hotel booking in india: राज्य सरकार की तरफ से कोविड-19 के चलते शादी तथा पार्टियों में 100 लोगों की लिमिट अब तय कर दी गई है। इसका असर सीधे-सीधे होटल इंडस्ट्री पर पड़ा है। पार्टियों तथा शादी के लिए बुकिंग कैंसिल हो रही है। होटल मालिक क्रिसमस और न्यू ईयर की अच्छी बुकिंग के बाद यह उम्मीद कर रहे थे कि शायद को व्हाट्सएप से नुकसान की भरपाई हो पाएगी। लेकिन उनकी उम्मीदों को कोरोना तथा ओमीक्रोन के बढ़ते केसों ने एकदम करारा झटका दिया है। होटल संचालकों ने यह बताया कि न्यू ईयर से पहले 80 फ़ीसदी बुकिंग हुई थी। लेकिन नई गाइडलाइंस के आती ही वो 5 फ़ीसदी रह गई है। लाखों होटल व्यापारियों पर इसका सीधा असर हुआ है।
संचालकों का यह कहना है कि पहले होने वाली गाइडलाइंस में 200 लोगों के इकट्ठे होने की अनुमति थी। जिसमें वहां कम व्यक्ति होने के बावजूद होटल के बैंक्वेट बुक कर रहे थे। लेकिन अब 100 लोगों की लिमिट होने की वजह से 50 फ़ीसदी लोग अपनी बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं। लोगों का यह कहना है कि 100 लोगों में तो शादी पार्टी घर में ही की जा सकती है। इस पाबंदी की वजह से होटल वाले लोगों के लिए ऐसे में स्टाफ का वेतन भी बहुत भारी पड़ रहा है।
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होटल संचालकों का कहना है कि अभी तक तो होटलों को 25 से 30 फ़ीसदी नुकसान का सामना करना पड़ा है। लेकिन hotel booking in india को आने वाले कुछ ही दिनों में भारी नुकसान होगा। फिलहाल अभी मलमास के वजह से शादियां नहीं हो रही हैं। लेकिन आने वाले कुछ ही दिनों में अब मलमास हट जाएगा। तब होटल वालों को 50 फ़ीसदी तक का नुकसान का सामना करना पड सकता है। साथियों की बुकिंग के साथ ही साथ कॉरपोरेट मीटिंग, पार्टियां, कॉन्फ्रेंस जैसी बुकिंग भी नई गाइडलाइंस के चलते ही कैंसिल हो गई है।
होटल संचालकों का यह कहना है कि वर्ष 2022 में कुछ होटल बिकिने तक की स्थिति में पहुंच चुके हैं। एक और सरकार की गाइडलाइंस के चलते होटल खाली पड़े हैं। तो वही होटल व्यापारी सड़क पर आते नजर आ रहे हैं। जहां पर इस मुश्किल दौर में होटल इंडस्ट्री को किसी भी तरह से लिया तथा अनुदान नहीं मिला है।
हालांकि दूसरी ओर होटल में ग्राहक ना होने के बावजूद खर्चा लगातार बढ़ ही रहा है। स्टाफ की सैलरी से लेकर होटल के मेंटेनेंस तक का सारा पैसा उधार चल रहा है। ऐसे में तो कुछ व्यापारी अपना स्टाफ आधा करने जा रहे हैं तो वहीं कुछ इस इंडस्ट्री को अलविदा करने की कगार पर है। इन के हालात तो इतनी खराब हो गए हैं कि लाखों में कमाने वाले होटल मालिक अबू धाबी की जिंदगी जीने पर मजबूर हैं। संचालकों का यह भी कहना है कि गाइडलाइंस तो अपनी जगह पर सही है। लेकिन बिजली, पानी, टैक्स, जीएसटी में थोड़ी सी रियायत की मदद तो सरकार को करनी ही चाहिए। सरकार अगर जल्द ही कुछ नहीं किया तो होटल व्यापारी बर्बादी के कगार पर ही खड़े हो जाएंगे।
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एक hotel booking in india ने यह भी बताया कि क्रिसमस तथा न्यू ईयर काफी अच्छे से निकला। आगे की बुकिंग भी हुई थी। आने वाले समय के लिए भी होटल बुक था लेकिन 100 लोगों की लिमिट होने के बाद से बुकिंग कैंसिल की जा रही है। यहां तक कि लोग अपने रुपए भी वापस मांग रहे हैं। ऐसे में बड़ा नुकसान भी हो रहा है।