“दशहरी Mango का जनक” 300 साल पुराना है यह पेड़, गांव वालों के संघर्ष ने आज भी इस धरोहर को बचा कर रखा है

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Mango: शायद ही कोई ऐसा हो जिसको आम पसंद ना हो। इसकी लोकप्रियता की वजह से ही इसे फलों का राजा कहा जाता है। कमाल की बात यह है कि इस एक फल के कई सारे रूप होते हैं। जो स्वाद से लेकर आकार तक अलग-अलग है। Mango के प्रकारों में दशहरी की खूब ही डिमांड रहती है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इस आम के जन्म की कहानी क्या है? अगर नहीं तो आइए हम आपको बताते हैं।

“मदर प्लांट” दशहरी Mango का

यूपी के काकोरी ब्लाक में हरदोई रोड पर दशहरी गांव में 300 वर्ष पुराना एक विशाल पेड़ मौजूद है। हालांकि 1600 क्षेत्रफल में फैले आम के इस विशाल पेड़ को दशहरी आम का मदर प्लांट बताया जाता है। संरक्षित श्रेणी में रखे गए इसी पेड़ के आम स्वाद के मामले में सबसे जुदा माने जाते हैं।

यह विशाल पेड़ 300 साल पुराना है


इस Mother plant पर फलने वाले आम छोटे आकार के होते हैं। इसे दशहरी Mango का शुद्ध पेड़ कहा जाता है। हालांकि इस पेड़ की देखरेख समीर जैदी के जिम्मे है। वो इस पेड़ के संबंध में बताते हैं कि मदर प्लांट होने की वजह से इसे संरक्षित किया गया है। पेड़ पूर्णत: घना और घेरदार फैला हुआ है। इसे कटीले तारों से घेरकर “संरक्षित पेड़” का Board भी लगा है।

दशहरी गांव के लोगों का इस पेड़ के बारे में यह कहना है कि यहां पर पेड़ कितना पुराना है और कब से गांव में मौजूद है। इसकी जानकारी उनके पिता या फिर बाबा को भी नहीं है। यहां के लोग यह बताते हैं कि वो जब पैदा हुए तभी से इस पेड़ को इस तरह से देख रहे हैं। यह पेड़ भले ही सालों पुराना है लेकिन आज भी जब आम का सीजन आता है तो इस पर चार पांच फल ही सही लेकिन लगते जरूर है।

Mango

इस धरोहर को बचाए रखा गांव वालों ने

प्रधान पति मनोज यादव के मुताबिक एक बार जब पूरा प्लांट का निर्माण होने वाला था। तब इस पेड़ को हटाने की बात कही गई थी। लेकिन गांव के लोगों ने ऐसा होने नहीं दिया और अपने संघर्ष के दम पर ही इसे बचा लिया। इसके बाद से जनप्रतिनिधियों से यह कह कर इसे संरक्षित कराया गया कि इस पेड़ को विरासत का दर्जा भी मिला है।

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दशहरी के पेड़ का पूजन डीएम ने किया

3 जुलाई यानी कि बीते रविवार को लखनऊ के जिला अधिकारी सूर्यपाल गंगवार दशहरी गांव पहुंचे और वहां 300 वर्ष पुरानी इस पेड़ का विधिवत पूजन कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि 3 सदी पुराना ये पेड़ दशहरी आम की किस्म का जनक है। इसे दशहरी आम की उत्पत्ति मानी जाती है।

उन्होंने बताया कि मलिहाबाद को Mango के लिए भी जाना जाता है। यहां दो लाख 70 हजार हेक्टेयर में दशहरी आम का भाग है। जिसमें 60 फ़ीसदी कलमी दशहरी का क्षेत्र है। उन्होंने यह भी बताया कि राजधानी में आम महोत्सव शुरू होने जा रहा है। इसमें आम संबंधित फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने वाली योजनाओं का प्रचार किया जाएगा। जबकि अलीगंज में आम किसानों के लिए एक फैसिलिटेशन सेंटर बन रहा है। ट्रेंडिंग और एक्सपोर्ट का बिजनेस करने वालों के लिए बहुत फायदेमंद होगा।

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