श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने के कारण ही वाराणसी में पीएम मोदी ने अपनी व्यस्तता के बीच में भी भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ ही यूपी के चुनाव को लेकर मंथन किया। इस संगठन से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने ये बताया है कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से यह कहा है कि विधायकों का 5 साल का रिपोर्ट कार्ड देखें। जनता के बीच उनकी प्रमुख तथा लोकप्रियता का फीडबैक संगठन के स्तर से एवं स्वतंत्रता रूप से लिया जाए। इसके बाद से ही कामकाज तथा लोकप्रियता की मेरिट के आधार पर ही उम्मीदवार तय करें। उम्मीदवार तय करने में किसी भी परोपकारी या फिर भाई भतीजावाद बिल्कुल न करें।
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पीएम मोदी ने यूपी के आगामी विधानसभा के चुनाव के लिए जीत का मंत्र देते हुए यह कहा कि सांसदों तथा विधायकों से लेकर जो भी जनप्रतिनिधि हैं। वो लगातार ही जनता के बीच बने रहे तथा संगठन के लोग अपनी अलग उपस्थिति बरकरार रखे। अपने इलाके की जनता से रोजाना संवाद की कड़ को नहीं टूटने देना चाहिए। गांव, कस्बों, कालोनियों तथा मोहल्ले में छोटे-छोटे चौपाल लगाकर कर प्रदेश तथा केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताएं। सोशल मीडिया के सारे प्लेटफार्म पर सक्रिय रहे। विपक्षी दलों के नेताओं से होने वाली गलतियों पर अपनी पैनी नजर रखते हुए उनकी कमियों को उजागर करें।
यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री ने संगठन के नेताओं को कहां है कि भाजपा के विधायक तथा सांसद अपने क्षेत्र के विकास परियोजनाओं पर खुद को फोकस करें तथा देखे की कहां पर किस काम में किस कारण से देरी हो रही है। जो भी परेशानी आ रही है दिक्कत आ रही है उसके लिए प्रशासन तथा शासन के अवसर पर भाग दौड़ कर दूर कराएं। बिल्कुल भी लंबित नहीं रहनी चाहिए विकास परियोजनाएं। सड़क, आवास, बिजली तथा पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता से संबंधित जनता की समस्या को अनदेखी न करें। लोगों की समस्याओं का समाधान का मार्ग ही नेता को सदन तक पहुंचाने का काम करता है।