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MP Patwari Bharti 2023: पटवारी परीक्षा से पहले गड़बड़ी का खुलासा, पकड़े गए थे गुनहगार, फिर भी नहीं रुकी ‘धांधली’ ?

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MP Patwari Bharti 2023: मध्य प्रदेश (MP News) में पटवारी भर्ती परीक्षा (Madhya Pradesh Patwari Recruitment Exam) मैं घर बड़ी की बात की खबर पहले ही लग चुकी थी। मनीष शर्मा और वीरभान बंसल नाम के 2 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया था इसके बावजूद भी परीक्षा को नहीं रोका गया था। इतना ही नहीं सभी जिलों में इस धांधली को लेकर कोई जांच भी नहीं की गई।

MP Patwari Bharti 2023 परीक्षा से पहले ही मिली थी खुफिया सूचनाएं

MP Patwari Bharti 2023

इस मामले में ‘किसान तक’ से जुड़े निर्मल यादव की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात का खुलासा 18 जुलाई को हुआ है। जिसमें पता चला कि मध्यप्रदेश पुलिस की क्राइम ब्रांच ने परीक्षा (MP Patwari Bharti Exam) से पहले कुछ खुफिया सूचनाएं जुटाई थीं।

अरेस्ट हुए थे दो अभ्यर्थी

प्राप्त सूचनाओं के आधार पर केस दर्ज करते हुए मनीष शर्मा और वीरभान बंसल को अरेस्ट किया गया था। दोनों पर आरोप है कि यह दोनों ही अभ्यर्थी परीक्षा में चीटिंग करने का प्रयास कर रहे थे और इसलिए दोनों ऑफसेट प्रिंटिंग के जरिए सबूत भी जुटा रहे थे। यह दोनों आरोपी खुद भी पटवारी परीक्षा देने वाले थे लेकिन क्राइम ब्रांच को इस गड़बड़ी की सूचना मिल गई। उस बाद इन्हें ग्वालियर के थाटीपुर इलाके से अरेस्ट किया गया था।

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आधार से भी छेड़छाड़ करने का प्रयास कोशिश

इस बात दोनों से की गई पूछताछ में कई जानकारियां प्राप्त हुई है और कई लोगों के नाम भी शामिल होने का पता चला है। दोनों अभ्यर्थियों ने बताया है कि वे पटवारी परीक्षा (MP Patwari Bharti Exam Scam) में वास्तविक परीक्षार्थियों की जगह सॉल्वर बिठाने वाले थे, इसका मतलब यह है कि पेपर कोई और देता और दस्तावेज में किसी और का नाम होता।

इतना ही नहीं आरोपी आधार को बदलने की जुगाड़ में थे। वे आधार कार्ड में दर्ज फिंगरप्रिंट को सॉल्वर की फिंगरप्रिंट से बदलने वाले थे, उसी समय पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया था।

इस मामले की FIR ग्वालियर की अपराध शाखा थाने में उपनिरीक्षक शिशिर तिवारी ने लिखी है। फरियाद में लिखा गया है कि इस मामले के मुख्य आरोपी मनीष शर्मा और वीरभान बंसल के साथ ही कृष्णवीर जाट जात संदीप सिंह और रिंकू रावत शामिल है। सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है और मामले की जांच चल रही है।

हाईकोर्ट ने दी दोनों को जमानत

मामला ग्वालियर हाई कोर्ट बेंच पर पहुंचने पर 10 जून को दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया। मामले की पैरवी कर रहे वकील एपी सिंह ने किसान तक से बातचीत में कहा कि,

“इस मामले में FIR दर्ज होने और जांच शुरू होने में अधिक समय लगा। इसी समय दरमियान जिस तरह से ग्वालियर में मामले ने तूल पकड़ा, उससे सरकार ने इसको रोक तो लिया है लेकिन अन्य शहरों में भी क्या इस तरह के मामले पकड़ में आने की कोई भी आशंका नहीं थी?”

सरकार की तरफ से नहीं कोई जवाब

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MP Patwari Bharti 2023, वही रिपोर्ट के अनुसार सरकार द्वारा इस सवाल पर कोई भी जवाब नहीं आया है। पुलिस भी फिलहाल इस मामले को लेकर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि एक जगह मामला पकड़ में आने के बाद भी अन्य शहरों में पुलिस एक्टिव क्यों नहीं हुई थी?

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