Indian Currency: आपको पता है कि कुछ वर्षों पूर्व जब केंद्र सरकार ने काले धन पर रोक लगाने के उद्देश्य से 500 और 1000 के नोटों को भारत देश में प्रचलन से बाहर कर दिया तो उस समय एक नई नोट अस्तित्व में आई,जिसका मूल्य ₹2000 था। कुछ समय तक यह नोट मार्केट में काफी धमाल मचाते हुए नजर आए लेकिन फिर धीरे-धीरे इसके प्रचलन में कमी देखी गई और आज स्थिति ऐसी है कि शायद ही किसी के हाथ में आपको 2000 की नोट मिले।ऐसे में यह प्रश्न लाजमी हो जाता है कि जो नोट कुछ ही वर्ष पूर्व काफी तेजी से बाजार में चल रही थी वह अचानक से कहां गायब हो गई?
आज हम आपको इसी प्रश्न का उत्तर देने वाले हैं कि केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए 2000 के नोट आखिर कहां गए तो आप हमारे साथ अंत तक बने रहें और इस महत्वपूर्ण जानकारी का लाभ उठाएं।
इस पोस्ट में
2000 के नोट कहां गए इस विषय पर बात करने से पहले एक नजर हम इस विषय पर डालते हैं की बाजार में 2000 के नोट की क्या हिस्सेदारी थी,ताकि हम इस बात को समझ सके कि 2000 का नोट किस क्रेज के साथ मार्केट में आया था और फिर किस तरीके से उसकी उपयोगिता में गिरावट होती चली गई।
अगर बात करते हैं 2021 की तो आपको बता दें कि 2021 के मार्च महीने महीने में सभी मूल्य वर्ग की कुल 12437 करोड़ नोटे बाजार में उपलब्ध थे जबकि 2022 में यह आंकड़ा 13053 करोड़ हो गया।इस आंकड़े से स्पष्ट है कि बाजार में नोटों की संख्या बढ़ी है लेकिन वहीं पर अगर नजर 2000 के नोटों पर डाली जाए तो उनकी साझीदारी घटी हुई नजर आती है,यह आप आगे की रिपोर्ट से समझ सकते हैं।
आपको हम ले चलते हैं 2020 पर, 2020 की बाजार पर अगर आप नजर डालेंगे तो उस समय आपको बाजार में 2000 के कुल 274 करोड़ नोट मिल जाएंगे। उसमें सभी मूल्य वर्ग की कुल नोट में 2.4% की हिस्सेदारी 2000की नोट की थी, यह वह प्रारंभिक अवस्था थी जब 2000 के नोट अस्तित्व में आई थी, बाद के वर्षों में इसके हिस्सेदारी और इसकी संख्या में लगातार कमी होती चली गई।
2020 के बाद वर्ष 2021 के बाजार पर आप नजर दौड़ायेंगे तो आपको 2021 में बाजार में कुल 245 करोड़ 2000की नोट मिलेंगी जाहिर है कि यह 2020 की संख्या से काफी कम है, इसके अलावा बाजार के सभी मूल्य वर्गों की नोट में अगर 2000 की नोट की हिस्सेदारी की बात करें तो यह भी 2020 से कम होकर के 2.1% पर आ जाती है। मतलब 2020 में बाजार में 2000 के नोट के हिस्सेदारी 2.4% थी जो 2021 में घटकर 2.1% हो गई,इस प्रकार आप देख सकते हैं कि बड़ी तेजी के साथ 2000 के नोट का चलन घटता गया।
अब आते हैं 2022 की बाजार पर 2022 की बाजार में आपको 2000 के मात्र 214 करोड़ नोट मिलेंगे और अगर इन नोट्स की बाजार में हिस्सेदारी की बात करें तो यह पूर्व के वर्षों से घटकर 1.6% नजर आएगा, इस प्रकार आप देख सकते हैं कि 2020 में जो हिस्सेदारी 2.4% थी वह 2022 में घटकर 1.6% हो गई है स्पष्ट है कि 2000 के नोट प्रचलन से बाहर हो रहे हैं।
अब जबकि आप यह समझ चुके हैं कि भारतीय बाजार में 2000 का नोट लगातार अपनी स्थिति खो रहा है,और यह प्रचलन से बाहर हो रहा है ऐसे में यह प्रश्न लाजमी है कि भारतीय बाजार में 2000 का नोट स्थायित्व क्यों नहीं पा रहा है,आपको बता दें कि भारत के लोग अभी इतना अमीर नहीं है कि वह दैनिक कार्य 2000की नोट के सहारे चला सके भारतीय बाजार की यह कमजोर स्थिति 2000 के नोट को हजम नहीं कर पाई और लोगों ने इसे उपेक्षित करना शुरू कर दिया और इस प्रकार यह धीरे-धीरे चलन से बाहर हो गई।
आपको बता दें कि बाजार में 2000 के नोट की गिरती स्थिति को देखते हुए 2000 की नोट को छापने का कार्य रोक दिया गया, इस प्रकार बाजार में नए नोट आना बंद हो गए लेकिन एक प्रश्न बरकरार रहा कि जो पुराने नोट बाजार में थे आखिर वह नोट कहां गए इसी प्रश्न के उत्तर में आज पड़ताल की गई जो आप सभी के सामने हैं।
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Indian Currency, हर समाज में कुछ लोग ऐसे हमेशा रहते हैं जो अवसरवादी होते हैं और अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अवसर का उपयोग करने में नहीं चूकते हैं,जब भारतीय बाजार की कमजोरी उनको समझ में आई कि भारतीय बाजार 2000 के नोट को चलन में नहीं रख सकता तो उन्होंने 2000 के नोट को जमा करना शुरू कर दिया, यही कारण है कि आज आपको ना तो बैंक में और ना ही एटीएम में 2000 के नोट मिलेंगे ।
Indian Currency, इससे कई सूत्र इस ओर इशारा कर रहे हैं कि भारतीय बाजार में 2000 के जो नोट उपलब्ध थे उन नोटों को भारत के पूंजीपतियों ने काले धन के रूप में अपने पास जमा करना शुरू कर दिया है, इसीलिए बाजार से लगातार 2000 के नोट गायब हो रहे हैं। यह थी 2000 के नोट पर एक सामरिक रिपोर्ट उम्मीद है, आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी।