पाकिस्तान आर्थिक तंगी से परेशान, मजबूर हो गया सेकंड हैंड माइन हंटर्स खरीदने पर

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पाकिस्तान आर्थिक तंगी से परेशान होकर सेकंड हैंड माइंड हंटर्स खरीद रहा है। डच सरकार ने तो पाकिस्तान को अपने दो रिटायर्ड सेकंड हैंड रॉयल नीदरलैंड नेवी ट्रिपार्टाइट क्लास नाइन हंटर्स को बेचने पर अपनी सहमति जताई है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि खराब अर्थव्यवस्था के चलते ही पाकिस्तान आर्मी के खर्चे अब भी अपर्याप्त है। पाकिस्तान की इस खराब अर्थव्यवस्था का असर नेवी पर भी पड़ा है।

Geopolitica.info के लिए यह लिखते हुए डि वैलेरियो फैब्री ने यह बताया कि पाकिस्तान ने ही अभी कुछ हफ्ते पहले सेकंड हैंड जहाजों की खरीद की पुष्टि की थी। अगले साल फरवरी में यह जहाज नेवी के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। बेल्जियम, नीदरलैंड तथा फ्रांस ने इन माइंड हंटर्स जहाजों को संयुक्त रूप से विकसित किया है। यही वजह है कि इन जहाजों को “थ्री पार्टनर्स” के रूप में भी जाना जाता है।

तीनों देशों ने खर्च हुई लागत को एक दूसरे में साझा किया था।

Geopolitica.info के मुताबिक इन तीनों देशों ने अनुसंधान तथा इन्हें विकसित करने में खर्च हुई लागत को भी अपने में साझा किया था। हरदेश ने इसे अपनी आवश्यकताओं के मुताबिक ही बनाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के पास पहले से ही 3 तृतीय श्रेणी के माइनस्पीयर्स है, जिनको फ्रांसीस अधिग्रहित किया गया है। हालांकि बाद में उनका नाम बदलकर मुंसिफ क्लास माइंनसवीपर कर दिया गया। यह जहाज एम163 मुहाफिज, एम164 मुजाहिद तथा एम166 मानसिक है।

यह माइंड हंटर क्या है?

आपको बता दें कि यह माइन हंटर एक जहाज ही हैं जो कि दुश्मनों की माइन का पता लगाता है। जो ऐसे जहाज होते हैं वह इमेजिंग सोनार के जरिए लक्ष्य का पता लगाते हैं एवं उन्हें पहचानते भी हैं। फिर उसके बाद से खतरे को बेअसर कर देते हैं।

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