आज का इतिहास: 12 पब्लिशर्स ने जिस नॉवेल को छापने से मना किया उस हैरी पॉटर पर बनी फिल्म ने कमाए 1 बिलियन डॉलर, जाने आज के दिन का इतिहास

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यह पूरी बात तो 90 के दशक की है। एक ब्रिटिश महिला अपनी मां की मौत के बाद बहुत ही व्यथित रहती थी। आखिरकार अपने ग़म को कुछ कम करने के लिए उसने एक नॉवेल लिखने के बारे में सोचा। अपनी इसी उधेड़बुन में वह एक दिन वह लंदन के किंग्स क्रॉस स्टेशन पर बैठी ट्रेन का इंतजार कर रही थी। तभी अचानक उसके दिमाग में अपनी पहली किताब के कैरेक्टर का ख्याल आया। फिर क्या था, उसने झट से नॉवेल की कहानी बुनी और उसे कागज पर उतारना शुरू कर दिया।

12 प्रकाशकों ने रिजेक्ट किया था नोवेल

 

ब्रिटिश लेखिका का यह पहला नॉवेल 12 प्रकाशकों से बैरंग ही वापस लौट आया। कि प्रयत्नों के बाद आखिरकार ब्लूम्सबेरी नाम के पब्लिशिंग हाउस ने इस किताब छापने का भरोसा दिया, लेकिन उस पब्लिशिंग हाउस ने पुस्तक को लेखिका का नाम बदल कर प्रकाशित करने की शर्त रख दी। खैर, लेखिका की महेनत रंग लाई ओर साल 1997 में नॉवेल प्रकाशित हुआ। इस नॉवेल ने मार्केट में आते ही धूम मचा दी और देखते ही देखते नॉवेल बेस्टसेलर बन गया। इसी नॉवेल का नाम था ‘हैरी पॉटर एंड द फिलॉसफर्स स्टोन’ और लेखिका का नाम था जेके रोलिंग। उस बाद तो लेखिका के नाम और लेखन की हर तरफ वाह वाह होने लगी और साल 1998 में इस किताब का दूसरा हिस्सा (पार्ट टु) भी पब्लिश हुआ और उसके बाद तो जैसे अगले हिस्से का इंतजार इस किताब के पढ़ने वालों की बेसब्री का इम्तिहान लेता हुआ नजर आ रहा था।

हैरी पॉटर सीरीज आठ फिल्में बनीं

 

 

हैरी पॉटर सीरीज के अब तक 7 नॉवेल रिलीज हो चुके हैं और सभी पर आठ फिल्में बन चुकी हैं। हैरी पॉटर को दुनिया के हर एक कोने में पहुंचाने में इन फिल्मों ने ही अहम भूमिका निभाई है। 16 नवंबर 2001 को हैरी पॉटर पर बनी पहली फिल्म ‘हैरी पॉटर एंड द फिलॉसफर्स स्टोन’ रिलीज हुई थी। इसके बाद लेखिका जेके रोलिंग ने 1 मिलियन डॉलर में अपनी 4 किताबों के सभी राइट्स वॉर्नर ब्रदर्स को बेच दिए थे।

सभी फिल्मों में डेनियल रेडक्लिफ ने निभाया हैरी पॉटर का किरदार

इस नॉवेल पर बनी सभी फिल्मों में डेनियल रेडक्लिफ ने हैरी पॉटर का किरदार(रोल) निभाया है। जब पहली फिल्म आई थी, तब डेनियल महज 11 साल के थे। हैरी और उसके दोस्त रोन वीसली, हरमाइनी (यह सभी मुख्य भूमिका में थे) के होगवार्ट स्कूल के एडवेंचर बच्चों को खूब पसंद आए थे। जेके रोलिंग की सभी 7 किताबों की 400 मिलियन कॉपी दुनियाभर की 60 भाषाओं में बिक चुकी हैं। इस नॉवेल पहली फिल्म क्रिस कोलंबस ने बनाई थी।

सभी फिल्मों ने कमाएं 7.7 बिलियन डॉलर

 

उस बाद इस नॉवेल पर फिल्मांकन का सिलसिला जारी ही रहा। साल 2002 में कोलंबस ने हैरीपॉटर की दूसरी फिल्म ‘हैरी एंड द चेंबर ऑफ सीक्रेट्स’ भी बनाई। मैक्सिको के डायरेक्टर अलफांसो क्यूरोन ने साल 2004 तीसरी फिल्म ‘हैरी पॉटर और द प्रिजनर ऑफ अज्काबान’ बनाई थी। 2005 में ‘हैरी पॉटर एंड गोल्बेट ऑफ फायर’ रिलीज हुई थी जिसे माइक न्यूवेल ने बनाया था। साल 2007 में पांचवीं फिल्म ‘हैरी पॉटर एंड द ऑर्डर ऑफ फीनिक्स’ और 2009 में छठी फिल्म ‘हैरी पॉटर एंड द हाफ ब्लड ऑफ प्रिंस’ आई थी। इन दोनों फिल्मों को डेविड येट्स ने डायरेक्ट किया था।

इसके बाद दो पार्ट में” हैरी पॉटर एंड द डेथली हैलोज” रिलीज हुई। इस फिल्म का पहला पार्ट साल 2010 में और दूसरा पार्ट 2011 में रिलीज हुआ था। इसे भी डेविड येट्स ने ही डायरेक्ट किया था। इन सभी आठ फिल्मों का बजट 1.2 बिलियन डॉलर का था। दुनिया भर में इन सभी फिल्म ने 7.7 बिलियन डॉलर से ज्यादा की कमाई की।

1945: सोलह नवंबर को UNESCO की स्थापना हुई थी।

 

साल 1942 का समय था। दुनिया द्रितिय विश्र्व युद्ध (सेकंड वर्ल्ड वॉर) से की मार झेल रही थी । चारों तरफ अफरा तफरी और तनाव फैला हुआ था। यह वह दौर था जब दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई थी। एक तरफ नाजी जर्मनी और सहयोगी राष्ट्र थे, जो धुरी राष्ट्र कहलाते थे । तो दूसरी तरफ यूरोप के अन्य देश थे, जो मित्र राष्ट्र कहलाते थे। इसी समय इंग्लैंड में मित्र राष्ट्र के सभी एजुकेशन मिनिस्टर की मीटिंग हुई। मीटिंग का नाम संक्षेप में केम रखा गया था, जिसका अर्थ होता है कॉन्फ्रेंस ऑफ अलाइड एजुकेशन मिनिस्टर।

 एस कहा जाता है कि उस दौर में युद्ध के परिणामों को यह सभी भांप गए थे। सभी एकजुट होकर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए एक तरह का संगठन बनाने पर विचार करने लगे। बैठक में शैक्षिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में काम करने वाली संस्था बनाने के प्रारूप पर भी चर्चा हुई थी। उस बाद 16 नवंबर 1942 से दिसंबर 1945 तक केम की मीटिंग होती रही। 16 नवंबर 1945 को UNESCO नाम से संस्था का गठन हुआ।

UNESCO (यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक, और कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन) का मकसद शिक्षा, संस्कृति के सहयोग से दुनिया में शांति और सुरक्षा स्थापित करना और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में दिए जस्टिस, ह्यूमन राइट और मौलिक अधिकारों की स्वतंत्रता पर वैश्विक सहमति बनाना था। UNESCO में 193 देश सक्रिय सदस्य हैं। 11 सहयोगी देश और दो देश सुपरवाइजर की भूमिका में हैं। UNESCO का हेडक्वार्टर पेरिस में  है। इसके अलावा UNESCO के 21 नेशनल और 27 क्लस्टर ऑफिस भी हैं। वर्तमान में UNESCO के महानिदेशक आंद्रे एंजोले हैं। हमारा देश साल 1946 से इस संस्था का सदस्य है।

16 नवंबर के दिन को इतिहास में और भी महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है। उन सभी घटनाओं का संक्षिप्त विवरण कुछ इस प्रकार है,

2019: गोटबाया राजपक्षे ने श्रीलंका चुनावों में जीत दर्ज हासिल की थी।

2017: जर्मनी में UN क्लाइमेट समिट में 19 देशों ने कोयले के उपयोग और व्यय कम करने की प्रतिज्ञा ली थी।

1996: अमेरिका ने मदर टेरेसा को मानद नागरिकता प्रदान की थी।

1988: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में करीब 11 सालों के लंबे अंतराल के बाद आम चुनाव आयोजित हुए। इस चुनाव का नतीजा यह आया था कि बेनजीर भुट्‌टो पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं थी।

1973: प्रख्यात शटलर पुलेला गोपीचंद का जन्म हुआ था। साथ 1980 में उन्होंने इंग्लैंड ओपन चैंपियनशिप जीती थी। अपने खेल को वे कुछ इस लगन और निष्ठा से खेलते थे कि साल 2001 में उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न और 2005 में पद्म श्री से नवाजा गया।

1930: भारतीय तैराक मिहिर सेन का जन्म हुआ था। साल 1958 में उन्होंने इंग्लिश चैनल को भी पार किया था। वह पहले ऐसे भारतीय और एशियाई तैराक जिन्होंने इंग्लिश चैनल पार करने की ख्याति प्राप्त की । साल 1966 में उन्के नाम एक और भी प्रसिद्धि हुई और वे हर महाद्वीप के वॉटर चैनल को तैरकर पार करने वाले पहले तैराक बने थे।

1849: वर्ल्ड फेमस रूसी लेखक फ्योदोर दोस्तोविस्की को एक अंडरग्राउंड संगठन के साथ तालमेल होने के आरोप में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।

1846: उर्दू भाषा के मशहूर शायर अकबर इलाहबादी का जन्‍म हुआ था।

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