Income Tax Slab : केंद्र सरकार ने दो साल पहले पेश बजट को पेश किया था जिसमें इन्कम टैक्स के इतिहास में पहली बार दो अलग व्यवस्थाएं बनाई गई थीं। सरकार को इस योजना से यह ढारस थी कि यह टैक्स पेयर्स को लुभाने में बड़ी कामयाब साबित होगी। लेकिन सरकार की उम्मीदों का महल चकनाचूर हो गया और नई व्यवस्था (New Tax Regime) से सिर्फ 5 फीसदी करदाता को ही पसंद आई। अब इन परिस्थितियों को मद्देनजर सरकार 1 फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट में नई टैक्स व्यवस्था को और अधिक आकर्षक बनाकर करदाताओं का अट्रेक्शन हासिल कर सकती है।
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सरकार ने बजट 2020 में आयकर की जिन दो अलग व्यवस्थाओं (New Tax Regime) को लाॅंच किया था उसने मुताबिक टैक्स रेट में तो कटौती कर दी गई थी, लेकिन सामने करदाताओं के लिए हर तरह की छूट को भी खत्म कर दिया था। यही सबसे बड़ा कारण है कि 2021-22 में रिटर्न भरने वाले महज 29 लाख लोगों ने ही इस नई इनकम टैक्स व्यवस्था को अपनाया है।
नIncome Tax Slab ई कर व्यवस्था के फेर हो जाने पर अब टैक्स पोर्टल Clear के फाउंडर और सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा कि है कि वित्त मंत्रालय ने नए New Tax Regime को लेकर काफी मंथन किया और इसकी असफल होने के सभी कारणों का पता लगाया। समीक्षा करने पर मालूम हुआ कि दो Tax Regimes को लेकर टैक्स पेयर्स में कंफ्यूजन पैदा हो गया है। एसेसमेंट ईयर 2021-22 में 5.89 करोड़ करदाताओं ने रिटर्न भरा है, जिसमें से सिर्फ 5 फीसदी यानी 29.4 लाख लोगों ने ही नई व्यवस्था को अपनाकर कर टैक्स भुगतान किया है।
नई Income Tax Slab व्यवस्था से कॉरपोरेट करदाता तो बहुत ही खुश नजर आए, लेकिन व्यक्तिगत करदाताओं ने इसे पसंद नहीं किया। वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने समीक्षा में यह जाना कि नई व्यवस्था में टैक्स छूट के विकल्पों को खत्म कर देने के बाद यह लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने में सफल नहीं रहा। साथ ही इस व्यवस्था के कारण लोगों की सेविंग पर भी गहरा असर पड़ा, क्योंकि ज्यादातर लोग टैक्स बचाने के लिए ही सेविंग करने पर जोर देते हैं। अब इस नई Income Tax व्यवस्था में सेविंग पर टैक्स छूट पूरी तरह ही खत्म हो गई थी।
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अब इस Income Tax Slab व्यवस्था की नाकामी को देखकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बार के बजट में Income Tax की नई व्यवस्था के तहत भी कई तरह की छूट का ऐलान कर सकती हैं। अर्चित गुप्ता का कहना है कि कुछ शर्तों के साथ होम लोन पर टैक्स छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन पर मिल रही छूट को Income Tax की नई व्यवस्था में भी शामिल किए जाने की प्रबल संभावना है। इसके अलावा highest tax slab की लिमिट को भी मौजूदा 15 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये तक किया जा सकता है।
Income Tax Slab के नए स्लैब में 2.5 लाख की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है। तो दुसरी तरफ सालाना 2.5 लाख से 5 लाख तक आय पर 5 फीसदी टैक्स भुगतान अनिवार्य है। इसी तरह से 5 से 7.5 लाख तक 10 फीसदी और 7.5 लाख से 10 लाख तक 15 फीसदी Income Tax भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा 10 लाख से 12.5 लाख तक की इनकम पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख रुपये तक की इनकम पर 25 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी की रेट से Income Tax चुकाना जरूरी है।