

Pakistan Imran Khan Latest News
Pakistan Imran Khan Latest New: विपक्ष द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही इमरान सरकार डगमगाती नजर आ रही है। पाकिस्तान में सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी(PTI) के साथ गठबंधन में शामिल खालिद महमूद सिद्दीकी की MQM-P (मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान) ने निचले सदन में उसका साथ छोड़ने का फैसला कर लिया है। ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले ही सत्तारूढ़ इमरान सरकार की एक अन्य सहयोगी पार्टियों जम्हूरी वतन पार्टी PMLQ ने गठबंधन सरकार से अलग होने का फैसला किया था।
ज्ञात हो कि अभी हाल ही में जम्हूरी वतन पार्टी के नेता और सत्तारूढ़ सरकार में शामिल शाहजैन बुगती ने कैबिनेट मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। MQM-P ने सत्तारूढ़ सरकार की जगह विपक्षी गठबंधन के साथ जाने का फैसला किया है।
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फिलहाल सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के पास 179 सदस्य हैं। एक एक कर सहयोगी दलों के साथ छोड़ने के बाद अब इमरान सरकार गिरती नजर आ रही है। करीब 2 दर्जन सहयोगी पार्टियों के सांसद फिलहाल ‘बागी’ हैं। हाल फिलहाल अब उनके वापस सरकार में लौटने के आसार नहीं दिख रहे।
ज्ञात हो कि 342 सदस्यों वाली पाकिस्तानी असेम्बली में सरकार बनाने के लिए 172 सदस्यों की जरूरत होती है। अविश्वास प्रस्ताव से पहले सत्तारूढ़ सरकार के पास 179 सदस्य थे जो अब घटकर 164 रह गए हैं। वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी PML-N (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज), PPP(पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) और सहयोगी दलों के पास अब सरकार गिराने लायक पर्याप्त संख्या बल है। PMQ के विपक्ष के साथ आने से विपक्षी गठबंधन के पास 177 सदस्यों का समर्थन हो गया है जो कि सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है। यही कारण है कि मुख्य विपक्षी नेता और विपक्ष के प्रधानमंत्री उम्मीदवार शाहबाज शरीफ सत्तारूढ़ सरकार पर हमलावर हैं।
ज्ञात हो कि अभी हाल ही में 27 मार्च को इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में इमरान खान ने ताकत प्रदर्शन हेतु जलसा आयोजित किया था। जलसे को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि ,”विपक्ष विदेशी धन का सहारा लेकर उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि,”विदेशी ताकतें मेरे सत्ता में रहते हुए अपने हितों की पूर्ति नहीं कर पा रही हैं इसीलिए वह विपक्षी पार्टियों को उकसाकर हमारी सरकार गिराने की कोशिश कर रही हैं ताकि वह पाकिस्तान में अपनी मनमानी कर सकें। लेकिन हम उन्हें इसमें कामयाब नहीं होने देंगे। “इमरान खान ने जनता से मार्मिक अपील करते हुए साथ आने का अनुरोध किया ।
ज्ञात हो कि इन दिनों PTI और इमरान खान के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं । यही कारण है कि उनके सारे मोहरे, सारे फैसले उनके ही खिलाफ नजर आ रहे हैं। 2018 में सरकार में आने के बाद यह आम धारणा थी कि इमरान खान सेना की बदौलत ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं।सरकार गठन के बाद कुछ महीनों तक सेना-सरकार में जमती भी रही किंतु जैसा कि पाकिस्तान की राजनीति में अब तक होता आया है कि जैसे ही कोई सत्ता में काबिज प्रधानमंत्री सेना की इच्छाओं के प्रतिकूल कोई फैसला लेता है, सेना उसे कुर्सी से बेदखल करने में जरा भी वक्त नहीं लगाती।
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अभी हाल ही में इमरान खान ने यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देते हुए भारत की नीतियों की प्रशंसा की थी। ज्ञात हो कि सरकार में आने के बाद यह पहला मौका था जब उन्होंने भारत की उसकी नीतियों की किसी मसले पर तारीफ की हो। इमरान ने कहा था “रूस पर वैश्विक प्रतिबंधों के बावजूद भारत उससे तेल खरीद रहा है क्योंकि भारत की नीति उसकी जनता के हित मे है। भारत वही निर्णय लेता है जो उसकी जनता के हित मे हो फिर चाहे कितने ही बड़े देश उसके खिलाफ क्यों न हों।
“इमरान खान की भारत की “स्वतंत्र नीति” की प्रशंसा करना आकस्मिक नहीं था। जानकारों की माने तो इमरान खान सेना की बढ़ती दखलंदाजी से नाराज थे। जाहिर है कि इमरान खान और सेना के बीच दूरियां बढ़ी होने की वजह से ऐसा है।इ मरान चाहते थे कि विदेश नीति सरकार तय करे जैसे कि भारत मे होता है न कि सेना। ज्ञात हो कि पाकिस्तान बनने के बाद से आज तक विदेश नीति सत्तारूढ़ सरकार की बजाय सेना ही तय करती आई है। कितनी भी मजबूत सरकार कुर्सी पर क्यों न काबिज हो चलती सेना की ही है।
Pakistan Imran Khan Latest New इमरान के इस बयान के बाद सेना और उनके बीच तल्खी और बढ़ी। फिलहाल विपक्ष फ्लोर टेस्ट पर अड़ा ही है ऐसे में इमरान खान की कुर्सी अब बस चंद दिनों की मेहमान नजर आ रही है। पाकिस्तानी न्यूज़ चैनलों की मानें तो अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 31 मार्च को जबकि फ्लोर टेस्ट पर 3 अप्रैल को वोटिंग हो सकती है।