इस साल 12वीं में 75 फ़ीसदी अंकों कि नहीं रहेगी अनिवार्यता,
जेईई मेंस की मेरिट के आधार पर ही मिलेगा प्रवेश,
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दी बदलाव को मंजूरी,
आईआईटी के बाद केंद्र सरकार ने अब एनआईटी (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) सहित केंद्रीय सहायता प्राप्त दूसरे तकनीकी संस्थानों के प्रवेश नियमों को भी शिथिल कर दिया है। इसके तहत इन संस्थानों के प्रवेश में इस साल यानी शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए 12वीं में 75 फ़ीसदी अंकों या फिर टॉप -20 परसेंटाइल मापदंडों की अनिवार्यता नहीं रहेगी। छात्रों को सीधे जेईई मेंस की मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि ,छात्रों का 12 वीं पास होना अनिवार्य होगा।
इन संस्थानों में प्रवेश के लिए छात्रों को अब तक जेईई मेंस की मेरिट के साथ ही 12वी मे भी 75 फ़ीसदी अंकों या फिर टॉप-20 परसेंटाइल का होना जरूरी था ।
लेकिन, कोरोना संक्रमण के बाद 12वीं की परीक्षा को रद्द करना पड़ा और छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक दिए गए ।जिसके चलते बोर्ड की परीक्षा को बेहतर करने की उम्मीद लगाए, छात्रों को निराशा होना पड़ा था।
हालांकि छात्रों को मनोदशा को समझते हुए सेंट्रल सीट एलाकेशन बोर्ड(सीएसएबी) ने प्रवेश नियमों को 12वीं के अंकों और टॉप -20 परसेंटाइल की अनिवार्यता को खत्म करने का फैसला लिया है।
इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी मंजूरी दे दी ।मंत्रालय इससे पहले आईआईटी के प्रवेश नियमों में भी इसी तरह की ढील दे चुका है , जिसमें प्रवेश के लिए अब सिर्फ जेईई एडवांस को आधार बनाया गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय का फैसला इसलिए अहम है , क्यूंकि देश में मौजूदा समय में करीब 31 एनआईटी मौजूद है। इसके साथ ही केंद्रीय सहायता प्राप्त दूसरे तकनीकी संस्थानों में 4 ट्रिपल आईटी ,पांच आईआईएसईआर सहित कुल 28 संस्थाएं शामिल है।
इनमें एनआईटी में ही अंडर ग्रेजुएट की करीब 20000 सीटें व पोस्ट ग्रेजुएट की करीब 9000 सीटें मौजूद है। कोरोना संक्रमण के चलते इन संस्थानों में प्रवेश के लिए होने वाली जेईई मेंस की परीक्षा फिलहाल सितंबर में प्रस्तावित है।