Indian Government डिजिटल वर्ल्ड में सिर्फ तीन ही ऑपरेटिंग सिस्टम्स हैं, जिसका इस्तेमाल हर युजर्स के द्वारा किया जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम्स Android, IOS और Windows सिर्फ कम्प्यूटर में चलता है। अब भारत सरकार Indian Government) ने खुद का ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने की तैयारी भी ली है, वैसे तो यह बात सोलह आने सच है कि Android और IOS के ऑपरेटिंग सिस्टम में ही दुनियाभर के स्मार्टफोन चलते हैं और यही फेमस हैं। वहीं इसके अलावा Microsoft Windows है जो सिर्फ और सिर्फ कम्प्यूटर में ही चलता है। अब हमारी Indian Government अपना खुद का मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाएंगी जिससे Android और IOS के बीच कॉम्पिटिशन बढ़ने वाला है।
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Indian Government ये खबर कोई हवा हवाई मामला नहीं है, बल्कि देश के केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ‘राजीव चंद्रशेखर’ ने इस खबर की जानकरी दी है। राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि Indian Government नया OS सिस्टम बना रही है और इस पर काम भी चल रहा है।
वैसे सारी दुनिया में ही Android और एप्पल के IOS का ही बोलबाला है, दुनिया भर में 70% लोग Android चलाते हैं और 29% युजर्स एप्पल का IOS यूज करते हैं, बाकी 1% अन्य सॉफ्टवेयर जैसे Linux, Ubantu, आदि का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। भारत में भी करीब 95% मोबाइल यूजर का OS Andorid है।
यह बात तो साफ है कि मोबाइल के OS के मामले में Android और IOS के सिवा तीसरा कोई प्रचलित OS (Operating System) है ही नहीं। अब यहीं पर मौक़ा देख भारत सरकार अपना दांव खेल रही है। अगर यह टेक्नोलॉजी का आरंभ होता है और देश में बने OS एंड्राइड या फिर IOS का इस्तेमाल होने लगेगा और हमारा देश Digitalization में भी बहुत आगे बढ़ जाएगा।
जब एक मुस्लिम गा रहा था सारे जहाँ से अच्छा…. क्या ?? लोगों ने क्या किया??
Indian Government राजयमंत्री ने कहा कि इन दोनों OS के अलावा कोई तीसरा सिस्टम अवेलेबल नहीं है और इसी मौके का सरकार फायदा उठा रही है, अब आईटी मंत्रालय स्मार्टफोन के लिए नया OS बनाने पर काम शुरू कर रही है। राजीव चंद्रशेकर का कहना है कि उन्होंने कर्मचारियों से भी बात की है। अब स्वदेशी OS बनाने के लिए सरकार को काबिल स्टार्ट अप्स और एकेडमिक इकोसिस्टम की तलाश है। सरकार की इसमें बहुत बड़ी दिलचस्पी भी है। पहले भी बहुत आगे थे लेकिन ज्यादा चले नहीं। वैसे अगर देखा जाए तो IOS और Android के अलावा और कोई OS मार्केट में टिकता ही नहीं है, Windows ने भी Nokia मोबाइल में अपना सॉफ्टवेयर शामिल किया था जो सफल नहीं हुआ और नोकिया कंपनी को घाटा भी हुआ था। सैमसंग कंपनी ने भी Tizen, Bada, सॉफ्टवेयर लाॅंच किए थे लेकिन लोगों को ये सोफ्टवेयर पसंद नहीं आए। उस बाद हुवावे भी अपना सिस्टम लाॅंच करने से पी नहीं हटा और उसने भी Harmony s बनाया था जो बुरी तरह से पिट ही गया। जोला ने भी SailfisOS जो बिल्कुल नहीं चल पाया। अब अगर हमारी सरकार Android और IOS से बेहतर और आसान OS बना दे तो ये देश के लोगों और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।