*जिला अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज तक लगाया चक्कर,
*मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दी वेंटिलेटर खाली ना होने की दलील
कोरोना संक्रमित बुजुर्ग महिला को शनिवार को उसका बेटा उसे लेकर 6 घंटे घूमता रहा लेकिन किसी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उसे वेंटिलेटर खाली नहीं है कहकर लौटा दिया।
सब्जी मंडी के पीछे रहने वाली 67 वर्षीय बुजुर्ग महिला की तबीयत 16 जुलाई को अचानक खराब हो गई। परिजन देर रात तक दाउदपुर स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए। कोविड-19 जांच की रिपोर्ट आने पर निजी अस्पताल में शनिवार को दोपहर 3:00 बजे के करीब मरीज को बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।बीआरडी से नकारात्मक जवाब मिलने पर बेटा संक्रमित मां को लेकर रेलवे अस्पताल और स्पोर्ट्स कॉलेज गया। दोनों जगह यह कहकर वापस कर दिया गया कि यहां केवल बिना लक्षण वाले मरीजों की भर्ती होती है।
जिला अस्पताल गया तो वहां से फिर 108 एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां खबर लिखे जाने तक भर्ती नहीं किया गया था।महिला के परिजनों ने जिला अधिकारी से फोन करके बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई।
कब होगा जिला अस्पताल के वेंटिलेटर का उपयोग
जिला अस्पताल में 23 बेड का कोविड बनाया गया है। इसमें 4 बेड पर वेंटिलेटर भी उपलब्ध है ।फिर भी जिला अस्पताल अपने वेंटिलेटर का इस्तेमाल नहीं कर रहा है।
सीएमओ डॉ श्रीकांत त्रिपाठी का इस मामले में कहना है कि जिस निजी अस्पताल में मरीज में संक्रमण की पुष्टि के बाद उसे बाहर नहीं निकालना चाहिए था।निजी अस्पताल को निर्देश दिया गया है कि वह संक्रमित मरीजों को भर्ती करें। जब तक मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर खाली नहीं होता, तब तक संक्रमित महिला का इलाज उसे ही सुनिश्चित करना चाहिए था।
प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉक्टर गणेश कुमार इस मामले में उनका कहना है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 गया है 40 बेड का वेंटिलेटर भी फूल है । जिसकी वजह से मरीज को भर्ती नहीं किया गया। जानकारी सीएमओ को भी दे दी गई है फिर भी उन्होंने केस यहां रेफर कर दिया।