Himachal Pradesh विधानसभा भवन के गेट और बाउंड्री वाल पर रविवार सुबह खालिस्तानी झंडे लगे मिले हैं । धर्मशाला के तपोवन स्थित इस शीतकालीन विधानसभा भवन में आज सुबह खालिस्तानी झंडे और नारे लगे होने की सूचना मिलते ही हड़कम्प मच गया । विधानसभा भवन के फ़ोटो एवं वीडियो भी वायरल हो रहे हैं । मामला संज्ञान में आते ही धर्मशाला SDM शिल्पी वेकटा भारी पुलिस बल के साथ विधानसभा भवन पहुंची और झंडे उतरवाए । बताया जा रहा है कि यह कायरतापूर्ण कृत्य पंजाब से आये पर्यटकों द्वारा किया हो सकता है ।
कांगड़ा के SP खुशाल शर्मा ने कहा-
“यह कायरतापूर्ण कृत्य आज देर रात या फिर सुबह-सुबह किया गया हो सकता है। हमने दीवारों से बंधे झंडे हटा दिए हैं । हम केस दर्ज करने जा रहे हैं ।”
वहीं धर्मशाला की SDM शिल्पी वेकटा ने कहा-
“हमें हिमाचल विधानसभा की दीवारों के विरूपण होने की सूचना मिली थी। यहां पुलिस अधिकारी पहले ही मौजूद थे। मामले में प्राथमिकी जांच शुरू कर दी गई है। हम हिमाचल सार्वजनिक संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत मामला दर्ज़ करेंगे। हम जांच पूरी होने तक कुछ नहीं कह सकते।”
इस पोस्ट में
समाचार एजेंसी ANI ने तपोवन स्थित विधानसभा भवन का वीडियो शेयर किया है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि विधानसभा की चारदीवारी और मुख्य गेट पर खालिस्तान के झंडे और उसके नीचे खालिस्तान स्लोगन पेंट से लिखा हुआ है ।
बता दें कि धर्मशाला स्थित इस विधानसभा भवन का उपयोग सिर्फ शीतकालीन सत्र के लिए ही किया जाता है । शीतकालीन सत्र के दौरान बैठकें होने के अलावा यह भवन सूना पड़ा रहता है । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सिर्फ शीतकालीन सत्र में बैठकों के अलावा इस भवन का उपयोग नहीं होता इसलिए यहां सुरक्षा व्यवस्था की भी जरूरत नहीं पड़ती । बता दें कि अराजक तत्वों ने इसी का फायदा उठाकर रात के अंधेरे में खालिस्तानी झंडे लगाए हैं ।
सिख फ़ॉर जस्टिस(SFJ) प्रमुख और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में घोषणा की थी कि 29 मार्च को शिमला में भिंडरावाले और खालिस्तान का झंडा फहराया जाएगा। SFJ प्रमुख पन्नू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर यह धमकी दी थी । बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने भिंडरावाले और खालिस्तानी झंडे ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसके चलते प्रतिबंधित संगठन हिमाचल प्रदेश सरकार से खार खाये हुए था।
इस संगठन ने CM जयराम ठाकुर को धमकी दी थी कि वह 29 मार्च को खालिस्तानी दिवस के दिन शिमला में झंडा फहराएगा । हालांकि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते वह ऐसा करने में नाकाम रहा था।
Himachal Pradesh सरकार को खुफिया एजेंसियों ने 26 अप्रैल को ही अलर्ट कर दिया था । खुफिया एजेंसियों ने राज्य सरकार को अलर्ट करते हुए कहा था कि खालिस्तानी समर्थक इस तरह की कोई घटना आने वाले दिनों में कर सकते हैं ।
Himachal Pradesh CM जयराम ठाकुर ने विधानसभा भवन के गेट और बॉउंड्री वाल पर खालिस्तानी झंडे लगाए जाने की निंदा करते हुए इसे कायराना कृत्य कहा है । उन्होंने अराजक तत्वों को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनमें साहस है तो वह रात के अंधेरे में छुपकर नहीं बल्कि दिन के उजाले में इस तरह का कोई काम करके दिखाएं फिर हम बताएंगे कि हम क्या कर सकते हैं ।
दरोगा बनना ही जिंदगी समझ ली थी मैं तो, घर से लड़ी थी, शादी नही करूंगी जब तक दरोगा नही बनूंगी
CM जयराम ठाकुर ने कहा-
मैं धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर खालिस्तान के झंडे लगाने की कायरतापूर्ण कार्रवाई की निंदा करता हूं। इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र होता है, इसलिए उस दौरान यहां और सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता है। घटना की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच के आदेश दिए हैं और FIR दर्ज़ की गई है। बताया गया है कि रात में इस घटना को अंजाम दिया है। CCTV में तस्वीरें कैद होनी के उम्मीद है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हम राज्यों से सटे बॉर्डर की सुरक्षा की समीक्षा करेंगे। “
बता दें कि Himachal Pradesh में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं । इसी वर्ष अक्टूबर में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं । पंजाब से सटे होने के कारण यहां अराजकतावादी लोगों द्वारा इस तरह के कृत्य आगामी चुनाव में माहौल खराब करने के लिए किए जा रहे हैं ।