कल यानी 20 अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। श्रीलंका के 125 गणमान्य व्यक्तियों और बौद्ध भिक्षुओं के साथ पहली उड़ान उतरेगी। इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के शुरू होने से श्रीलंका, ताइवान, जापान, चीन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर सहित तमाम देशों से आने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलेगी। दक्षिण एशियाई देशों के साथ इससे सीधा हवाई संपर्क होगा। इसे पूरी दुनिया के पौधों के लिए भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण अस्थल का दर्शन करना सुगम होगा। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे। इस सप्ताह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुरू हो जाएगा। जिससे पूर्व में होने वाली जटिल यात्रा को भी सुगम बनाया जा सके।
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हवाई अड्डे के उद्घाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी महापरिनिर्वाण स्कूल के बौद्ध स्थल तथा देवालय पर एक कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे। इसमें श्रीलंका बौद्ध भिक्षु तथा श्रीलंका सरकार के मंत्री भी शामिल होंगे। पर्यटन मंत्रालय कुशीनगर में एक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस मौके पर एक कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है। इसमें बौद्ध सर्किट को संभालने वाले प्रमुख टूर ऑपरेटर भी भाग लेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक हवाई अड्डा शुरू होने के बाद पर्यटकों के आने की संख्या में लगभग 20 फ़ीसदी तक बढ़ोतरी होगी। जिसके कारण स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के और अधिक अवसर पैदा होंगे।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों व तीर्थ यात्रियों की मांग को ध्यान में रखते हुए इस एयरपोर्ट को विकसित किया है। उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से ही 260 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से ही 3600 वर्ग मीटर में फैले नए टर्मिनल भवन के साथ ही कुशीनगर हवाई अड्डा तैयार किया गया है। 300 यात्रियों के लिए आने-जाने की सुविधा नया टर्मिनल भीड़भाड़ वाले समय में प्रदान करेगा। बौद्ध सर्किट के लुंबिनी, बोधगया, कुशीनगर, श्रावस्ती, संकिसा, वैशाली राजगीर और सारनाथ की यात्रा अब और कम समय में पूरी हो सकेगी।
अगर हम सरकार की माने तो कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा न केवल तीर्थ स्थलों को अंतर्राष्ट्रीय विमानन मानचित्र पर रखेगा। बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी और बढ़ावा देगा। इससे भी होटल व्यवसाय, पर्यटन एजेंसियों रेस्तरां को और बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय गाइड की नौकरियों, फीडर परिवहन सेवाओं के अवसर बढ़ेंगे। तथा स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा। स्थानीय उद्योग तथा उत्पादन को वैश्विक मान्यता मिलेगी। कुशीनगर के बौद्ध तीर्थ यात्रा के चार प्रमुख स्थानों में से एक रूप में विकसित करने में कुशीनगर में हवाई अड्डे के विकास से भी मदद मिलेगी।दो करोड़ से अधिक आबादी इस हवाई अड्डे से यात्रा की सेवाएं ले सकेंगे। इस हवाई अड्डे के परी क्षेत्र में करीब 10 से 15 जिले हैं। ये पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा बिहार के पश्चिमी उत्तरी भाग के बड़े प्रवासी आबादी के लिए राहत भरा भी होगा। इसमें बागवानी उत्पादों जैसे स्ट्रॉबेरी, केला तथा मशरूम के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।
कुशीनगर में 281.45 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले राजकीय मेडिकल कॉलेज का भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलान्यास करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2022 से 2023 के सत्र से यहां एमबीबीएस की 100 सीटों पर प्रवेश सुनिश्चित करने का भी लक्ष्य तय किया है। इस मेडिकल कॉलेज में 460 की छमता का छात्रावास और 500 बेड का सभी सुविधाओं से परिपूर्ण अस्पताल भी होगा। इसका निर्माण कार्य खत्म होते ही जनपद, आसपास तथा बिहार के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लगभग 40 लाख लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। क्षेत्र के लोगों को अत्याधुनिक इलाज के लिए बड़े शहरों की भागा दौड़ी भी नहीं करनी पड़ेगी।