Categories: देश

Mid day meal worker salary 2021: 8 महीने से नहीं मिल रही यूपी के प्राइमरी स्कूलों के मिड डे मील रसोइयों की वेतन

Published by
8 महीनों से यूपी के सरकारी स्कूल के Mid day meal worker salary 2021 के रसोइयों की वेतन नहीं आ रही है।

mid day meal worker salary 2021 यूपी में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं प्राइमरी स्कूल की रसोई कर्मचारी महिलाएं सड़कों पर उतरे हुए हैं और अपने वेतन की मांग कर रही है जो उन्हें 8 महीने से नहीं मिली है। मिड डे मील में भोजन पकाने वाली महिलाएं बहुत अमीर खानदान से नहीं होगी जाहिर सी बात है गरीब परिवार से ही आती  होगी। उन्हें प्राइमरी सरकारी स्कूल में मिड डे मील में खाना पकाने के लिए केवल 1500 रुपए मिलते हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जो वर्तमान में मजदूरी मिलती है उससे भी कम रुपए मिलते हैं लेकिन सरकार इन मिड डे मील रसोइयों को दिन के ₹50 देने में भी असमर्थ है।

मिड डे मील योजना (mid day meal worker salary 2021)

Mid day meal worker salary 2021, 1962 में भारत की आजादी के बाद औपचारिक रूप से तमिलनाडु में लागू की गई थी बाद में यह 1995 में पूरे देश में शुरू की गई। मिड डे मील के भोजन द्वारा कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रयास किए जाते हैं लेकिन जिन रसोइयों के ऊपर इतनी बड़ी जिम्मेदारी है कि वह है देश के भविष्य बच्चों को पोषण युक्त भोजन बनाएं उन्हें खुद परेशान होकर दर-दर भटकना पड़ रहा है और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं सरकार को इस तरफ ध्यान देने की आवश्यकता और जिम्मेदारी समझनी चाहिए।

Mid day meal worker salary 2021

सरकार द्वारा नाम बदलने का रिवाज

mid day meal worker salary 2021: सरकारें योजनाओं का तथा अन्य स्थानों का नाम बदलने की राजनीति करती है। हाल ही में सरकार ने मिड डे मील योजना का नाम बदलकर पीएम पोषण योजना कर दिया है। नाम बदलने से क्या होता है मिड डे मील योजना को सही तरीके से जमीन पर उतारने मैं सहायता करने वाले रसोई कर्मचारियों को उनका हक उनकी वेतन तो दे दो।

चाचा कविता जोश भर देगी, मोदीजी को बोल रहे हैं सूट रोज बदलते हैं सूट रोज बदलते हैं, Chunavi Chakka

Jama Masjid: शायद ही आप जामा मस्जिद की वास्तविकता के बारे में जानते होंगे…

यदि कोई व्यक्ति गरीब है भूखा है उसका नाम बदल कर रंकु से धनीराम रख दे तो इससे व्यक्ति  की गरीबी और भूख नहीं मिटेगी। भूख मिटाने के लिए तो साहब भोजन ही चाहिए। मिड डे मील योजना का नाम बदलकर पीएम पोषण योजना करने से कुछ नहीं होगा रसोइयों को तो वेतन चाहिए।

यूपी चुनाव सिर पर आ गए और यूपी में हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन :-

यूपी रसोईया कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रेनू शर्मा

मिड डे मील में भोजन बनाने वाले रसोइयों को 8 महीने से वेतन नहीं मिला है मजबूर होकर रसोई कर्मचारियों को सड़कों पर उतरना पड़ा है। यूपी रसोईया कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रेनू शर्मा ने कहा है कि 8 महीने से सरकार ने रसोई कर्मचारियों की वेतन नहीं दी है। जिससे कि वह बहुत परेशान है और मजबूर होकर उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा है।

प्राइमरी स्कूल मिड डे मील के रसोइयों की महीने भर की वेतन सिर्फ 1500₹  है मतलब ₹50 लेकिन सरकार  इतना कम वेतन 8 महीने से नहीं दे पाई है। सरकार को जरूर इस बात पर ध्यान देना चाहिए।

Recent Posts