Gyanvapi Mosque: उच्चतम न्यायालय ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई को शुक्रवार तक स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने वाराणसी अदालत की कार्यवाही पर भी शुक्रवार तक के लिए रोक लगा दी है। वहीं पर हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने यह बयान दिया के उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने की खबर से राजनीति गर्म है।
मुस्लिम पक्ष और बड़बोले बयान देने वाले नेता असदुद्दीन ओवैसी शिवलिंग को फव्वारा बता रहे हैं ।लेकिन हम यहां फव्वारा प्रेमी ओवैसी जैसे लोगों को बताना चाहेंगे कि पौराणिक ग्रंथों में जहां शिवलिंग होने का उल्लेख किया गया है एकदम वहीं पर शिवलिंग मिले हैं। नंदी बाबा वर्षों से जिस ओर देख रहे हैं वही भोले बाबा मिले हैं ।
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इस समय सोशल मीडिया पर Gyanvapi Mosque परिसर के बाहर हो रहे वीडियो को जरा गौर से देखिए इस वीडियो की क्वालिटी सही नहीं होने के बावजूद कोई भी इसे देख कर बता देगा कि वहां तो शिवलिंग है। जो से फव्वारा बता रहे हैं क्या वह जानते नहीं कि फव्वारे में छेद होता है और उसमें नीचे से पाइप भी होता है । जब इसमें नीचे पाइप नहीं है और ऊपर छेद नहीं है तो क्या यह कोई चमत्कारी फव्वारा था। सवाल यह भी उठता है कि शिवलिंग को फव्वारा कहने वाले फव्वारा प्रेमी इसको चला कर दिखा सकते हैं
जो लोग सर्वे के दौरान वहां मौजूद थे वह खुद बता रहे हैं कि वहां चिकनी काले पत्थर का शिवलिंग था। मुगल काल में प्रमुख हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया इस इतिहास से परिचित है मासिर-ऐ-आलम गिरी से लेकर वाराणसी में प्राचीन विश्वेश्वर मंदिर के विध्वंसक रहे यही नहीं जिस जगह शिवलिंग मिला है पौराणिक ग्रंथों में उसके वहीं पर होने की बात का उल्लेख भी है।
शीर्ष अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह निर्णय लिया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने महज पांच की सुनवाई के बाद उक्त निर्णय सुनाया।हिंदू पक्ष ने कहा कि हमने अभी हलफनामा दाखिल नहीं किया है इसलिए हमें और वक्त दिया जाए पीठ ने इस अनुरोध पर मुस्लिम पक्ष से पूछा कि आपको कोई दिक्कत है?
इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है बस निचली अदालत में दीवार तोड़ने और गुड़ खाने को लेकर सुनवाई होनी है। इसके बाद पीठ ने कहा कि हम आदेश जारी कर रहे हैं कि कोई भी कार्यवाही वाराणसी की निचली अदालत से ना की जाए। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि ज्ञानवापी मामले पर वह कल 3:00 बजे सुनवाई करेगा।
जब तक वाराणसी की सिविल अदालत इस मामले में कोई आदेश ना दें। इससे पहले हिंदू पक्ष के वकील विष्णूसंकर जैन ने कहा कि वरिष्ठ वकील हरिशंकर अस्वस्थ हैं इसलिए ज्ञानवापी मामले की सुनवाई कल की जाए इस पर मुस्लिम पक्ष की ओर से मौजूद वकील हुजेफ अहमदी ने कहा कि मामला गंभीर होने के कारण इसे आज ही सुना जाए ।
अहमदी ने कहा कि विभिन्न मस्जिदों को सील करने के लिए देशभर में कई आवेदन दायर किए गए हैं। वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में सुनवाई चल रही है और वज़ूखाना के चारों ओर एक दीवार को गिराने के लिए एक आवेदन दायर किया गया है ।अहमदी ने कहा कि एक वकील के बीमार होने के आधार पर सुनवाई स्थगित करने का विरोध नहीं कर सकते ।
लेकिन एक वचन दिया जाना चाहिए कि हिंदू भक्त सिविल कोर्ट की कार्रवाई के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे। इस पर वकील विष्णूसंकर जैन ने कहा कि वे पीठ को आश्वासन दे रहे हैं कि हिंदू पथ वाराणसी की सिविल कोर्ट में सुनवाई आगे नहीं बढ़ाएंगे। इसके बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस पी एन ने हिन्दू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन के कथन को रिकॉर्ड पर लिया और आदेश पारित करते हुए सिविल कोर्ट को मामले की सुनवाई शुक्रवार तक आगे नहीं करने को कहा।
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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नागेंद्र पांडे ने भी मीडिया से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि पुराणों में स्पष्ट रूप से ज्ञानवापी मंदिर और वहां स्थित एक ज्योतिर्लिंग के बारे में विस्तार से उल्लेख है । उन्होंने कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि वर्तमान में हमारे शास्त्रों में वर्णित मंदिर परिसर का एक हिस्सा था ।अब मुस्लिम पक्ष कह रहा है कि हम वहां वर्षों से नमाज पढ़ रहे हैं वह मस्जिद हमारी हुई ।इसलिए हिंदू पक्ष का कोई दावा नहीं बनता।