LIC IPO: देश के सबसे बड़े आईपीओ की घोषणा का इंतजार सभी को होता है। बड़ी ही बेताबी से लोग LIC IPO Date के रिलीज होने का इंतजार करते है। इस IPO के माध्यम से 31.6 करोड़ शेयर यानी 5% हिस्से की बिक्री की (LIC IPO Price) जाएगी। यह आईपीओ संपूर्ण तौर पर OFS होगा और इसमें नए शेयर भी जारी नहीं होंगे। LIC के इस मेगा आईपीओ में रिटेल निवेशकों का हिस्सा 35% तक होगा।
लेकिन LIC IPO आने से पहले ही LIC को बहुत बड़ा झटका लगा है। जानकारी के मुताबिक, कोविड-19 महामारी का LIC पर बहुत ही बुरा असर पड़ा है। बिमा कंपनी को अधिकतर डेथ क्लेम ही देने पड़े हैं। अब संजोग ऐसे हो गए हैं कि एलआईसी पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। वैसे LIC IPO भी कुछ वक्त में घोषित होने वाला है । आईपीओ से पहले ये आंकड़े बिमा कंपनी के लिए नुकसानदायक हैं।
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इस गिरावट के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय जिवन बिमा निगम ने जानकारी दी है कि कोविड-19 महामारी की वजह से ही व्यक्तिगत और समूह पॉलिसियों (LIC Insurance Policy) की कुल संख्या में गिरावट दर्ज हुई है। इसके अलावा महामारी के दौरान मृत्यु के बीमा दावों में भी काफी ही बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2019, वित्तीय वर्ष 2020, वित्तीय वर्ष 2021 और 30 सितंबर, 2021 को खत्म हुए छह महीनों के लिए मृत्यु बीमा दावों के लिए कंपनी ने क्रमशः 17,128.84 करोड़ रुपये, 17,527.98 करोड़ रुपये, 23,926.89 करोड़ रुपये और 21,734.15 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है। अब यह बात तो साफ है कि एलआईसी पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
भारतीय जिवन बिमा निगम की तरफ से सेबी को दिए गए दस्तावेजों के मुताबिक LIC की पॉलिसी बिक्री में भी कमी दर्ज हुई है। व्यक्तिगत और समूह पॉलिसियां की बिक्री (LIC Policy Sale) वित्त वर्ष 2018-19 के 7.5 करोड़ से 16.76 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 2019-20 में 6.24 करोड़ पर ठहर गई। वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें 15.84 प्रतिशत की गिरावट आई और यह आंकड़ा 5.25 करोड़ रह गया था। LIC ने कहा है
कि लॉकडाउन के की वजह से 2019-20 की चौथी तिमाही में व्यक्तिगत पॉलिसियों की बिक्री 22.66 से कम होकर 33.5 लाख ही रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 82.1 लाख तक रह चुकी थी। इतना ही नहीं, इसका असर 2020-21 और 2021-22 की पहली तिमाहियों में भी देखने को मिला। इस दौरान यह क्रमश: 46.20 फीसदी घटकर 19.1 लाख और फिर 34.93 प्रतिशत से घटकर 23.1 लाख रह गई थी।
वर्तमान में अगर इस बिमा कंपनी की एंबेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये है। वहीं इस वित्तीय वर्ष यानी FY21 तक न्यू बिजनेस प्रीमियम में कंपनी की मार्केट शेयर वैल्यू 66% रही है। वैसे तो LIC का बाजार बहुत ही मजबूत है। FY21 तक LIC के 13.5 लाख एजेंट्स भी कार्यरत हैं। वित्त वर्ष 21 तक भारतीय जिवन बिमा निगम की कुल पॉलिसी 28.3 करोड़ रही है और बात करें वैल्यूएशन की तो वैल्यूएशन के लिए एंबेडेड वैल्यू बहुत ही जरूरी है। कुल वैल्यूएशन बाद में यह RHP में दाखिल हो जाएगा। एलआईसी आईपीओ का मालिकाना हक और पूरी पूंजी कंपनी के पास नहीं जाएगी बल्कि सरकार के पास ही जाएगी।
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एलआईसी आईपीओ में कर्मचारियों का रिजर्व कोटे की बात करें तो यह अधिकतम 5% तक रहेगा । वहीं, एलआईसी पॉलिसी होल्डर्स (LIC IPO Policy Registration) का रिजर्व कोटा देखते हैं तो यह अधिकतम 10% तक रहेगा। QIB अधिकतम 50% तक और QIB के हिस्से का 60% हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए रखा जाएगा।