National Shooter: हम सबको अपना जीवन बेहतर बनाना होता है। लेकिन इन्हीं में कुछ लोग अपवाद भी होते हैं। जो अपने बारे में सोचना छोड़कर दूसरों के बारे में सोचते हैं। 24 साल के हेमंत भी ऐसे चंद लोगों में से एक हैं। हेमंत कॉलेज में मस्ती करने, दोस्तों के साथ टाइम पास करने या फिर घूमने फिरने का शौक नहीं रखते। उनका सारा वक्त बेजुबानों का दर्द दूर करने में भी होता है।
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हेमंत अपने घर से दूर रहकर सड़क पर पड़े बीमार तथा घायल जानवरों की मदद करते हैं। उनके द्वारा रेस्क्यू किए जाने वाले जानवरों में ज्यादातर कुत्ते, बिल्ली, बंदर और गाय होती हैं। इसके बाद से वो दर्द में जी रहे उनकी देखभाल करते हुए नया जीवन देते हैं। उनका केयर सेंटर लगभग 1 एकड़ में बना हुआ है। जहां पर 200 से अधिक जानवर रहते हैं।
बता दे कि हेमंत की केयर सेंटर में एंबुलेंस भी हैं। जिसकी मदद से एनसीआर ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में भी घायल तथा बीमार जानवरों को यहां लाया जाता है। हेमंत नेशनल लेवल के शूटर भी रह चुके हैं। जानवरों के ठीक हो जाने के बाद से वो उन्हें सोशल मीडिया के जरिए लोगों को देते हैं। इन सब में परिवार वाले भी हेमंत की आर्थिक मदद करते हैं। इसके अलावा भी आसपास के लोग जानवरों के लिए कई बार खाने को कुछ ले आते हैं।
Sector-59 बंधवाड़ी एरिया में स्थित हेमंत की रेस्क्यू शेल्टर में करीब 100 जानवर ऐसे हैं। जो पैरालाइज्ड तथा ब्लाइंड होने की वजह से कहीं जाने लायक नहीं है। इनमें से कुछ ज्यादा ही बीमार रहते हैं। हेमंत नांगलोई के रहने वाले हैं तथा वह अपने इस काम में इतने खोए रहते हैं कि महीने में एक दो बार ही घर जाते हैं। वो एक संस्था के जरिए जानवरों का इलाज कराते हैं। हेमंत के शेल्टर में बिल्ली है जो अंधी है तथा एक बंदर है जिसके 2 पैर कटे हैं।
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National Shooter हेमंत की यह कहानी शुरू हुई थी लगभग 8 साल पहले। उन दिनों की गली में एक कुत्ता था जिसे कीड़े पड़ गए थे। हेमंत ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह बच नहीं सका। कुत्ते की मौत ने ही हेमंत के जीवन पर गहरा असर डाला। इसके बाद से उन्होंने जानवरों के लिए कुछ बड़ा करने की सोचा तथा अपना जीवन ऐसे जरूरतमंद जानवरों की सेवा में समर्पित कर दिया। हेमंत को इन्हीं सब के लिए आर्थिक सहायता उनके परिवार से मिलती है। इसमें उनके रिटायर्ड टीचर पिता तथा बैंक मैनेजर भाई मदद करते हैं।