथा योग की अहमियत बताते हुए यह कहा कि इससे तनाव दूर होता है। आप लोग इसे दिनचर्या का हिस्सा भी बनाएं। कार्य कुशलता भी बढ़ती है। अगर आप लोग फिजिकली भी फिट रहेंगे तो बाकी काम अच्छे से होंगे।
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बता दे कि मुख्यमंत्री योगी ने लाउडस्पीकर के मामले में यह स्पष्ट आदेश दिया। उन्होंने यह कहा कि सभी लोगों को अपनी धार्मिक आस्था के हिसाब से ही पूजा पाठ करने की आजादी है। इसके लिए लोग लाउडस्पीकर लगाए हुए हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन लाउड स्पीकर की आवाज धार्मिक स्थान की परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए। योगी की इस आदेश के बाद से कार्यवाही और भी तेजी से चली।
गौरतलब है कि प्रदेश के गृह विभाग ने अवैध रूप से लगाए गए लाउडस्पीकर को हटाने की कार्यवाही की स्थिति रिपोर्ट 30 अप्रैल को ही मांगी थी। इससे पहले भी गिरी विभाग की तरफ से स्थानीय अधिकारियों ने अलग-अलग धर्मों के लगभग 30 हजार प्रमुखों से बात की है। आगे आने वाली रिपोर्ट में प्रदेश से हटाए तथा आवाज कम किए जाने लाउडस्पीकर का पूरा विवरण भी दिया गया।