उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव टाले जाएंगे या फिर नहीं इसको लेकर एक बड़ा फैसला अगले सप्ताह के बाद ले लिया जाएगा। चुनावी आयोग ने यह जानकारी दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा चुनाव को स्थगित करने तथा चुनावी रैलियों एवं सभाओं को रोकने का आग्रह करने के एक दिन बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने कहा कि इस संबंध में अंतिम निर्णय अगले सप्ताह ले लिया जाएगा।
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यूपी और उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में ही होने वाले हैं। लेकिन कोरोनावायरस के अधिक संक्रामक वेरिएंट Omicron के तेजी से फैलने के चलते ही चुनाव को स्थगित करने की मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है। समाचार एजेंसी एएनआई मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा का हवाला हो देते हुए यहां कहा कि अगले हफ्ते हम उत्तर प्रदेश जाएंगे तथा वहां की स्थिति की समीक्षा भी करेंगे। फिर उसके बाद से ही एक उचित निर्णय लेंगे।
इससे पहले ही दिन में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से बात करते हुए यह कहा था कि चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता लागू करता है। तो राज्य चुनाव के संचालन पर भी फैसला करना चाहिए। अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि जब भारत का चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता लगाता है तो उन्हें ही यह तय करना होता है कि चुनाव कब होंगे?
अभी कुछ दिन पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग तथा पीएम मोदी से यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव को एक या फिर 2 महीने के लिए स्थगित करने पर विचार करने का आग्रह किया था। कोरोना के नए Omicron Variant की वजह से ही कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर यह आग्रह किया था। कोरोनावायरस के टीकाकरण अभियान के लिए पीएम मोदी की सराहना करते हुए उच्च न्यायालय ने आगे उनसे रैलियों, सभाओं को रोकने तथा आगामी निकाय चुनाव को स्थगित करने पर विचार करने का अनुरोध किया था। उन्होंने इस महामारी की स्थिति को देखते हुए बहुत ही कड़े कदम उठाने को कहा था। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि संभव हो तो चुनाव स्थगित करने पर विचार करें, क्योंकि हम अगर जिंदा रहे तो रैलियां तथा बैठक के बाद में भी हो सकती हैं।